दो बार तबादले के बाद भी जिले में डटे है, उपसंचालक कृषि

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इरफ़ान मालिक :

गड़बड़ियों और आरोपों से घिरा कृषि विभाग

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 30 अक्टूबर 2021, राज्य शासन के स्थानांतरण आदेश के बाद भी स्थानांतरित कृषि विभाग के अधिकारी न केवल अपने पद पर डटे हुए है बल्कि अपनी कार्यप्रणाली और गड़बड़ियों के चलते खासे चर्चित भी है। बताया जाता है कि शासन द्वारा उनका तबादला पहले निवाड़ी किया गया उसके बाद पुनः संशोधित आदेश के अनुसार पिछले माह उनका तबादला ग्वालियर किया गया है। किन्तु फिर भी उच्च अधिकारी व राजनीतिक संरक्षण के चलते वे जिले में ही डटे है। मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के स्थानांतरण आदेश क्रमांक एफ 1ए – 02/2021/ 14–1 दिनांक 09/02 /2021 के तहत विभाग के अधीन कार्यरत सहायक संचालक कृषि को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करते हुए अस्थाई रूप से अग्रिम आदेश तक नवीन पदस्थापना के लिए स्थानांतरित निवाड़ी कर दिया गया था। लेकिन राज्य शासन के इस आदेश को धता बताते हुए डिंडोरी कृषि विभाग में कृषक प्रशिक्षण केंद्र डिंडोरी में पदस्थ अश्विनी झारिया सहायक संचालक बदस्तूर अपने पद पर बने रहे और उन्हें भारमुक्त नहीं किया गया है। इसके उपरांत 6/9/2021 को विभाग द्वारा संशोधित स्थानांतरण आदेश जारी करते हुए उनका स्थानांतरण ग्वालियर कर दिया गया, इसके बाद भी उक्त अधिकारी जिले से भार मुक्त नहीं हुए और वे जिले में अभी भी डटे हुए है जबकि कृषि विभाग भोपाल द्वारा उनका दोबारा तबादला आदेश जारी किया गया है।

जिला कलेक्टर से महिला कर्मी ने की थी शिकायत

उक्त अधिकारी के ऊपर पिछले दिनों एक दैनिक वेतनभोगी महिला कर्मी ने गंभीर आरोप लगाते हुए जिला कलेक्टर से शिकायत भी की थी। उक्त महिला कर्मी से विवाद का वायरल हुआ आडियो भी चर्चा का विषय रहा उक्त आडियो में अधिकारी पर कमीशनखोरी के आरोप महिला कर्मी द्वारा लगाए गए थे किन्तु उक्त अधिकारी के प्रभाव के चलते अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही का खुलासा नहीं हुआ है और सूत्र बताते है कि सब कुछ निपटा लिया गया है। वहीं इस वर्ष प्रदर्शन बोर्ड और प्रचार प्रसार का कार्य बिना टेंडर बाहरी फर्म को दिए जाने और मनमाने तरीके से शासन की राशि खर्च करने को लेकर भी स्थानीय कारोबारी द्वारा उक्त अधिकारी की शिकायत पर भी लीपापोती की जाने की चर्चाएं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग के अमले की बजाय अन्य अकाउंटेंट से कार्यालय का कार्य करवाया जाता है और प्रभारी उप संचालक द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं में जम कर गोलमाल किया जा रहा है वहीं विभागीय अमले की अपेक्षा उनके द्वारा किए जाने की चर्चाएं है।

किन्तु सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार संबंधित अधिकारी को कुछेक उच्चाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है जिसके बूते पर वह राज्य शासन के आदेश को निष्प्रभावी बनाए हुए हैं। वहीं विभाग में चल रहे गोलमाल को लेकर शीघ्र बड़े खुलासे हो सकते है।

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