इंफ्रास्ट्रक्चर / मुख्यमंत्री कमलनाथ बोले- बंगला डेढ़ एकड़ में, बिल्टअप एरिया 800 वर्गफीट, यह तो जमीन की बर्बादी है

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डिन्डोरी – जनपथ टुडे , 19.02.2020

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष काे स्मृति चिह्न भेंट किया ।

सरकारी प्रोजेक्ट्स के लिए वैकल्पिक स्रोतों से फंड जुटाने के विषय पर आयोजित की गई कार्यशाला
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए फिस्कल रिस्पांसिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए : मोंटेक सिंह आहलूवालिया

सरकारी अधिकारियों के बंगले डेढ़ एकड़ में बने हैं, लेकिन उनमें बिल्टअप एरिया सिर्फ 800 वर्गफीट का है। शेष जमीन बेकार पड़ी है। यह बंगले 40 साल पहले बने थे, लेकिन आज इनका उपयोग क्या है? आप नगरीय निकायों का राजस्व बढ़ाने के लिए अतिरिक्त एफएआर देने की बात करते हैं, जो शहर पहले ही आबादी के बोझ से दबा है, वहां एफएआर बढ़ाकर बोझ क्यों बढ़ाना चाहिए? यह सवाल मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उठाए।

वे यहां सरकारी प्रोजेक्ट्स के लिए वैकल्पिक स्रोतों से फंड जुटाने के विषय पर आयोजित कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा- सरकार को बजट प्रक्रिया से अलग हटकर वैकल्पिक और नवाचारी विचारों पर काम करने की जरूरत है। कार्यक्रम में एसीएस, पीएस व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, सरकारी-निजी बैंक और इंफ्रा फाइनेंस कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए प्राइवेट पार्टनरशिप एक अच्छा विकल्प

योजना आयोग (अब नीति आयोग) के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने कहा है कि सब्सिडी के बजाय अगर किसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में काम करने के कारण वित्तीय घाटा होता है तो मेरी नजर में यह बेहतर है। इन प्रोजेक्ट के लिए धन की उपलब्धता में आसानी हो इसके लिए फिस्कल रिस्पांसिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। मोंटेक ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए प्राइवेट पार्टनरशिप एक अच्छा विकल्प है, लेकिन इसमें रिस्क यह है कि सरकार बदलने पर चल रहे प्रोजेक्ट का क्या होगा?

पावर सेक्टर में निजी भागीदारी के लिए खोलने होंगे दरवाजे

मुख्यमंत्री ने कहा- सरकार पावर जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन का काम करने वाली सभी 6 कंपनियों में निजीकरण की संभावनाएं तलाश रही है। जल्द ही इस बारे में निजी कंपनियों से मिलने वाले प्रस्ताव पर विचार होगा। कार्यक्रम में विभागों को चार भागों में बांटकर वैकल्पिक वित्त के सुझाव मांगे गए थे। अपर मुख्य सचिव मो. सुलेमान एनर्जी सेक्टर में वैकल्पिक वित्त की संभावनाओं पर सुझाव दिए। मप्र सरकार पावर ट्रांसमिशन सेक्टर में 10% हिस्सेदारी बेच सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ ट्रांसमिशन में नहीं, हमें पावर जेनरेशन सेक्टर के दरवाजे भी प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलना चाहिए।

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