किसानों से प्रति किवंटल लगभग 2 किलो अधिक धान लिए जाने के आरोप, जांच में भी पाई गई गड़बड़ी

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जिले में हुआ करोड़ों का घोटाला किसानों के शोषण पर डाला जा रहा पर्दा

जांच में 300 ग्राम अधिक पाई गई धान, नहीं हुई कार्यवाही

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 1 मार्च 2022, जिले में धान खरीदी के दौरान उपार्जन केंद्रों पर संचालकों द्वारा किसानों को जमकर लूटा गया और खुलेआम शासन के निर्देशों की अनदेखी कर किसानों से अधिक धान ली गई। मामले को लेकर खरीदी के दौरान स्थानीय मीडिया मामला उठाता रहा किन्तु प्रशासन के कान पर जू तक नहीं रेगा। अब मामले की परते खुलने लगी है, जब कुछ किसानों की शिकायत पर जिला कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग द्वारा जांच करवाई गई तब बोरों में निर्धारित से अधिक धान पाई गई। जांच में पाई गई गड़बड़ी का हवाला देकर खाद्य अधिकारी द्वारा समिति संचालक को नोटिस तो जारी किया गया किन्तु आगे इनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जबकि किसानों का आरोप समिति द्वारा करोड़ों रुपयों का घोटाला किए जाने का है। किन्तु अधिकारी मामले पर पूरी तरह पर्दा डालने की कोशिश में है।

किसानों ने जिला कलेक्टर से की शिकायत

धान खरीदी में किसानों से प्रति बोरी बारदाना सहित शासन द्वारा निर्धारित मात्रा 40 किलो 500 ग्राम भर्ती की बजाय 41.200 ग्राम धान खरीदी केंद्र छांटा द्वारा ली गई। शासन द्वारा निर्धारित वजन से 500 ग्राम अधिक धान प्रति बोरी हर किसान से ली गई, जिसकी कीमत किसान को नहीं मिली। इस अनुमान से प्रति किवंटल 1.750 ग्राम धान किसानों से अधिक ली गई।

मामला डिंडोरी जिले के विकासखंड समनापुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कुकररामठ, व ग्राम छांटा के धान खरीदी केंद्र का है। किसानों ने धान खरीदी केंद्र के लेम्स प्रबंधक नारायण सिंह ठाकुर के द्वारा सात सौ ग्राम बोरे में ज्यादा धान किसानों से लिए जाने के आरोप लगाए है।क्षेत्र के किसानों ने इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से की थी, जिसकी जांच जिला खाद्यआपूर्ति अधिकारी डिंडोरी के द्वारा करवाई गई। जांच प्रतिवेदन के अनुसार जांचकर्ता अधिकारी द्वारा अपने प्रतिवेदन में मौके पर जांच कर किसानों के कथन भी लिए गए। केंद्र में रखी बोरियो में शासन द्वारा निर्धारित वजन से 200, 300 ग्राम अधिक धान पाई गई, जिसका खुलासा जांच प्रतिवेदन में किया गया। वहीं केंद्र पर किसान राजकुमार दुर्वासा पिता बुद्धू सिंह दुर्वासा निवासी कुकररामठ के द्वारा यह कथन दिए गए कि उनकी धान उनके द्वारा 18 जनवरी 2022 को केंद्र में लाई गई थी। जबकि शासन के निर्देश थे कि केंद्र में 15 जनवरी तक केंद्र पर पहुंची धान की ही खरीद होगी तब 17 जनवरी को किसान को एसएमएस करना जांच का विषय है। जो केंद्र में किए गए घोटाले के संदेह को मजबूत करती है।
इस पूरे मामले की किसानों द्वारा जिला कलेक्टर को शिकायत किए जाने और फिर जांच में जांच अधिकारी के द्वारा मौके पर गड़बड़ी पाए जाने के बाद भी अब तक आरोपी प्रबन्धक और केंद्र प्रभारी के विरूद्ध न तो कोई कार्यवाही की गई है और न किसानों से ली गई अधिक धान की राशि किसानों की देने की कोई कार्यवाही प्रशासन द्वारा की जा रही है। जबकि धान खरीदी में किसानों से लूट और जानकर उनका शोषण किए जाने का खुलासा जांच में हो गया है।

उपार्जन केंद्रों पर खुलेआम हुई खरीदी में गड़बड़ियां

किसानों द्वारा छांटा और कुकर्रामठ खरीदी केन्द्रों पर हुई गड़बड़ी की शिकायत जिला कलेक्टर से की गई है। वहीं खरगहना, सरहरी, समनापुर अन्तर्गत मानिकपुर, चांद रानी, अमरपुर और बजाग केंद्रों पर इसी तरह किसानों से अधिक धान लिए जाने के साथ साथ बड़े स्तर पर गड़बड़ियां किए जाने की जानकारी प्राप्त हो रही है। जिले के केंद्रों पर लाखों बोरी धान कि खरीदी की गई है, जिसमें 200 ग्राम के मान से कई लाख रुपयों की गड़बड़ियों का अनुमान है।कुछ समितियों द्वारा धान खरीदी में जमकर घोटाला लिए जाने की खबर है जिससे शासन को करोड़ों रुपयों का चूना लगाया गया है। अधिकारियों की साठगांठ के चलते मामले पर पूरी तरह पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है जबकि जिले के किसानों को खरीदी केंद्रों द्वारा खुलकर लूटा गया है।

अधिकारी का विरोधाभाषी बयान

इस पूरे मामले पर आर एम सिंह, जिला खाद्य अधिकारी डिंडोरी का विरोधाभाषी बयान सामने आया है। जिसमे वे खरीदी केंद्र में 130 किवंटल धान कम पाए जाने और केंद्र पर पदस्त कर्मी की लगातार शिकायतों और गड़बड़ियों का हवाला दे रहे है। जिसके चलते उक्त केंद्र को हटाकर हर्रा समिति को उपार्जन केंद्र की जिम्मेदारी सौंपे जाने की बात भी कह रहे है। वहीं इस पूरे मामले में किसी भी तरह की गड़बड़ी से नकार रहे है। उनका कहना है समिति प्रबन्धक के पक्ष में पचासों किसानों ने पंचनामा दिया है। तब समिति से खरीदी की जिम्मेदारी क्यों ले ली गई और सेल्समैन की शिकायते क्यों आ रही थी, यह सवाल खड़ा होता है।

इस पूरे मामले पर समिति प्रबन्धक नारायण सिंह ठाकुर कोई भी जवाब देने से लगातार बचने का प्रयास कर रहे है।

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