पशु चिकित्सा केंद्र व स्टोर में एक्सपायरी डेट की दवाएं मिली : पशुपालकों की कठोर कार्यवाही की मांग

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पशुओं का हक मारने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही की मांग


जनपथ टुडे, डिंडोरी, 17 मार्च 2022, पिछले दिनों एक पशु पालक की शिकायत पर जिला मुख्यालय में स्थित पशु चिकित्सालय में जिला प्रशासन द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान बड़ी मात्रा में एक्सपायरी डेट की दवाएं पाई गई। जो विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही गड़बड़ियों का नमूना है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सा सेवाएं अस्पताल व स्टोर में एक्सपायरी डेट की दवाओं की शिकायत मिलने पर मंगलवार की दोपहर एसडीएम ने छापामार कार्रवाई की SDM बलबीर रमन, नायब तहसीलदार अमरपुर हिम्मत सिंह भवेदी, राजस्व निरीक्षक डिंडौरी दीपक रघुवंशी सहित पटवारी छापामार कार्रवाई में शामिल रहे।

पशु अस्पताल में एक्सपायरी डेट की निडिल, सीरप सहित अन्य दवाएं एक्सपायरी डेट की मिलने पर एसडीएम ने राजस्व अमले को सूची बनाने के निर्देश दिए। इसके बाद पशु अस्पताल से लगे स्टोर में भी एसडीएम द्वारा निरीक्षण किया गया। यहां पर नए स्टाक के साथ पुराना स्टाक भी रखा पाया गया। एसडीएम ने राजस्व निरीक्षक व पटवारियों को मौके पर ही एक्सपायरी दवाओं की सूची बनाने के साथ जितने भी दवाओं के पैकेट रखे हुए हैं सबकी एक तरफ से जांच करने के निर्देश दिए।

इस संबंध में एसडीएम बलवीर रमन ने बताया कि एक पशु पालक की शिकायत पर पशु अस्पताल व स्टोर की जांच की गई जांच की गई। जांच के दौरान एक्सपायरी डेट की दवाएं भी रखी पाई गई हैं, जिन्हें सूचीबद्ध कराया जा रहा है। प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध जिला कलेक्टर द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

पशुओं का हक मारने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही की मांग

इस पूरे मामले में पशु चिकित्सा विभाग में जारी धांधली और अधिकारियों की मनमानी के साथ जिले के पशु पालकों से किए जा रहे छल का खुलासा होता है। इस संबंध में जानकारी लेने हमारे प्रतिनिधि द्वारा उपसंचालक से संपर्क करने का बार बार प्रयास किया जाता रहा किन्तु उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हो सकी है। उप संचालक कार्यालय के स्टोर में इतनी बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाओं का स्टॉक होना बड़े सवाल खड़े करता है। यदि ये दवाएं जिले के अस्पतालों को वितरित नहीं की गई थी तो यह साफ तौर पर बड़ी गड़बड़ी है। वहीं जिले के पशु पालकों का आरोप है कि जिले के पशु चिकित्सा केंद्रो पर पशुओं के उपचार के दौरान अधिकांश दवाएं अनुपलब्ध बताई जाती है और बाजार से खरीद कर मंगवाई जाती है। जबकि विभाग में लाखों रुपए की दवाएं वितरित न किए जाने से एक्सपायरी होने के बाद पाई गई है। जिले के पशु पालकों की जिला कलेक्टर से मांग है कि उक्त मामले की जांच कर गैर जिम्मेदार और भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की जावे ताकि पशुओं का हक मारकर खाने वालों को सबक मिल सके।

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