प्राचार्य और परीक्षा प्रभारी की लड़ाई में 150 छात्र हुए फेल

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जनपथ टुडे, भिंड, 15 नवम्बर 2021, प्रदेश में व्याप्त अफसरशाही और मनमानी कार्यप्रणाली की एक अजुबी कहानी प्रकाश में आई है और उस पर शासन प्रशासन का कार्यवाही न किया जाना प्रदेश में व्याप्त प्रशासनिक अव्यवस्थाओ का एक नमूना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा मण्डल म प्र द्वारा डी एल एड प्रथम व द्वितीय वर्ष का परीक्षा परिणाम शुक्रवार को घोषित किया। डाइट भिंड के 150 छात्रों को डी एल एड के परीक्षा परिणाम में फेल घोषित कर दिया गया। एक भी स्टूडेंट पास नहीं हुआ क्योंकि डाइट की ओर से एमपी बोर्ड को विद्यार्थियो के आंतरिक अंक भेजे ही नहीं गए। बोर्ड ने सभी छात्रों को अनुपस्थित घोषित कर दिया। डाइट के विद्यार्थियों ने कलेक्टर भिंड को ज्ञापन देकर साल बचाने की मांग की है डाइट के परीक्षा प्रभारी पीपी पचौरी ने अपने बयान में कहा कि इस बारे में हम कुछ नहीं कर सकते तत्कालीन प्राचार्य जिद पकड़ गए थे वह मनमानी कर रहे थे। इंटरनल मार्क्स भेजने का काम उन्हीं का है जो उन्होंने नहीं भेजें थे।

मामले में तत्कालीन प्राचार्य सिकरवार का कहना है कि जब साल भर कक्षाओं का संचालन ही नहीं हुआ तो आंतरिक मूल्यांकन कैसे करेंगे इस बार इंटरनल मार्क्स भेजने की तारीख अलग-अलग होने के कारण चूक हो गई। वर्तमान प्रभारी प्राचार्य पीएस चौहान का कहना है कि 10 सितंबर तक बोर्ड के पास मूल्यांकन के नंबर भेजे जाते थे जो प्राचार्य और परीक्षा प्रभारी की आपसी खींचतान की वजह से बोर्ड तक नहीं पहुंच पाए।

प्राचार्य परीक्षा प्रभारी के बीच पॉलिटिक्स अभी भी जारी है और इसका नतीजा भिंड डाइट के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। आश्चर्यजनक बात यह है कि इतनी बड़ी गलती प्रकाश में आने के बाद और छात्रों का भविष्य दांव पर लगे होने के बाद भी न तो जिला कलेक्टर द्वारा तत्कालीन प्राचार्य और परीक्षा नियंत्रक पर कार्यवाही की गई न ही शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जा रही है जबकि अधिकारियों की इस बड़ी लापरवाही और मनमानी के चलते 150 छात्रों का साल दाव पर लगा है और निर्दोष छात्र यहां वहां भटकने को मजबूर है।

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