
तरच परिवहन जांच चौकी बनी लूट का अड्डा, वाहनों से अवैध वसूली
एंट्री के नाम पर वाहनों से अवैध वसूली जारी
ट्रकों से ₹7000 महीना एंट्री लेने के आरोप
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 24 अक्टूबर 2021, शहडोल से पंडरिया छत्तीसगढ़ मार्ग पर बजाग क्षेत्र के ग्राम तरच में स्थापित परिवहन जांच चौकी लूट का अड्डा बन गई है। वाहन चालकों द्वारा बिना किसी रसीद के पैसे वसूले जाने का आरोप जांच चौकी में पदस्थ कर्मियों पर लगाए गए हैं। वाहन चालकों से प्राप्त जानकारी पर जब हमारे प्रतिनिधि ने परिवहन जांच चौकी पर नियुक्त अमले से बात करना चाही तो वे कोई उत्तर न देते हुए, कैमरे से बचने का प्रयास करते रहे। जबकि वहीं वाहन चालक चौकी पर ही खुलेआम अवैध वसूली का आरोप लगाते रहे। मामला विगत 22 अक्टूबर का है।
बजाग के स्थानीय डंपर मालिक टीकाराम मरावी ने बताया कि उनका डंपर रेत लेकर आया था। जिसके सभी दस्तावेज दुरुस्त हैं साथ ही रेत की रॉयलटी भी है तब भी नाके पर कर्मचारियों ने उनसे ₹1000 लिए और इस राशि की कोई रसीद नहीं दी गई। उनके अनुसार बाहर से आने वाले वाहनों से एंट्री के नाम पर और भी अधिक मनमानी वसूली की जाती है।
इसी तरह रघु साहू, बजाग का आरोप है कि परिवहन जांच चौकी पर मासिक एंट्री चार्ज ₹7000 अथवा हर चक्कर के 700 रू. की अवैध वसूली की जा रही है। नाके पर रकम न देने पर कर्मचारियों द्वारा अनावश्यक रूप से तंग किया जाता है। जांच के नाम पर घंटों वाहन खड़ा रखा जाता है। इसी तरह छत्तीसगढ़ से आ रहे एक वाहन चालक ने बताया कि सारे कागजात के बाद सही होने के बाद भी उनसे परिवहन जांच चौकी के कर्मचारियों द्वारा ₹1500 की वसूली की गई। वाहन चालकों द्वारा चौकी की कार्य प्रणाली पर आरोप लगाने की इसके अलावा कोई वजह नहीं है कि वह अनावश्यक वसूली से परेशान हैं।
रोज हो रहा लाखों का खेल
वाहन चालकों द्वारा पहले भी इसी तरह के आरोप तरच परिवहन जांच चौकी पर लगाए जाते रहे हैं। वाहन चालकों के आरोप और प्रतिदिन इस मार्ग से गुजरने वाले वाहनों का आंकलन किया जावे तो 50 से 100 वाहन इस मार्ग से गुजरते ही हैं। जिनसे जांच चौकी पर प्रतिदिन की जा रही है अवैध वसूली लाख से डेढ़ लाख रुपए का औसत आता है। सतत जारी इस मनमानी प्रक्रिया को सरकारी कर्मचारियों द्वारा की जा रही लूट के अलावा और क्या कहा जा सकता है? इस परिवहन चौकी पर 24 घंटे लगभग आधा दर्जन लोग मुस्तैद दिखाई देते हैं। इनमें से अधिकांश कैमरे के सामने मुंह छुपाते नजर आते हैं। सूत्रों की माने तो विभाग द्वारा तैनात कर्मचारियों के अलावा अनाधिकृत तत्व यहां पदस्थ कर्मियों द्वारा वसूली हेतु रखे गए हैं। यदि चौकी पर अवैध वसूली नहीं होती है तब इन लोगों का मेहनताना कौन देता है? क्या परिवहन विभाग के कर्मियों को सरकार इतना वेतन देती है कि वह आधा दर्जन लोगों को मजदूरी दे सके?
इनका कहना है:
“जांच चौकी के प्रभारी श्री राठौर का कहना है कि इस तरह की कोई वसूली चौकी पर नहीं की जाती है। यदि आपके पास कोई प्रमाण हो तो आप दे कार्यवाही की जाएगी।”
उल्लेखनीय है कि श्री राठौर तरच के साथ ही साथ मोतीनाला जिला मंडला के भी परिवहन जांच चौकी प्रभारी हैं और बताया जाता है कि वह अधिकांश मोती नाला चौकी पर ही रहते हैं।