मिलर मार रहे मलाई किसानों को 100 और केंद्र प्रभारी को 300 रुपए किवंटल के बन्दरबांट का खुलासा

Listen to this article

नान के अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ घोटाला, मिलर करेगे खुलासा

जनपथ टुडे, कटनी, 10 फरवरी 2022, मिलर, धान खरीदी केंद्र प्रभारी और फर्जी किसान के गठजोड़ से सरकार को चूना लगाने के पीछे राशि का बंदरबांट फिक्स था। उबरा धान खरीदी केंद्र प्रभारी की मानें तो समर्थन मूल्य पर प्रति कुंटल 1940 रुपए आने के बाद किसान को 50 से ₹100 प्रति क्विंटल धान खरीदी केंद्र प्रभारी को 250 से ₹300 प्रति कुंटल और शेष राशि मिलर को मिलती थी। मिलर को ज्यादा राशि इसलिए की गई थी क्योंकि धान मिलर के नाम दर्ज होती है। उसके एवज में चावल जमा करना होता है। होटलों में शामिल कई मिलर सस्ते चावल का इंतजाम कर उसे गोदाम में जमा करवा देते हैं। बीते वर्ष जानवरों के खाने योग्य चावल वितरण को इसी तरह की गड़बड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है।

जांच प्रतिवेदन के आधार पर तीन एफ आई आर दर्ज

नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों ने धान घोटाले में प्रारंभिक जांच के बाद रविवार को तीन एफ आई आर दर्ज करवाई। इसमें माधव नगर थाने के दो एफ आई आर दर्ज हुई पहली गुरु नानक इंडस्ट्री के अनिल असरानी और दूसरी रोहरा इंडस्ट्री के बंटू रोहरा पर एफ आई आर दर्ज करवाई गई है। टीम ने कुठला थाने में राइस मिल सुमन सत्यनारायण के प्रोपराइटर यस अग्रहरि पर एफ आई आर दर्ज करवाई है।

नान के अधिकारियों की मिलीभगत

पूरे मामले में नागरिक आपूर्ति निगम कटनी के अधिकारियों की मिलीभगत होने के संकेत मिल रहे हैं। जिन केंद्रों पर धान थी ही नहीं उन केंद्रों से धान को परिवहन करता द्वारा परिवहन करवाकर गोदाम में लाने के बजाय सीधे मिलर के नाम का आदेश जारी किया दिया जाना स्पष्ट है कि उसमें नाम के अधिकारियों की मिलीभगत थी। साथ ही इस मामले में परिवहन की राशि, भाड़ा और बारदाना के नाम पर भी कई लाख रुपयों का चूना लगाया गया है जिसका खुलासा जांच में आगे होगा वहीं नान के अधिकारियों की हिस्सेदारी का खुलासा मिलर करेगे।

ऐसे पकड़ में आएगी गड़बड़ी

धान खरीदी के दौरान खरीदी केंद्र अनुसार धान में भरे बाल गाने में स्टैंड से लगाई जाती है किसान का कोड दर्ज किया जाता है मिलर अगर गोदाम में बाहर कहीं से धान लाकर दिखा भी देते हैं तो बोरे पर किसान कोड और स्टैंसिल नहीं मिलेगी।

पूरे प्रदेश में होगी जांच

इस मामले पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने जानकारी दी कि गोपनीय शिकायत के आधार पर कटनी में जांच की गई जिसके बाद करोड़ों रुपए की गड़बड़ी सामने आई है। अब हम इसे लेकर पूरे प्रदेश में जांच करवा रहे हैं।

डिंडोरी में भी हो सकता है बड़े घोटाले का खुलासा

प्रमुख सचिव ने पूरे प्रदेश में धान खरीदी गई की जांच करवाए जाने के संकेत दिए है। जिले में धान खरीदी के दौरान किसानों से अधिक मात्रा में धान लिए जाने की खबर आती रही है। सूत्र बताते है प्रति 40 किलो धान खरीद पर केंद्रों द्वारा किसानों से 500 ग्राम अतिरिक्त धान ली गई है। यह लगभग हर खरीदी केंद्र पर सुखी के नाम पर किया गया है। जिले में 6 लाख किवंटल से अधिक की धान खरीदी हुई है और 500 ग्राम के अनुमान से लगभग 6000 किवंटल धान को फर्जीवाड़ा कर केंद्र प्रभारियों द्वारा गोदामों में फर्जी किसानों के नाम से खपाए जाने की संभावना बनती है जिसका खुलासा जांच से संभव है।

वहीं जिले में भी परिवहनकर्ता के माध्यम से माल गोदाम में लाने की बजाय सीधे मिलर को आर ओ काट कर खरीदी केंद्रों से धान उठाए जाने की जानकारी मिल रही है। जबकि गोदामों में पर्याप्त धान है फिर भी अधिकारियों द्वारा साठगांठ कर मिलर को सीधे समिति से धान का उठाव करवाना जांच का विषय है और इससे गड़बड़ी का खुलासा हो सकता है।

Related Articles

Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809 666000