सडवा छापर पंचायत के नवनिर्वाचित सरपंच को प्रभार के लिए काटने पड़ रहे है चक्कर
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 24 अगस्त 2022, जनपद पंचायत करंजिया की व्यवस्थाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। ग्राम पंचायतों पर सीईओ जनपद पंचायत का कोई नियंत्रण नहीं है, पंचायतें अपनी मनमानी और सचिवों की नादिरशाही का शिकार है, आमजन परेशान है वहीं शासन की योजनाएं और निर्देशों का पालन समय पर नहीं हो पा रहा है तब किसी तरह की कार्यवाही सीईओ के द्वारा नहीं किया जाना बड़ा सवाल है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद से कई पंचायतों का काम पूरी तौर पर ठप्प पड़ा है निर्वाचित सरपंच को प्रभार नहीं दिया जा रहा है जबकि इसके लिए शासन से तय समय सीमा में कार्यवाही के निर्देश जारी किए जा चुके है।
ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत सड़वाछापर का है जहां अब तक नव निर्वाचित सरपंच को पूर्व सरपंच द्वारा प्रभार न तो दिया गया है और न ही सरपंच के डिजिटल सिग्नेचर तैयार करवाए गए है। जिससे पंचायत का कार्य पंचायत सचिव के द्वारा अकेले ही किया जा रहा है जबकि निर्वाचन संपन्न हुए लगभग एक माह का समय बीत चुका है और करंजिया जनपद की ही अन्य पंचायतों ने सरपंच पूर्णरूप से अपने पद पर काबिज हो चुके है पर इस पंचायत में सचिव शासन प्रशासन के निर्देशों की खुली अवहेलना कर रहे है तब भी जनपद के अधिकारियों द्वारा उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही न किया जाना सवाल खड़े करता है।
बताया जाता है कि पंचायत चुनाव हुए एक महीना से ज्यादा हो गया है और अभी तक भूतपूर्व सरपंच मायावती परस्ते और पंचायत साचिव सुरेश प्रताप सरठीया के द्वारा वर्तमान सरपंच शांति धुर्वे को प्रभार नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण अभी तक ग्राम पंचायत में बहुत से काम नहीं हो पा रहे है। किसी भी फाईल या दस्तवेज में सिग्नेचर सील नहीं हो पा रहे है जिससे आमलोगों का बहुत काम रुका हुआ है। ग्रामीण को अपने काम करने के लिए चक्कर लगाना पड़ रहा है। वहीं बेरोगार ग्रामीण मजदूर पलायन कर रहे है क्यों कि पंचायत में रोजगार नहीं मिल पा रहा है। बताया जाता है कि ग्राम के लगभग दो दर्जन बेरोजगार मजदूर काम की तलाश में बाहर चले गए, उन्हें पंचायत में काम शुरू होने पर संभावना ही नहीं दिख रही थी।
जब पंचायत में जनता द्वारा चुने गए ग्राम के मुखिया को प्रभार मिलने ने इतनी समस्या हो रही है तो आम आदमी की स्थिति क्या होगी सोचा जा सकता है।
सरपंच को शासन प्रशासन के निर्देश पर भी प्रभार समय नहीं दिलाने के बाद नव निर्वाचित सरपंच की शिकायत पर जनपद पंचायत सीईओ द्वारा आगामी 26 अगस्त को प्रभार दिलवाए जाने के लिए आदेश जारी किए गए है किन्तु अब तक सचिव के द्वारा नव निर्वाचित सरपंच को प्रभार क्यों दिलवाया गया इसके लिए कोई कार्यवाही सचिव के विरूद्ध नहीं की गई है। इस तरह से मनमानी करने वाले पंचायत सचिवों को जनपद द्वारा दिए जा रहे संरक्षण और सचिवों की मनमानी से पंचायत राज व्यवस्था में आमजन को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे है दूसरी तरफ जनपद इन सब पर मौन बना बैठा है जो अचरज का विषय है।