उपस्वास्थ्य केंद्रों में मरम्मत बनी मजाक, अधिकारियों का खुला संरक्षण

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समय अवधि पूर्ण होने के बाद भी जर्जर पड़े उपस्वास्थ्य केंद्र

NRHM द्वारा मरम्मत कार्यों की जानकारी देने से बचने के प्रयास

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 25 अक्टूबर 2021, जिले में करोड़ों रुपए की लागत से हो रहा उपस्वास्थ्य केंद्रों की मरम्मत का कार्य सबइंजीनियर और एसडीओ की अनदेखी के चलते न सिर्फ घटिया और गुणवत्ताविहीन किये जा रहे है बल्कि सालभर के बाद भी ठेकेदारों ने कार्य पूरा नहीं किया है। जिससे अब तक ये भवन अनुपयोगी साबित हो रहे है जबकि मरम्मत कार्य के नाम पर अधिकारियों की मिलीभगत से खासी राशि का भुगतान ठेकेदारों को किया जा चुका है। निविदा होने के बाद दो वर्षाकाल बीतने पर अब करंजिया और बजाग ब्लॉक में छत मरम्मत के कार्य करवाए जा रहे है जिसकी गुणवत्ता पर अभी से ही सवाल उठ रहे है। ठेकेदार ने 18 भवनों में से एक भी भवन पूर्ण नहीं किया है, जबकि ठेके की समयावधि समाप्त हुए दो माह गुजर चुका है। वहीं समनापुर ब्लॉक के 6 भवनों की मरम्मत ठेकेदार ने 6 माह के बजाय साल भर में पूर्ण की गई।

जिस पर NRHM के जबलपुर में बैठे SDO का कहना है कार्य में देरी के लिए नियमानुसार पेनाल्टी राशि ठेकेदार से काटी जायेगी। काम समय पर पूरा कराने और गुणवत्ता की उन्हे परवाह नहीं है शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किय जा रहे किन्तु तकनीकी अमले की मनमानी से मरम्मत के नाम पर मजाक बनाया जा रहा है। अमले की रुचि सिर्फ ठेकेदारों को भुगतान करने में है। सूत्र बताते है कि पदस्थ सब इंजीनियर ट्रांसफर होने के बाद भी ठेकेदारों के बिल बना कर गई है जिससे उनको भुगतान हो जाए।

मनमानी का नमूना बने भवन :

उपस्वास्थ्य केंद्र भूसंडा  करंजिया  ब्लॉक के भूसंडा में मात्र पुताई पेंटिंग का काम लगभग साल भर पहले किया गया। जिसमें बाउंड्री में लगा गेट गायब है पर ठेकेदार रंग रोगन करके काम समाप्त कर चुका है। इस भवन में इलेक्ट्रिक फिटिंग, सैनेट्री फिटिंग्स अभी की स्थिति में भी अस्त व्यस्त है। कार्य की गुणवत्ता और विभाग की देखरेख का उम्दा नमूना भी यहां देखा जा सकता है परिसर की बाउंड्री वाल को बाहर की तरफ पोत कर ठेकेदार ने भीतर की ओर पुताई भी जरूरी नहीं समझी तब भी जिले में पदस्थ उपयंत्री अपनी आंखें मूंदे बैठी रही और ठेकेदार का भुगतान किया जाता रहा। जानकारी के मुताबिक इस भवन में मात्र पुताई और पेंटिंग कार्य ठेकेदार द्वारा किया गया है, टाइल्स खिड़की दरवाजे अब भी टूटे फूटे देखे जा सकते है। सूत्रों की माने तो इन भवनों के उन्नयन कार्य हेतु लगभग 6.00 लाख रुपए प्रति भवन राशि स्वीकृत की गई है, जिसने से ठेकेदार को भी काफी भुगतान किया जा चुका है और वास्तव में कार्य हुआ ही नहीं।

साल भर बाद भी जर्जर स्थिति में उप स्वास्थ्य केंद्र

उपस्वास्थ्य केंद्र सैलवार

करंजिया विकासखंड के ही सैलवार और जाड़ासुरंग उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति ठेका अवधि समाप्त होने के बाद भी जर्जर दिखाई देती है। जो विभाग और उपयंत्री द्वारा ठेकेदार को दिए जा रहे खुले संरक्षण का नमूना है। ठेकेदार द्वारा मात्र दो कक्षों में टाइल्स का कार्य किया गया है, इसके अलावा साल भर गुजरने के बाद भी भवन जर्जर पड़ा हुआ है।

उपस्वास्थ्य केंद्र जारासुरंग

अधिकतर भवनों का रंग पोत का चमका दिया गया है उनके खिड़की दरवाजे और फिटिंग्स अभी तक ठीक नहीं किए गए है। शौचालयों की दशा ठेकेदार द्वारा काम किए करने के बाद भी दयनीय स्थिति में हैं। पंडरीपानी में शौचालय में ठेकेदार द्वारा किए गए टाईल्स का कार्य जिले में NRHM के तकनीकी अमले की कुंभकर्णी नींद और ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे घटिया कार्य के उच्चतम मापदंडों का प्रदर्शन करते दिखाई देते है। पदस्थ अमले ने बताया की ठेकेदार के कार्य करने के बाद से लेट्रिन चोक ही गई है।

उपस्वास्थ्य केंद्र पंडरीपानी

करंजिया विकासखंड के कबीर का भवन ठेकेदार द्वारा किए गए अद्भुद मरम्मत कार्य की बानगी पेश करता नजर आता है। जहां मरम्मत कार्य पूर्ण होने के पूर्व ही सीढ़ियों की टाईल्स निकल कर अलग पड़ी है वहीं विट्रीफाइड टाइल्स से रैंप बना, ठेकेदार के कार्य और विभाग के तकनीकी अमले कि योग्यता पर भी सवाल खड़ा करता है।

मरम्मत कार्यों की जानकारी देने से बच रहा है NRHM भोपाल

NRHM की जिले में पदस्थ उपयत्री से लेकर कार्यालय कार्यपालन यंत्री और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल, कार्यालय तक इन भवनों की मरम्मत कार्य से संबंधित जानकारियां विधिवत तरीके से मांगे जाने पर घटिया निर्माण कार्य और मनमानी पर पर्दा डालने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।

जिले में 4 करोड़ की राशि से करवाए जाने वाले मरम्मत कार्यों गड़बड़ी और गोलमाल पर पर्दा डालने के लिए एनआरएचएम हरसंभव प्रयास किया जा रहा है जो की नीचे से ऊपर तक मिलीभगत का संकेत है। इन कार्यों में अब तक खर्च की गई राशि, भवनों किए गए कार्यों, एस्टीमेट, ठेकेदार व निविदा दर की जानकारी न तो सब इंजीनियर द्वारा दी गई न ही एसडीओ ने दी। जिले में 8 जुलाई 2021को आरटीआई के तहत जानकारी मांगे जाने पर एक माह बाद जवाब दिया जाता है यह हमारे कार्य क्षेत्र में नहीं है। भोपाल कार्यलय से प्राप्त कर सकते है। 5 सितंबर 2021 को भोपाल कार्यालय में RTI के आवेदन पर लोक सूचना अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भोपाल द्वारा नस्ती क्रमांक एफ -758,759 के तहत मुख्य सलाहकार (सिविल) को जानकारी उपलब्ध करवाए जाने हेतु पत्र लिखा गया। महीने भर बाद जवाब दिया जाता है चाही गई जानकारी बहुत विस्तृत है। कार्यालय के कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, आवेदक कार्यालय में उपस्थित होकर दस्तावजों को चिन्हित कर ले तब छायाप्रति उपलब्ध करवाई जावेगी। उक्त मामले पर NRHM में शीघ्र अपील की जावेगी। यहां सवाल यह है इन कार्यों के सम्बन्ध में हमारे द्वारा मांगी गई जानकारी उपयंत्री, एसडीओ से लेकर एनआरएचएम भोपाल कार्यालय में सभी के पास डाटा उपलब्ध है तब भी जानकारी देने से सभी बचने का प्रयास क्यों कर रहे है। यदि कार्यों और किए गए भुगतान ठीक है तो जिले से लेकर ने भोपाल तक NRHM के जिम्मेदार मामले पर पर्दा डालने की कोशिश क्यों कर रहे है?

मरम्मत कार्यों की जांच से बड़ा खुलासा संभव

NRHM के वरिष्ठ अधिकारियों से जनहित में अपेक्षा है कि जिले में करोड़ों रुपए की लागत से कराए गए कार्यों की गुणवत्ता, किए गए भुगतान, वास्तविकता में हुए कार्यों और अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से दी गई समय वृद्धि और लेट लतीफी के बाद भी ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं किए जाने की जांच करवाई जावे। जांच में ठेकेदार और अधिकारियों के गठजोड़ के चलते शासन की राशि में किए जा रहे गड़बड़झाले और मैदानी स्थिति बहुत खराब होने का बड़ा खुलासा हो सकता है। साथ ही अधिकारियों की मनमानी के चलते पिछड़े और आदिवासी अंचल दुर्दशा का शिकार हो रहे है इन दोषियों पर कार्यवाही की जानी चाहिए।

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