जिंदगी की जंग जीत गये बैगा दंपति, जवान बने जीवन रक्षक
नीरज श्रीवास्तव
रेस्कयू कर नर्मदा में फंसे बैगा दंपति को सुरक्षित बचाया गया
मेहंदवानी के डोंगरघाट का मामला
जनपथ टुडे, डिंडौरी, 22 अगस्त 2022, मेहंदवानी थानांतर्गत डोंगरघाट में नर्मदा नदी में टापूनुमा खेत में बाढ़ की भीषण लहरों के बीच फंसे बैगा दंपति जिंदगी की जंग जीत गये हैं।
पुलिस और होमगार्ड के जवानों के साथ मोटरवोट बैगा दंपति के जीवन रक्षक साबित हुये हैं। इनको पुलिस और होमगार्ड के संयुक्त प्रयास से सोमवार की सुबह 8 बजे उफान मारती लहरों से सुरक्षित निकालने में सफलता प्राप्त हुई है और एक बड़ा हादसा टल गया।रविवार दोपहर से नर्मदा के वेग के बीच फंस गये थे और बढ़ते जलस्तर से बचने पेड़ पर ही रात काटी।15 घंटों तक चली कसमकस के बाद ग्रामीणों और प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
गौरतलब है कि रविवार की दोपहर मेहंदवानी थाना अंतर्गत ग्राम डोकरघाट के पास बैगा दंपती नर्मदा नदी के बीचोंबीच टापू में फंस गए। सूचना मिलने पर SP संजय सिंह, एसडीएम शहपुरा काजल जावला सहित अन्य जरूरी अमला मौके पर पहुंच गया था।जानकारी ली गई तो मालूम हुआ कि सबनू बैगा पिता लोधी 55 साल और उसकी पत्नी बासो बाई नर्मदा नदी के बीच टापू में सब्जी की खेती करते हैं,जो रविवार की सुबह नर्मदा पर कर खेत पहुंचे थे।दोपहर के बाद नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ता रहा और शाम तक उफनाती लहरों ने टापू को आगोश में ले लिया।हालांकि जल समाधि से बचने की कोशिश के तहत सबनू और बासो एक पेड़ पर चढ़ गये।जिन्हें संकट से बचने के प्रयास पुलिस और होमगार्ड ने शुरू किये, लेकिन नर्मदा के प्रचंड बहाव और अंधेरा होने के कारण सफलता नही मिल सकी। फिर भी सुरक्षा दस्ते ने हार नही मानी और जाखों राखे साइयां मार सके न कोई की तर्ज पर दौनो बुजुर्गों को सुबह सुरक्षित रेस्कयू कर किनारे ले आये।जिसके बाद माहौल भावुक हो गया। इस दौरान बैगा दंपति और परिजनों की आंखे भर आईं। उन्होंने सुरक्षा दस्ते को धन्यवाद दिया।रेस्कयू उपरांत दोनो का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया। इस दौरान चर्चा में सबनू और बासो ने बतलाया कि उन्हें गुमान नही था कि बाढ़ इतनी बढ़ जायेगी। उनके निकलने के पहले ही जलस्तर ऊंचा हो गया और भगवान को याद कर उन्होंने पेड़ की ऊंचाई का सहारा ले लिया। रात भर दोनों गरजती लहरों से सहमे रहे। सुबह जलस्तर कम होने पर दोनो पेड़ से उतर आये और टापू में ही खाने के इंतजाम में लग गये। इस दौरान किनारे पर मोटरबोट को देखने के बाद उनका डर खत्म हो गया। बताया गया कि रेस्कयू टीम को सुबह 7 बजे टापू की तरफ रवाना किया गया था। बैगा दंपति के साथ टीम 45 मिनिट बाद वापस हो गई। दो बुजर्गों की जान बचाने में पुलिस कप्तान संजय सिंह के मार्गदर्शन और ASP जग्गनाथ मरकाम के दिशानिर्देश पर SDOP शहपुरा मुकेश अबिन्द्रा, कमांडेंट होमगार्ड ललित उद्दे और समस्त जवानों की अहम भूमिका रही।