सब इंजीनियर बीजेपी नेता से फोन पर मांग रहा कमिशन : आडियो वायरल
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 28 अप्रैल 2022, जिले में BJP के वरिष्ठ नेता को सब इंजीनियर द्धारा कमीशन के लिए धमकाने का मामला सामने आया है। सब इंजीनियर द्धारा बीजेपी नेता से 20 परसेंट कमीशन मांगने व धमकाने का ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बीजेपी नेता ने मामले की लिखित शिकायत कलेक्टर से की है साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी कार्यवाही की गुहार लगाई है।
दरअसल बीजेपी के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद तिवारी ग्राम पंचायत के निर्माण कार्यों में मटेरियल सप्लाई का काम करते हैं और उन्होंने शोभापुर ग्रामपंचायत में रोजगार गारंटी योजना से बने स्टॉप डेम के निर्माण में मटेरियल सप्लाई किया था। जिसका बिल पास कराने के एवज में सब इंजीनियर ऋषभ सिक्का के द्धारा 20 परसेंट कमीशन की मांग की जा रही थी। बीजेपी नेता की मानें तो करीब 5 लाख रूपये के बिल में उनसे 90 हजार रूपये बतौर एडवांस कमीशन मांगा जा रहा है और कमीशन नहीं देने पर बिल पास नहीं करने एवं दोबारा कोई काम न देने के लिए धमकाया जा रहा है। वायरल ऑडियो में सुना जा सकता हैं कि सब इंजीनियर बीजेपी के वरिष्ठ नेता को कैसे हड़का रहा है और बिना झिझक के एडवांस में 20 परसेंट कमीशन की मांग कर रहा है। सब इंजीनियर अधिकारीयों को खर्चा देने की बात भी ऑडियो में कर रहा है। डिंडौरी जिले में अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्टाचार में किस कदर लिप्त हैं जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की सत्ताधारी पार्टी के नेता से कमीशन मांगा जाता है साथ ही उन्हें धमकाया भी जा रहा है। जब सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से अधिकारी कर्मचारी इस तरह पेश आते हैं तो आम लोगों के साथ उनका व्यवहार क्या होगा यह भी समझने वाली बात है।
खुलेआम कमिशनखोरी चल रही है
जिले की पंचायतों में खुलेआम कमीशनखोरी व्यापत है। तकनीकी स्वीकृति के लिए सप्लायर निर्धारित कमीशन देता है और फिर उसे उक्त कार्य अघोषित ठेकेदार के तौर पर दे दिया जाता है। मटेरियल, मजदूरी आदि चुकाने के बाद भी कई बार सब इंजीनियर और पंचायत नाराज होकर कार्य का भुगतान किसी और के बिल लगा कर कर देते है और कथित ठेकेदार कुछ करने की स्थिति में नहीं होता क्योंकि उसके पास न तो मटेरियल सप्लाई के आदेश होते है और न कोई वर्क आर्डर। ऐसे में पंचायत और सब इंजीनियर की बात मानना उसकी मजबूरी है। और बिना कमिशन दिए उसका भुगतान संभव नहीं है। इस तरह की समस्या से हर पंचायत में एक दो ठेकेदार जूझ रहे है। काम उनने किया पर नाराज पंचायत के जिम्मेदारों ने भुगतान किसी और के नाम से निकाल दिया। इन मामलों में जांच कर भ्रष्ट पंचायतों और सब इंजीनियर्स पर कार्यवाही की आवश्यकता है। सूत्रों की माने तो 20 से 25% तक एडवांस कमीशन का चलन जिले कि पंचायतों में चल रहा है। इसके बाद सप्लायर को जनपद से लेकर जिला पंचायत तक और सब जगह जेब गर्म करना है। इस तरह आधी राशि का बन्दरबांट होने के बाद भी पंचायत के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर कभी कोई कार्यवाही देखने नहीं मिलती तो यह बड़े कमाल की बात है।