पीड़ित के कथन को नहीं तमाशबीनो की दलील को महत्व दे रहे हैं थाना प्रभारी

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सरकारी अमले पर हमले को बताया दुर्घटना, करंजिया का मामला

जनपद टुडे, डिंडोरी, 16 नवंबर 2021, कानूनी दिशा निर्देशों के विपरीत करंजिया पुलिस अपनी मनमानी पर उतारू है। इसका उदाहरण है कि थाना प्रभारी करंजिया पीड़ित पक्ष के कथन और शिकायत को दरकिनार रखकर तमाशबीनों की दलील को अधिक महत्व दे रहे हैं। जिससे पीड़ित पक्ष का न्याय व्यवस्था से विश्वास उठ रहा है। पूरे घटनाक्रम में पुलिस ने शासकीय कार्य संपादित कर रहे मुलाजिमों के साथ गाली-गलौज, मारपीट और हमले के मामले को महज दुघर्टना करार दिया है। जबकि मौके पर मौजूद महिला राजपत्रित अधिकारी ने आरोपी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की थी, बावजूद इसके पदनाम निरीक्षक हरिशंकर तिवारी ने राजपत्रित अधिकारी पर भरोसा करना उचित नहीं समझा। जिससे थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

बताया जाता है कि आरोपी पर पूर्व में भी गंभीर अपराध दर्ज है। ऐसी स्थिति में गुनाहों की पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले आरोपी को अभयदान दिया जाना समझ से परे है। हालांकि पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक संजय सिंह ने अनुविभागीय अधिकारी से जांच कराने की बात कही है। गौरतलब है कि करंजिया थाना अंतर्गत वनग्राम चौरादादर में शनिवार को वनोपज की खरीद-फरोख्त की शिकायत पर जांच के लिए पहुंची महिला रेंजर और डयूटी पर तैनात डिप्टी रेंजर सेवाराम उइके,वनरक्षक ईश्वर सिंह परस्ते, ध्रुव सिंह धुर्वे की वर्दी पकड़कर गाली गलौच,मारपीट करने और जीप से कुचलने की कोशिश की थी। वारदात संबंधी लिखित शिकायत वन अमले ने थाना शनिवार को ही पुलिस से की थी।जिसपर तीन दिनों बाद पुलिस ने कथित तौर पर मौके पर मौजूद ग्रामीणों के बयान को आधार बना आरोपी धर्मेंद्र सारीवन के विरुद्ध सड़क दुर्घटना का मामला कायम किया है। इस दौरान पीड़ित सरकारी कर्मचारियों और महिला राजपत्रित अधिकारी के कथन को झूठा बताने से पुलिस कार्रवाई मजाक का पर्याय बन रही है। पहलू यह भी है कि मौके पर जाने के पूर्व महिला रेंजर ने आरोपी धर्मेंद्र द्वारा कर्मचारियों से गालीगलौच और शासकीय कार्य मे व्यवधान डालने की सूचना थाना प्रभारी को देते हुये बल की मांग की थी लेकिन पुलिस बल उपलब्ध नही होने पर भी महिला रेंजर ने विभाग के कार्य को महत्व दिया और कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुँची थीं। जिससे साबित होता है कि आरोपी धर्मेंद्र मौके पर तैनात कर्मचारियों के साथ विवाद कर रहा था। इसके साथ ही आरोपी के भागने और शिकायत के बाद वन अमले पर आरोप लगाने से प्रतीत होता है कि आरोपी गैरकानूनी कार्य को अंजाम दे रहा था।

“वन अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा की गई शिकायत पर अनुविभागीय अधिकारी को जांच हेतु निर्देशित किया गया है। पूरे विषय की जानकारी ली जा रही है।”

संजय सिंह पुलिस अधीक्षक डिंडोरी

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