राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भ्रष्टाचार से पीड़ित, लाखों की रिश्वत लेते EE पकड़ा गया

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निर्माण कार्यों के नाम पर पर जमकर भ्रष्टाचार

डिंडोरी में घटिया कार्यों पर मौन NRHM के भ्रष्ट अधिकारी

जनपथ टुडे, 9 नवम्बर 2021, प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने वाला राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन भ्रष्टाचार से संक्रमित और बुरी तरह जकड़ा हुआ नजर आ रहा है। मिशन के निर्माण कार्यों की निगरानी करने वाली निर्माण शाखा के वरिष्ठ अधिकारी इंदौर संभाग के कार्यपालन यंत्री राकेश कुमार सिंघल को सोमवार को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। पचास हजार रूपए नगद और 11.50 लाख रुपए का चैक उनके पास से जप्त किया है, जबकि वे ठेकेदार से पूर्व में 5 लाख रुपए की रिश्वत ले चुके है। उन्हें पालिका प्लाजा स्थित ऑफिस के भूतल में ठेकेदार से रिश्वत लेते लोकायुक्त एक टीम ने रंगे हाथो पकड़ा और उनके विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधित) 2008 की धारा 7 के तहत कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने ठेकेदार से 1 करोड़ 4 लाख रुपए के रुके हुए भुगतान को करने के लिए 17 लाख की रिश्वत मांगी थी।

जबलपुर EE जुलाई में रिश्वत लेते पकड़े गए थे

इसी तरह एनएचएम के जबलपुर के प्रभारी EE ऋषभ कुमार जैन जुलाई माह में हबीबगंज स्टेशन पर सिवनी के एक ठेकेदार से 3 लाख रुपए की रिश्वत लेते जबलपुर लोकायुक्त टीम द्वारा रंगे हाथ पकड़े गए थे। उनके पास से 2 लाख रुपए नगद और एक लाख रुपए का चैक लोकायुक्त ने जप्त किया था।

इन दोनों ही मामलों में ठेकेदार की शिकायत पर लोकायुक्त ने कार्यवाही की थी और NHM ने चल रही खुली रिश्वतखोरी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है की इन अधिकारियों द्वारा नगदी के साथ साथ चैक भी लिए जा रहे है और खुद सीधे रिश्वत की रकम ठेकेदारों से वसूलते EE पकड़े गए। प्रदेश और देश में लोकायुक्त की तमाम कार्यवाहियों में बतौर रिश्वत नगद राशि ही पकड़ी जाती है पर एनएचएम के अधिकारी चैक से रिश्वत की वसूली कर रहे है जो स्पष्ट करता है कि हरामखोरी में लिप्त इस विभाग के अधिकारियों की किसी का कोई भय नहीं है।

NRHM में भ्रष्टाचार का बोलबाला नीचे से ऊपर तक

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में किस तरह भ्रष्टाचार का बोलबाला है ये उसके प्रत्यक्ष नमूने है। इसी तरह डिंडोरी जिले में पिछले एक साल से उपस्वास्थ्य केंद्रों की मरम्मत घटिया और गुणवत्ताहीन तरीके से ठेकेदारों द्वारा की जा रही है। जिसकी शिकायत सब इंजीनियर, एसडीओ, कंसल्टेंट सिविल एनआरएचएम भोपाल तक से किए जाने के बाद भी बिना किसी जांच के ठेकेदारों को भुगतान किया जा रहा है और मनमाने तरीके से रिश्वतखोरी के चलते समय पूर्ण होने के बाद भी काम करने की छूट भी दी जा रही है। ठेकेदारी को अधिकारियों द्वारा दिए जा रहे संरक्षण के पीछे रिश्वतखोरी को नकारा नहीं जा सकता। भ्रष्टाचार के कारण NRHM इन कामों की जानकारी, किए गए भुगतान, पूर्ण और अपूर्ण भवनों की जानकारी, कराए गए कार्यों की जानकारी न तो जिले से उपलब्ध करवाई जा रही है न ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के भोपाल कार्यालय द्वारा दी जा रही है। जो जाहिर करता है कि NHM के निर्माण कार्यों की स्थिति विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के चलते ऐसी नहीं है कि स्वास्थ्य मिशन इनकी जानकारी का खुलासा कर सके और इसी के चलते भ्रष्टाचार और विभाग के अधिकारियों की काली करतूतों पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है।

डिंडोरी जिले में लगभग 4 करोड़ की लागत से हुए उपस्वास्थ्य केंद्रों की मरम्मत के घटिया कार्यों और मनमाने तरीके से कार्यों का ठीक से मूल्यांकन किए बिना किए गए भुगतान की खबरों से मिशन के आला अधिकारियों की अवगत करवाए जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई जो विभाग में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी व्याप्त होने का संकेत है। में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों की यदि समय रहते हटाया नहीं गया तो प्रदेश में स्वास्थ सेवाएं और सुविधाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने से रोकना आगे कठिन होगा।

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