खनिज विभाग की आंखे बन्द, खनन माफिया बेलगाम
डिंडोरी – जनपथ टुडे, 29.02.2020
करोड़ों रुपया जुर्माने का नहीं हुआ जमा
डिंडोरी – जिले में खनिज विभाग पूरी तरह से निष्क्रिय है या फिर मिलीभगत के चलते अवैध खनन में लिफ्ट माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही नहीं करता ? वजह जो भी हो पर जिले में खनन माफिया जमकर मनमानी कर रहे हैं और इससे जनहित को क्षति पहुंचने के साथ ही, पर्यावरण विभाग, शासन के नियमों की तो खिल्ली उड़ाई ही जा रही है ऊपर से शासन को राजस्व की भी भारी क्षति पहुंचाई जा रही है और मौनधारण किए बैठे जिले के खनिज अमले की शह पर खनिज माफिया मौज कर रहे हैं।
रेत खदान का जुर्माना टुकड़ों में लिया जा रहा है
खनिज विभाग ठेकेदारों की मर्जी पर चलता है और नियम कानून को ताक पर रखकर उनकी मर्जी को खुली छूट दी जा रही है। दिवारी खदान के ठेकेदार विजय जसवानी पर किए गए लगभग डेढ़ करोड़ के जुर्माने को न चुकाने से दिवारी खदान बंद करने के आदेश होने के चंद दिनों बाद ही खदान फिर शुरू हो गई मात्र 15 लाख रुपए जमा कर बाकी राशि बाद में चुकाने के आवेदन के साथ।
यह निर्णय किसने लिया किस नियम के तहत लिया गया? इसका खुलासा तो नहीं हुआ, व्यावहारिक रूप से देखें तो 50 फीसदी से कम चुकाने पर लोगों के घर की कटी बिजली नहीं जोड़ी जाती पर करोड़ों के बकाया के बाद भी ठेकेदारों की खदान चालू हो गई। न केवल खदान चालू है बल्कि नियम विरुद्ध मशीनों का उपयोग और मनमानी रायल्टी ठेकेदार वसूल रहा हैं, पर प्रशासन से लेकर खनिज विभाग तक सब मूक बने बैठे हैं।
ठेकेदार द्वारा अवैध खनन और वृक्षों को काटने के मामले में भी कार्यवाही नहीं
गौरतलब है कि शाहपुरा से बटोधा मार्ग निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार द्वारा मनमाने ढंग से बिना अनुमति मुर्रम, पत्थर आदि खनिज बिना किसी अनुमति के खनन करके सड़क का निर्माण किया जा रहा है और वृक्षों को काटा जा रहा हैं किंतु उसके खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही प्रशासन, खनिज अथवा वन विभाग की नहीं दिखाई दे रही हैं।इस मामले को लेकर क्षेत्र के लोगों द्वारा शिकायते की जा रही है मीडिया मामले को उठा रहा है फिर भी किसी जिम्मेदार की आंखे खुल रही है न कार्यवाही के लिए हाथ।
राजलक्ष्मी कंस्ट्रक्शन पर 2.38 करोड़ का जुर्माना अब नहीं हुआ जमा
गौरतलब है कि 8 अप्रैल 2019 को खनिज विभाग द्वारा दर्री मोहगांव, शाहपुरा में स्थित राजलक्ष्मी कंट्रक्शन के क्रेशर पर अवैध खनन के विरुद्ध जुर्माने की कार्यवाही करते हुए 2 करोड़ 38 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। प्लांट और अवैध गिट्टी की जप्ती बना कर खनिज विभाग ने उसी फर्म के ही कर्मचारी के सुपुर्द पंचनामा बनाकर कर दिया गया था। फर्म ने जब्तीशुदा गिट्टी का भी उपयोग कर लिया और प्लांट भी काम निपटा कर उखाड़ कर ले गया बिना जुर्माना चुकाए खनिज विभाग की फाइल और कार्यवाही कहां दफन हो गई पता नहीं।
इस मामले को बसपा जिला अध्यक्ष द्वारा गुरुवार को कलेक्टर कार्यालय में लिखित शिकायत कर संज्ञान में लाए जाने लिखित पत्र दिया गया है।
दिखावटी जुर्माने में माहिर खनिज विभाग
जिले में खनिज माफियाओं और ठेकेदारों की मनमानी, सांठगांठ के चलते यूं तो विभाग को नजर ही नहीं आती और पूरे जिले में विभाग की शह पर खुलेआम अवैध खनन किया जाता है।
शिकायतों और मीडिया के शोर मचाने के बाद जब विभाग जागता है और कार्यवाही करता हैं तब जुर्माना करोड़ों रुपए का ठोक देता है पर इसको चुकाता कौन हैं और कितना यह किसी को नहीं पता।
अधिकांश ऐसे जुर्माने की राशि खनन माफियाओं और ठेकेदारों द्वारा नहीं चुकाए जाने की जानकारी है सूत्रों की मानें तो इस तरह के कई करोड रुपए के जुर्माने के मामले विभाग में वर्षों से लंबित हैं और इनकी वसूली की भी कोई कार्यवाही खनिज विभाग द्वारा नहीं की जाती जिससे खनन माफियाओं और चोर किस्म के ठेकेदारों के हौसले आसमान पर है। यदि इस तरह के कारनामों को नहीं रोका गया तो जिले के खनन माफिया जिले के कीमती खनिजों का बेखौफ हो कर लूट ले जाएंगे।