तिरंगा फहराने के दौरान, बिना फहरे नीचे आया तिरंगा …..

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कलेक्टर के रोकने के बाद भी कर्मचारी ने की जोर आजमाइश

नगर परिषद के अमले की खुली पोल


जनपथ टुडे, डिंडौरी, 13 अगस्त 2022, शासन के आदेश निर्देश पर जिला प्रशासन हर घर तिरंगा कार्यक्रम को कितनी संजीदगी से ले रहा है जिसका अनुमान इन तस्वीरों को देखकर बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है। तस्वीरों में देख सकते हैं केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते तिरंगा फहराने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन तिरंगा बिना फहरे ही नीचे आ जाता है। मामला कलेक्ट्रेट परिसर के पास स्थित रानी दुर्गावती चौक का है जहां केंद्रीय मंत्री झंडा फहराने पहुंचे थे और झंडा लापरवाही से लगाए जाने के चलते फस गया, अपनी गलती को छुपाने और करनी पर लीपापोती करते हुए तैनात कर्मचारी ने जल्दबाजी दिखाते हुए डोर को इतने कस कर खींचा की झंडा डोर सहित नीचे आकर गिरा। जबकि मौके पर उपस्थित जिला कलेक्टर रत्नाकर झा उक्त कर्मचारी को बार बार टोकते जा रहे थे “क्या कर रहे हो.., कर क्या रहे हो! पर लीपापोती में माहिर नगर पंचायत के कर्मचारी ने उनकी एक न सुनी और झंडा फहरने की बजाय नीचे आ गया। जिसके बाद आनन फानन में तिरंगे को सही करके दोबारा फहराया गया। दोबारा झंडे को सही ढंग से लगाने भी पुलिस अधीक्षक संजय सिंह उक्त कर्मचारी को निर्देशित करते सुनाई दे रहे है पर नगर परिषद के कथित साहब… ने आजतक किसी की नहीं सुनी।

यह पूरा वाक्या कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर रानी दुर्गावती चौक पर हुआ जहाँ तमाम अधिकारियों की मौजूदगी में तिरंगे का अपमान हुआ। जिसके बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया और नगर परिषद के जिम्मेदारों पर इसका ठीकरा फोड़ दिया गया। जानकारी के मुताबिक कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर तिरंगा फहराने व कार्यक्रम की जिम्मेदारी नगर परिषद को दी गई थी।

केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते से जब मीडिया ने तिरंगे के अपमान को लेकर सवाल किया तो उन्होंने इसे प्रशासनिक चूक बतलाया है।

क्या कहना है नगर परिषद के अधिकारियों का :-

“झंडा लगाने की जिम्मेदारी परिषद ने कर्मचारी प्रमोद सोनी को दी थी। गड़बड़ी के लिए वे ही जिम्मेदार है। उनके विरूद्ध प्रस्ताव बनाकर परिषद द्वारा जिला कलेक्टर को भेज दिया गया है।”

चन्द्र मोहन गर्मे,
प्रभारी सीएमओ,
नगर परिषद, डिंडोरी

नगर परिषद की खुली पोल

जिला मुख्यालय की व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार नगर परिषद का अमला अपनी मनमानी और गलतियों पर लीपापोती में कितना महिर है, इस मामले से साफ उजागर हो रहा है। जहां जिला कलेक्टर द्वारा उक्त कर्मचारी को जोर आजमाइश करने के लिए टोंका जा रहा है तब भी वह नहीं मान रहा है। नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि झंडे से संबंधित कार्य शुरू से ही प्रमोद सोनी करते आए है, इसलिए उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई थी। महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को लापरवाही के चलते ठीक से नहीं निभाया गया, इसके लिए सीएमओ प्रमोद सोनी की ही जिम्मेदारी मानते है। पर इस तरह की घोर लापरवाही और मनमानी नगर परिषद में कब तक जारी रहेगी यह बड़ा सवाल है। जिला कलेक्टर दोषी कर्मचारी के खिलाफ कितनी सख्त कार्यवाही करते है यह जल्दी ही सामने आएगा।

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