पीएम आवास की पूरी राशि हड़प गए जिम्मेदार, बिना आवास बनाए सरकारी फाइलों में पूर्ण कर दिए आवास

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पांच हितग्राहियों के आवास की पूरी राशि हड़प ली गई

डिंडोरी जनपद की न्योसा पंचायत का मामला

जनपद और जिला पंचायत की मॉनिटरिंग और समीक्षा बैठकों पर उठ रहे सवाल

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 15 मार्च 2022, जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार और शासन की योजनाओं को खुलेआम पलीता लगाए जाने की पोल अब खुलने लगी है। जिले में शासकीय योजनाओं के नाम पर व्यापत भ्रष्टाचार और जिम्मेदार अधिकारियों का मौन संरक्षण दिए जाने का सिलसिला लंबे समय से बदस्तूर जारी है।

केंद्र सरकार की अत्यंत महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार का पूरा फोकस है वहीं राज्य सरकार द्वारा लगातार योजना का लाभ हर ग्रामीण को पहुंचाने के सभी प्रयास किए जा रहे है। किन्तु स्थानीय प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते ग्राम पंचायतें ग्रामीणों का शोषण कर शासकीय राशि डकार रहे है।

पिछले दिनों बजाग जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायत पिपरिया में इसी तरह का मामला प्रकाश में आने के बाद प्रदेश स्तर पर हड़कंप मचने के बाद जिला प्रशासन द्वारा सभी ग्राम पंचायतों के पीएम आवासों की जांच हेतु दल गठित किए गए थे जिन्हें अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे, वहीं कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करते हुए रोजगार सहायक और पंचायत सचिव पर कार्यवाही की गई थी।

आवास बनाए बिना कार्य पूर्ण बताकर राशि आहरित की गई

जिला मुख्यालय से मात्र दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत न्योसा में पांच हितग्राहियों के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना की पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया और सरकारी दस्तावेजों में कार्य पूर्ण बता दिया गया जबकि इन हितग्राहियों के आवासों का निर्माण तो दूर की बात है, कार्य ही शुरू नहीं हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार न्योसा माल के मैकू/ बिज्जू, सुखिया/ बलराम, छोटेलाल/ धनुआ, पूनिया/ छत्रपाल के आवास पूर्ण बताए जा रहे है और इनको 1.30 लाख रुपए का राशि का भुगतान भी कर दिया गया किन्तु जमीनी हकीकत यह है कि इन हितग्राहियों के आवास का निर्माण प्रारंभ ही नहीं हुआ, नीव तक नहीं खोदी गई है और पंचायत द्वारा इनको तीनों किस्त जारी कर दी गई। जबकि हितग्राहियों का कहना है कि सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक द्वारा उनके खाते से राशि निकलवा कर आवास ठेकेदार से बनवाने की बात कही गई थी जो आज तक नहीं बनवाए गए। अब जिम्मेदार कहते है राशि तो हितग्राहियों के खाते में डाली जाती है। उल्लेखनीय है कि आवास योजनान्तर्गत तीन किस्तों में हितग्राहियों को राशि कार्य की प्रगति के अनुसार डाली जाती है। कार्य की प्रगति की अनुसंशा और जियो टैग का कार्य ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक द्वारा किया जाता है। जब इन हितग्राहियों के आवास का कार्य ही नहीं हुआ तब इनको तीनों किस्तों का भुगतान कैसे कर दिया गया और इनके आवास पोर्टल पर पूर्ण कैसे दिख रहे है। सरपंच पूरी जिम्मेदारी रोजगार सहायक पर डाल रहे है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि ये आवास बने ही नहीं और शासन से प्राप्त राशि का बंदर बांट कर शासकीय फाइलों में आवास पूर्ण बता दिए गए। जिले की कुर्सी तोड़ती अफसरशाही भी पंचायत की रिपोर्ट से पूरी तरह संतुष्ट है। जनपद और जिला पंचायत के जिम्मेदार भी कागजों में योजना की प्रगति दिखाकर राज्य और केंद्र शासन से प्राप्त आवंटन को बिना देखे सुने लुटाने में व्यस्त है जिसका लाभ हितग्राही को तो मिल नहीं पा रहा।

अधूरे आवासों को पूरा दिखाकर राशि कर दी गई जारी

ग्रामीणों की माने तो पंचायत अन्तर्गत अधिकतर आवास अधूरे पड़े है किसी का प्लास्टर नहीं हुआ है तो किसी के दरवाजे नहीं है तो कहीं फर्श नहीं हुआ है और पंचायत की रिपोर्ट के अनुसार कुल 166 आवास स्वीकृत हुए जिसमें से 138 पूर्ण हो चुके है और इनकी पूरी राशि भी जारी की जा चुकी है। पंचायत के अनुसार 27 आवास अपूर्ण है। जबकि पंचायत में लगभग आधा सैकड़ा आवास अधूरे पड़े है। रिपोर्ट में पूर्ण बताए गए शंकर, बुद्धू, सुरेश,मंगलू राम, मतवीर सिंह, इसन बाई, सुंदर लाल, धन सिंह, मधु लाल, सोनिया बाई, सुदर्शन लाल, प्रताप सिंह, नारायण सिंह, सुरेंद्र सिंह के आवास अब तक अधूरे है जबकि इनकी पूरी राशि जारी कर उनको पूर्ण बता दिया गया है।

हितग्राहियों के अनुसार आवास का काम पंचायत द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से करवाया गया है वहीं हितग्राहियों के खाते से ठेकेदार और मटेरियल सप्लायर को भुगतान करवा दिया गया है, इसके बाद भी आवास इन लोगों के द्वारा पूर्ण नहीं किए गए है।

प्रशासन करवा रहा है जांच

पीएम आवास योजना में खुलकर और जमकर भ्रष्टाचार किया गया है किन्तु फिर भी जिम्मेदार अधिकारी आंखे बंद किए हुए है और इन्हीं के संरक्षण के चलते बेखौफ होकर भ्रटाचार किया जा रहा है। पिछले दिनों आवास योजना में व्याप्त गड़बड़ी की खबरों से मचे हड़कंप के बाद जिला कलेक्टर रत्नाकर झा द्वारा जिले की सभी ग्राम पंचायतों में जांच अधिकारी नियुक्त कर सभी आवासों की फोटो खींच कर जांच रिपोर्ट के साथ प्रतिवेदन प्रस्तुत करने निर्देशित किया गया था। ग्राम पंचायत न्योसा के आवासों की जांच हेतु नियुक्त चंद्रवती मरावी, सेक्टर पर्वेक्षक, महिला एवं बाल विकास विभाग डिंडोरी को नियुक्त किया गया था। उन्होंने भी पंचायत में अधूरे और नहीं बने आवासों की पुष्टि की है। जांच के बाद प्रशासन किस किस पर क्या कार्यवाही करता है इसका खुलासा पंचायतों की जांच रिपोर्ट आने के बाद होगा।  में प्रधान मंत्री आवासों के नाम पर बड़े स्तर पर की गई गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार पर कोई सख्त कार्यवाही हो पाएगी और आगे इस तरह की गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा।

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