स्कूल में शौचालय की सफाई और प्रताड़ना से त्रस्त बच्चा नहीं जा रहा स्कूल
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 11 अक्टूबर 2021,आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले के विकास खंड बजाग अंतर्गत पड़रिया डोगरी स्थित प्राथमिक शाला में अध्ययन कर रहे छोटे-छोटे बच्चों से वहां की प्रधान पाठक मंजू लता रौतेल पर शौचालय की साफ सफाई कराने सहित इसकी जानकारी बालक द्वारा घर पर देने के चलते मारपीट किए जाने के आरोप लग रहे है। बताया जाता है कि डर के कारण बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार संकुल बजाग के अंतर्गत पड़रिया डोगरी स्थित प्राथमिक शाला में अध्ययन कर रहे साहिल पिता सुखदेव मरावी निवासी पड़रिया डोंगरी उम्र 7 वर्ष, कक्षा तीसरी का छात्र है। उसने बताया कि उससे प्राथमिक शाला में पदस्थ प्रधान पाठक मंजू लता रौतेल के द्वारा शौचालय की सफाई करवाई गई थी। जिसकी जानकारी बच्चे ने अपने माता-पिता को दे दी। घटना से हताहत होकर बच्चे के पिता सुखदेव मरावी प्रधान पाठक मंजू लता रौतेल से जानकारी लेनी चाहिए लेकिन आज देने से मना कर दिया गया और फोन काट दिया गया। बच्चे के विद्यालय आने पर प्रधान पाठक मंजू लता रौतेल तिलमिला उठी और बच्चे से मारपीट की, जिससे मासूम बच्चे के मन में इतना डर बैठ गया है कि वह स्कूल नहीं जा रहा है। बच्चे के माता पिता के द्वारा दूसरे दिन विद्यालय पहुंचकर जानकारी लेनी चाही पर विद्यालय में पदस्थ शिक्षक राकेश मशूरकर के द्वारा बच्चे के माता-पिता के साथ अभद्र व्यवहार किए जाने की बात बच्चे के अभिभावक बता रहे है। वहीं मामले को लेकर स्कूल का कोई भी जिम्मेदार ठीक से सही सही जवाब नहीं दे रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षकों की प्रताड़ना से स्कूल छोड़ देते है बच्चे
देश का भविष्य इन छोटे-छोटे बच्चों से शिक्षकों के द्वारा मारपीट किए जाने पर शासन द्वारा कड़ाई से रोक लगाई गई है। तब भी कुछ शिक्षकों के कारण पूरा शिक्षा जगत बदनाम हो रहा है वहीं ऐसे शिक्षकों पर कठोर कार्यवाही नहीं किए जाने से उनके ऐसे कारनामों से बच्चों के कोमल ह्रदय में व्याप्त भय जीवन भर के लिए उन्हें शिक्षा से दूर कर देता है। बच्चों की मनोस्थितियों पर इन छोटी छोटी घटनाओं के दूरगामी असर को लेकर किए गए मनोवैज्ञानिक शोध के चलते शिक्षकों पर कड़ी पाबंदियां लगाई गई है। किन्तु ग्रामीण अंचलों में शिक्षक आज भी रूढ़िवादी तरीकों से गरीब बच्चों पर मनमानी कर रहे है, मारपीट और प्रताड़ना दी जाती है। इसी के चलते ग्रामीण आदिवासी अंचल में बड़ी संख्या में बच्चे स्कूल और शिक्षा से दूर होते देखे जा सकते है। ऐसे शिक्षकों और विभाग के अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। बताया जाता है कि उक्त शिक्षिका लगातार लगभग बीस वर्षों से इसी विद्यालय में पदस्थ है। बताया जाता है कि उनके बचाव में कई कथित जन प्रतिनिधि कार्यवाही नहीं किए जाने को लेकर अधिकारियों पर भी दबाव डाल रहे है और मीडिया कर्मियों को भी धमकाए जाने वाले चर्चा है। जिससे मामला और भी गंभीर होता जा रहा है।
इस मामले में जहां ख़बर कर रहे मीडिया कर्मियों को धमकी दिए जाने और दबाव दिए जाने की बाते सामने आ रही है वहीं सूत्र बताते है कि शिक्षिका द्वारा मामले की शिकायत पुलिस थाने में की गई है। विभाग के अधिकारियों को जानकारी दिए बिना अभिभावकों पर दबाव बनाने के लिए इस तरह के प्रयास शिक्षिका द्वारा किए जाने वाले चर्चा है। वहीं विभाग के अधिकारी अब तक जांच करवा कर प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा का राग ही अलाप रहे है। अब तक कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है।
इनका कहना है –
मुझे जानकारी हुई है कि पड़रिया डोंगरी स्थित विद्यालय में बच्चे से शौचालय साफ करवाया गया है और मारपीट की गई है। जो पूरी तरह से गलत है। मैं जन शिक्षक को भेजकर पता करवा रहा हूं। अगर ऐसा हुआ है तो शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बृजभान सिंह गौतम
बीआरसी, बजाग, डिंडोरी,
अगर बच्चे से मारपीट एवं शौचालय साफ कराया गया है तो वहां पर पदस्थ एचएम मंजूलता रौतेल के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
बी एस पेंद्राम
बी ओ बजाग,