अनुपयोगी चेक डैम बना कर पंचायत डकार गई लाखों रुपए

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सब इंजीनियर ने आंख बंदकर किया साइट सिलेक्शन और ले- आउट

अधिकारियों की सांठगांठ से मनरेगा योजना में सरकार को लगाया गया चूना

अनुपयोगी स्थल का ग्रामीणों ने किया था विरोध

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 25 जुलाई 2022, जिले का मेहंदवानी विकासखंड आज भी विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है जबकि शासन द्वारा इस क्षेत्र के विकास के लिए भी पर्याप्त राशि विभिन्न योजनान्तर्गत प्रदान की जाती रही है। किन्तु स्थानीय माफियाओं और शासकीय तंत्र की मिलीभगत से विकास के नाम पर आवंटित राशि हजम कर ली जाती रही। जिले की दुरस्य जनपद होने से ग्रामीणों की शिकायत और उन पर न के बराबर कार्यवाही होने से भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों और माफियाओं के हौसले आज भी बुलंद है और इस क्षेत्र में विकास कार्यों के नाम पर मनमानी का यह खेल अब भी जारी है, जिसे देखने और जनता की सुनने वाला कोई नहीं है।

जिल्ही नाले पर बना अनुपयोगी चैक डैम

भुरका के जिल्ही नाला पर मनरेगा योजनान्तर्गत वर्ष 2020-21 में 11.12 लाख रुपए की लागत से स्वीकृत चेक डैम जिसमें निर्माण सामग्री पर 8.92 लाख रुपए व 2.20 लाख रुपए मजदूरी पर व्यय किए जाने थे। बताया जाता है कि कुछ ही माह पूर्व कार्य पूर्ण हुआ है, जिसके स्थल चयन को लेकर ग्रामीण सवाल उठाते रहे पर जिम्मेदार अपनी मर्जी पर अड़े रहे। जबकि इस संरचना को देखकर साफ जाहिर होता है कि विभाग के जिम्मेदार सब इंजीनियर और एसडीओ ने निर्माण कार्य को शायद देखा ही नहीं और यदि उनकी देखरेख में उक्त निर्माण किया गया है तो उनकी योग्यता पर जरूर सवाल खड़े होते है। उक्त निर्मित डैम की उचाई नाले के ग्राउंड लेबल के बराबर है, जहां पहले से ही इतनी मात्रा में जल भराव होता रहा होगा। तब इसके निर्माण पर शासन के लाखों रुपयों की होली खेलना जांच का विषय है। वहीं डैम में जल भराव के बाद इसकी निकासी के लिए डैम के आगे शायद नाले में गहरी खुदाई करना होगी। उक्त चैक डैम के निर्माण की उपयोगिता और साइट सिलेक्शन जांच विषय है। जिस पर बिना उपयोगिता के शासन की राशि का दुरुपयोग किया गया है और जिम्मेदार मिलकर राशि डकार गए है। ग्रामीणों की माने तो इस स्थान पर डैम निर्माण के बाद भी उतना ही पानी रुकेगा जितना डैम बनने के पहले रुकता था। किन्तु पंचायत और तकनीकी अमले की मनमानी से यहां लाखों रुपए की लागत से चैक डैम का निर्माण कर राशि आहरित कर लिया जाना जांच का विषय है। ग्रामीणों का आरोप है कि नाले पर जगह जगह बनाए गए इन डेम का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है जबकि पंचायत ने ऐसे दर्जनों डेम का निर्माण कर सरकार के करोड़ों रुपए बर्बाद कर दिए है, और इनकी गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे है। उक्त कार्य की उपयोगिता को लेकर संबंधित सब इंजीनियर से चर्चा करने पर वे कोई भी जवाब देने की स्थिति में नहीं है, कभी फोन नहीं उठाते तो कभी मीटिंग तो कभी बाहर होने की बात कहते है।गौरतलब है कि मेहंदवानी जनपद में पदस्त सब इंजीनियर मुकेश पटेल की कार्यप्रणाली क्षेत्र में काफी चर्चित है उनके करीबी ठेकेदारों के द्वारा स्टाप डैम और चैक डेम का घटिया निर्माण सुर्खियों में रहा है। एक ही नाले में दर्जनों छोटे डैम और दूर दराज जंगलों के बीच स्थल चयन कर जंगल में मनमाना निर्माण कार्य कराया जाने को लेकर भी काफी चर्चाए है जिनकी जांच करवाई जाना आवश्यक है।

भुरका पंचायत ने डैम निर्माण का खेल

इसी कड़ी में देखा जा रहा है कि पिछले कई वर्षो से मेहंदवानी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत भुरका में स्टाप और चेक डेम के नाम पर जमकर खेल खेला जा रहा है। ग्राम पंचायत के बदला नाला, बगली में लगभग आधा दर्जन डैम बनाए गए ग्रामीण इनके अनुपयोगी स्थान पर बनाए जाने का विरोध करते रहे तब भी सब इंजीनियर और पंचायत के जिम्मेदारों ने मनमाने ढंग से घटिया डेमो का निर्माण कर लाखों रुपयों की शासकीय राशि आहरित कर ली। इस नाले पर सौ दो सौ मीटर की दूरी पर स्टाप और चेक डेम का निर्माण कर दिया गया है जिनकी उपयोगिता को लेकर सवाल उठते रहे है। वहीं तकनीकी निर्देशों की भी अनदेखी तकनीकी अमले द्वारा की गई है, जो जांच का विषय है।

घटिया निर्माण कार्यों को लेकर चर्चा में है पंचायत

इसी पंचायत ने पिछले वर्ष बने डैम के जर्जर हो जाने, जिसमें सब इंजीनियर मुकेश पटेल और कथित ठेकेदार सेन को लेकर खबर सार्वजनिक होती रही है। वहीं इसी वर्ष मनरेगा योजना अन्तर्गत 12 लाख रुपए की लागत निर्मित चेक डेम की घटिया गुणवत्ता और भरे गए पत्थर बाहर निकलने सहित बिना साइड बाल बनाए जाने की खबर भी चर्चाओं में है। जिसको लेकर जनपद सीईओ ने जांच करवाए जाने की बात हमारे प्रतिनिधि से कहीं है।

“अमृत सरोवर” नदारत

साथ ही साथ ग्राम पंचायत भुरका में इसी वर्ष अमृत सरोवर योजना अन्तर्गत बदरा खाती नाला पर 58.71 लाख रुपए की लागत से स्वीकृत डैम के गायब होने की भी चर्चा है। प्रशासनिक स्तर पर स्वीकृत इस अमृत सरोवर का अस्तित्व मौके पर नहीं है। सब इंजीनियर की माने तो उक्त कार्य निरस्त कर दिया गया है। जबकि जिले से जारी सूची में उक्त कार्य का उल्लेख है।

ग्राम पंचायत द्वारा किए जा रहे घटिया और गुणवत्ताहीन स्टाप और चैक डेम निर्माण तथा अनुपयोगी स्थल चयन और घटिया कार्यों के मूल्यांकन और भुगतान को लेकर तकनीकी अमले की कार्यप्रणाली की जांच कर शासकीय राशि का दुरुपयोग के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जनापेक्षा जिला प्रशासन से की जाती है। अनुपयोगी कार्य कराकर शासकीय राशि हड़पे जाने को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने नाराजगी है, जिस पर जनपद के अधिकारियों को शीघ्र निष्पक्ष कार्यवाही करना चाहिए।

(आगे और कुछ खुलासे जल्दी ही…..)

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