बूंद बूंद पानी को मोहताज ठाढ़पथरा के बैगाजन, PHE की नकारा व्यवस्था

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धर्मेंद्र मानिकपुरी :-

हैंडपंप की चैन टूटने के कारण समस्या झेल रहे ग्रामीण

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 28 मई 2022, मई की भीषण गर्मी और लगभग महीने भर से बस्ती के एकमात्र हैंडपंप से लोगों को पानी मिलना मुश्किल हो तो स्थिति क्या होगी? इसका नजारा देखना है तो बैगाग्राम ठाढ़पथरा जाकर देखा जा सकता है। जहां पिछले लगभग 20 दिनों से ग्रामीण सिर्फ इसलिए पानी की किल्लत का सामना करने मजबूर है क्योंकि गांव के इकलौते हैंडपंप की चैन टूट गई है। लोग इसमें कपड़ा और रस्सी बांधकर पानी भरते है, कपड़ा रस्सी टूट जाता है फिर उसका स्थानीय उपचार किया जाता है, फिर थोड़ा पानी निकलता है, कपड़ा और रस्सी फिर टूट जाती है।


इस बैगा बाहुल्य ग्राम में यह स्थिति लगभग पिछले 20 दिनों से बनी हुई है। ग्रामीण परेशान है पर पीएचई के नकारा अफसरों की ठेकेदार पर मेहरवानी और उदारता के चलते ग्रामीण जल संकट का सामना कर रहे है। भीषण गर्मी और लोगों के यहां शादी विवाह के आयोजन है इस स्थिति में नल का खराब हो जाना गांववासियों के लिए विकराल समस्या है। गांव के लोगों की माने तो उनके टोला में यह इकलौता नल है। इसके अलावा घाट के नीचे काफी दूर पैदल जाकर पानी लाना पड़ता है। खराब नल की सूचना ग्रामीण पीएचई को दे चुके है तब भी सुधार नहीं करवाए जाने की बात ग्रामीणों ने जनपथ टुडे प्रतिनिधि को बताई।

अधिकारियों को नहीं फुर्सत

मात्र 100-200 रुपए की चैन के कारण बस्ती की आबादी परेशानी झेल रही है। सभी विकासखंडों में हैंडपंपों के संधारण कार्य के लिए विभाग द्वारा लाखों रुपए का भुगतान किया जाता है। इसके बाद भी सिर्फ गर्मियों में भर ठेकेदार काम नहीं करते है, बाकी तो सालभर विभाग की मेहरवानी और अफसरों की उदारता के चलते उन्हें लाखों रुपयों का भुगतान हर महीने किया ही जाता है। गर्मियों में भी अफसर और ठेकेदार अपने घरों में बैठे है और शासन के करोड़ों रुपए के व्यय किए जाने के बाद भी ग्रामीण जल संकट झेल रहे है। विभाग के एसडीओ विनोद कौशल से हमने छोटी सी समस्या का निदान हफ्तों से नहीं हो पाने की वजह जानने के लिए फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया किन्तु उनका फोन नहीं उठा, संभव है वे फुर्सत न हो!

नल जल योजना में चल रही मनमानी

पीएचई के अधिकारियों को कार्यों का निरीक्षण करने का समय नहीं है। ठेकेदार मनमाना काम कर रहे है और विभाग के अधिकारी बिना देखे भुगतान भी कर रहे है। आने वाले समय में करोड़ों की लागत की जल जीवन मिशन योजना के पाईप जगह जगह टूटे पड़े दिखाई देगे,  जिससे पूरी योजना प्रभावित होगी और शासन का पैसा पानी में जाएगा। जल जीवन मिशन अन्तर्गत जिला मुख्यालय के आसपास चल रहे कार्यों में ही पाईप लाइन निर्धारित से बहुत कम गहराई  जा में डाली जा रही है।  जिनका निरीक्षण जिला प्रशासन को टीम गठित कर करवाना चाहिए, जिससे जल जीवन मिशन अन्तर्गत ठेकेदारों और अधिकारियों की मिली भगत से किए जा रहे घटिया कार्यों के विरूद्ध समय रहते कार्यवाही की जा सके।

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