बिना नोटिस काटा बिजली कनेक्शन, जल आपूर्ति प्रभावित ग्रामीण परेशान

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 22 अक्टूबर 2021, विद्युत विभाग की मनमानी और अफसरशाही के चलते मेहंदवानी विकासखंड के ग्राम पंचायत खरगवारा की नल जल योजना की विद्युत आपूर्ति अचानक बन्द कर दिए जाने से गांव में जल संकट गहरा गया है। पिछले दो दिन से ग्रामीणजन पानी के लिए भटक रहे है। विद्युत विभाग के कर्मचारियों के द्वारा जूनियर इंजीनियर के आदेश पर 20 अक्टूबर बिजली कनेक्शन काट दिए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। जिससे गांव में पानी को लेकर समस्या खड़ी हो गई है। कोई नाले से पानी ला रहा है, कोई नदी से पानी ला रहा है कोई तालाब से ला रहा है इस तरह से त्योहार पूर्व गांववासियों के सामने विकट जल संकट खड़ा हो गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मेहदवानी में पदस्थ नए जे.ई से बात करने पर वह 1,22,000 रुपए की मांग ग्राम पंचायत सचिव से कर रहे है। जबकि हर माह बिजली बिल भुगतान पंचायत द्वारा कर दिया जाता रहा है। गत माह का जो बिजली बिल ग्राम पंचायत मेंआया है। उसमें भी पंचायत के द्वारा ज्यादा राशि विद्युत विभाग को भुगतान किया गया दर्शाया गया है, और भुगतान योग्य राशि ₹ – 14307 है। तब भी विद्युत विभाग के द्वारा जनहित की अनदेखी करते हुए नल जल योजना का विद्युत कनेक्शन काट दिया गया। विभाग के मैदानी अमले की लापरवाही और मनमानी के चलते ग्रामवासी जल संकट का सामना कर रहे है। बताया जाता है कि मीटर रीडिंग किए बिना ही बिल जारी कर दिया जाता है और खुली मनमानी विद्युत मण्डल की चल रही है।

अफसरशाही के चलते खड़ा हुआ संकट

ग्राम सचिव ने जानकारी में बताया कि लगभग चार वर्षो से ग्राम में नल जल योजना संचालित है और विभाग द्वारा निर्धारित शुल्क मासिक रूप से 3679 रू. पंचायत जमा करती रही है। विभाग के द्वारा जारी बिल के अनुसार अक्टूबर माह का बिजली बिल माइनस 14 हजार रूपए के लगभग है। तब भी विद्युत मण्डल ने अचानक बिना किसी पूर्व नोटिस, सूचना अथवा वसूली की जानकारी प्रदान किए सार्वजानिक नल जल योजना की बिजली काट दी और अब पूर्व शेष 1,22,000 रुपए जमा करने की बात जे. ई. द्वारा की जा रही है। अचानक से इतनी बड़ी राशि का भुगतान पंचायत के लिए कठिनाई का सबब बन गया है। वहीं ग्रामवासी त्यौहार के समय पानी के लिए भटकने मजबूर है।

बताया जाता है कि मेहंदवानी में नए आए जे. ई. के द्वारा यह कार्यवाही की गई है। जबकि पूर्व में निर्धारित व्यवस्था के अनुसार पंचायत द्वारा बिजली बिल का पहले ही अधिक भुगतान किया जा चुका है जिसकी पुष्टि विद्युत मण्डल का अधिकृत रूप से वितरित किया गया बिजली बिल करता है। किन्तु नए साहब का नया आंकलन ग्रामीणों के लिए संकट बन गया है। सवाल यह है कि पूर्व में मण्डल की व्यवस्था, नियम और बिल का निर्धारण आखिर अचानक नए साहब के आने से कैसे बदल गया? दूसरा यदि पंचायत पर उनके हिसाब से बकाया निकल भी रहा है तो मण्डल की चूक से, जिसके निपटारे के लिए ग्राम पंचायत को नोटिस देकर कुछ समय दिया जाना था। चुकी इस कार्यवाही से जनहित प्रभावित हो रहा है अतः विद्युत विभाग के नए आला अफसर को गंभीरता पूर्वक निर्णय लेना था। पूर्व में बिजली भुगतान के आंकलन में मण्डल की चूक का खमियाजा ग्राम पंचायत और आमजनता क्यों भुगते यह बड़ा सवाल है। जिन अधिकारियों की कार्यप्रणाली से जनहित प्रभावित हो उनके विरूद्ध विद्युत मण्डल के वरिष्ठ अधिकारियों से कड़ी कार्यवाही अपेक्षित है।

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