सहकारी समिति में विक्रेता पद पर नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोप
लेम्पस निगोरी भानपुर का मामला हुआ उजागर
कलेक्टर से हुई शिकायत
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 30 अक्टूबर 2021, आदिम जाति सेवा सहकारी समिति अंतर्गत लैंप्स निगोरी भानपुर में कनिष्ठ संविदा विक्रेता नियुक्ति में गड़बड़ी बरतने के आरोप लग रहे हैं। इस बाबत कलेक्टर से भी लिखित शिकायत करते हुए नियुक्तियों को अवैध करार देने की मांग की गई है।
शिकायतकर्ता ने प्रभारी प्रबंधक पर मनमानी करते हुए अपने पुत्र और एक अन्य रिश्तेदार को बगैर ONLINE आवेदन और अपात्र होते हुए विक्रेता पद पर नियुक्त करने के आरोप भी लगाए हैं। जिसके चलते संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। कलेक्टर के नाम प्रेषित आवेदन में शिकायतकर्ता गोवर्धन मरावी पिता एसएस मरावी आयु 25 वर्ष निवासी मारगांव ने बताया कि 2018 में कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्था ने कनिष्ठ संविदा विक्रेता नियुक्ति हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे, जिसके तारतम्य में जनवरी 2021 में जिला कार्यालय पर आवेदकों से शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य प्रमाण पत्र सत्यापन हेतु तलब किये गये और मई 2021 में चयन सूची जारी कर दी गई। इस प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए गोवर्धन ने बताया कि सूची में उसको 93 प्रतिशत अंक के साथ तीसरे स्थान पर घोषित किया गया था। लेकिन चयन सूची में गोवर्थन की वरियता को दरकिनार रख 81 प्रतिशत पाकर आठवें स्थान पर रहे जितेंद्र यादव पिता धनुष यादव को नियुक्ति दे दी गई।प्रमाण पत्र सत्यापन की जानकारी भी गोवर्थन को नही दी गई।जिससे गोवर्थन खुद को ठगा महसूस कर रहा है।
बगैर ऑनलाइन आवेदन करें पुत्र को दे दी नौकरी
लेम्पस निगोरी भानपुर अंतर्गत 6 कनिष्ठ संविदा विक्रेता पद पर की गई नियुक्ति के दौरान सहकारिता विभाग के निर्देशों के विपरीत बगैर ऑनलाइन आवेदन और बिना दस्तावेज सत्यापन के ही लेम्पस प्रभारी महेश यादव के पुत्र मिथलेश यादव की नियुक्ति कर दी गई है। जबकि पद आवेदन हेतु ONLINE आवेदन अनिवार्य था। शिकायत पत्र में इसका उल्लेख करते हुए गोवर्धन मरावी ने जारी नियुक्तियों को अपात्र और अवैध घोषित करने की मांग कलेक्टर से की है।
नियुक्तियों पर उठ रहे सवाल
जिले में सहकारी समिति यानि लेम्पस संस्थाओं में लगभग 50 पदों पर कनिष्ठ विक्रेता नियुक्ति में जमकर धांधली बरतने के आरोप लग रहे हैं। चयन प्रक्रिया में विभाग में कार्यरत व्यक्तियों के रिश्तेदारों को प्राथमिकता देने के बाद सभी नियुक्तियों पर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों की माने तो इन अनियमितताओं पर सहकारिता विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है।
इनका कहना है :-
“चयन समिति के द्वारा ही नियुक्ति की जाती है। गड़बड़ी की शिकायत बाबद नियुक्ति फाइल देख कर ही कुछ जानकारी दे पाऊँगा।”
आर. के. उद्दे
वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक डिंडोरी