शिक्षक संघ ने राज्यपाल के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

Listen to this article




स्वास्थ बीमा योजना लागू करने, दक्षता परीक्षा रोकने, निजी स्कूलों को मनमानी मान्यता की जांच की रखी मांग

जनपथ टुडे, 1फरबरी 2021, डिंडोरी, आज समग्र शिक्षक संघ जिला शाखा डिण्डोरी इकाई ने बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंच कर माननीय राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रदेश के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय कर्मचारियों की भांति स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की जाए, जिससे कर्मचारी और उनके आश्रित परिजनों को सुगमता पूर्वक निजी अस्पतालों में सीधे इलाज मिल सकेगा केंद्र की तर्ज पर योजना लागू करने पर प्रदेश सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं आएगा, क्योंकि जो बजट प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कर्मचारियों की बीमारी के इलाज में सहायता हेतु जारी की जाती है जिससे एक तो कर्मचारियों को समय पर सहायता नहीं मिलती दूसरी ओर इस मदद का अधिकांश हिस्सा बंदरबांट और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। जबकि उसी बजट में यह योजना क्रियान्वयन हो सकती है इससे एक तो भ्रष्टाचार और बंदरबांट पर रोक लगेगी दूसरी और इसका लाभ सीधे पीड़ित को मिलेगा।

 

शिक्षकों  सिर्फ शिक्षण कार्य का दायित्व सौंपा जाए अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को पूरी तरह मुक्त रखा जाए वर्तमान में आयुक्त लोक शिक्षण के आदेश को दरकिनार कर प्रदेश भर में शिक्षकों को बीएलओ सहित अन्य गैर शिक्षण के कार्यों में लगाया गया है जिससे शिक्षकों को पूरी तरह मुक्त किया जाए।

विशेष आयु वर्ग के शिक्षकों को जोखिम वाले कार्यों के साथ-साथ चुनाव ड्यूटी तथा स्थानांतरण से पूरी तरह मुक्त रखा जाए।

 

माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में परीक्षा परिणाम 40 फ़ीसदी से कम होने पर शिक्षकों की दक्षता परीक्षा का जो नया प्रयोग शुरू किया गया उसका शिक्षा संहिता में न तो कोई प्रावधान ही है और न ही दक्षता परीक्षा के आधार पर शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का कोई नियम है। यह विचारणीय पहलू है कि 10th के परीक्षा परिणाम हेतु माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को तथा 12th के खराब परिणाम हेतु हाई स्कूल के शिक्षकों को उत्तरदाई मानकर दक्षता परीक्षा का आयोजन समझ से परे है। जबकि खराब परीक्षा परिणाम हेतु विभाग की गलत नीतियां ही सबसे पहले जवाब दे हैं। जिसमे 1 से 8 तक की कक्षाओं में जनरल प्रमोशन स्कूल में विषय शिक्षक की कमी साल भर चलने वाले मनमाने स्थानांतरण के कारण खाली पड़े स्कूल आदि शामिल है। अतः इस नियम विरुद्ध परंपरा को तत्काल समाप्त किया जाए एक शाला एक परिसर जैसी योजनाएं जिनके शिक्षा का अधिकार अधिनियम में कोई उल्लेख नहीं है के नाम पर सरकारी स्कूलों को लगातार बंद किया जा रहा है। जबकि आरटीई के मापदंडों का पालन न करने वाले हजारों प्राइवेट स्कूलों को प्रदेश भर में नियम विरुद्ध मान्यता दी गई है। जिस कारण प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में विगत वर्षों में लगातार छात्र संख्या कम हुई है दूसरी और नियम विरुद्ध फर्जी निजी स्कूलों की मान्यता की जांच कर उन्हें बंद कराया जाए तथा दोषी अधिकारियों के विरुद्ध आर्थिक अपराध का मामला दर्ज किया जाए तथा सरकारी स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया को रोका जाए।

वही इन मांगों पर आगामी 15 दिनों में विचार न होने की स्थिति में प्रदेश के स्कूल शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत हजारों शिक्षक प्रांत व्यापी आंदोलन की शुरुआत करेंगे जिसकी समस्त जवाबदेही मध्यप्रदेश शासन की होगी। जिला अध्यक्ष भूपत सिंह कुलस्ते, जिला सचिव जीवनदास गवले, जिला संयुक्त सचिव रामाधार मरकाम, जिला प्रवक्ता श्री राम साहू, जिला महामंत्री नेम सिंह सैयाम, जिला अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ श्रीमती विद्या परस्ते, जिला कोषाध्यक्ष मदन सिंह माधवी, जिला सह कोषाध्यक्ष संजय कुमार साहू समग्र शिक्षक संघ मध्य प्रदेश जिला शाखा डिंडोरी के समस्त कार्यकर्ता मौजूद रहे।


Related Articles

Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809 666000