अनाड़ी हाथों में दवा दुकानों की कमान, आमजन की जिंदगी से खिलवाड़

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बगैर फार्मासिस्टों के चल रहे हैं मेडिकल स्टोर – विभाग की आंख बंद

जनपद टुडे, डिंडोरी, 28 सितंबर 2022, (प्रकाश मिश्रा) जिले के अंतर्गत जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित मेडिकल स्टोर्स बिना विशेषज्ञों के धड़ल्ले से संचालित किए जा रहे हैं। जिनकी शिकायत लगातार की जाती रही है। प्राय बात खास तौर पर देखने में आती है कि मेडिकल स्टोर्स में जिन फार्मासिस्टों के लाइसेंस संचालन हेतु संलग्न किए जाते हैं। उन फार्मासिस्टों की उपस्थिति मेडिकल स्टोर में नहीं होती है या फिर यूं कहा जाए केवल कागजी खानापूर्ति के लिए फार्मासिस्ट की डिग्री और नाम का प्रयोग किया जाता है।बाकी पूरे समय अनट्रेंड लोगों के द्वारा मेडिकल स्टोर का संचालन किया जाता है। जिसके कारण अनेकों बार दवाइयों के विक्रय में भिन्नता देखने को मिलती है। बड़ी संख्या में संचालित मेडिकल स्टार्स में अप्रशिक्षित लोगों के द्वारा दवाइयों का विक्रय करते हुए खुलेआम देखा जा सकता है। मेडिकल स्टोर संचालक उनके परिवार के लोग अथवा अन्य व्यक्ति के द्वारा चिकित्सक के द्वारा मरीज को लिखी गई दवाइयां उपलब्ध कराई जाती है। जिनमें अंतर देखने को मिलता है। अधिकांश मेडिकल स्टार्स में यही स्थिति होने के बाद भी संबंधित विभाग के जिम्मेदारों को यह दिखाई नहीं देता जो बड़े अचरज की बात है।

कुंभकरण की नींद में सोया विभाग और उसके जिम्मेदार

लगातार शिकायतों के मिलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग एवं आयुष विभाग का अमला जिले के अंदर संचालित इन मेडिकल की दुकानों में न तो नियमानुसार संचालन की व्यवस्था को देख रहा है और न ही कमियां पाए जाने पर कोई कार्रवाई कर रहा है।बिना विशेषज्ञ के दवा दुकानों से बेरोकटोक खुलेआम दवाइयां बेची जा रही है। मनमाने तरीके से दवाई दुकानों का संचालन करते हुए जिले की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। नतीजन जिले की भोली भाली जनता के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहे हैं ।

दो दो जिलों के प्रभार में अधिकारी लाइसेंसों का नहीं हो पा रहा है नवीनीकरण

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के अंतर्गत संचालित मेडिकल दुकानों के लाइसेंसों का नवीनीकरण भी काफी लंबे समय से निरंतर नहीं किया जा रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके द्वारा जरूरी कागजी कार्रवाई की जा चुकी है। किंतु ड्रग इंस्पेक्टर दो दो जिलों के प्रभार पर हैं जिसके चलते जिले का काम सफर कर रहा है। ड्रग इंस्पेक्टर्स के जिले में लगातार मौजूद न होने के कारण मेडिकल स्टोरों में मनमानी चल रही है।एक ही दुकान पर अलग-अलग पैथी, आयुर्वेदिक, एलोपैथिक, यूनानी, होम्यो पैथिक की दवाइयां विक्रय के लिए मौजूद देखी जा सकती है। जबकि नियमानुसार विशेषज्ञ की उपस्थिति में ही अलग-अलग पैथियों की दवाइयां का विक्रय किया जाना चाहिए। औषधी विभाग की अकर्मण्यता एवम लापरवाही के चलते इस तरह की अनियमितता को भयंकर रूप से बढ़ावा मिला हुआ है। बार-बार ध्यान आकृष्ट कराने के बाद भी ड्रग इंस्पेक्टर और औषध विभाग महज खाना पूर्ति कर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है उसे इस लापरवाही और अनियमितता से होने वाले गंभीर परिणामों की कोई चिंता नहीं है।

औषधि निरीक्षक और आयुष विभाग से अपेक्षा है कि वह अपनी कुंभकरण की नींद से जागे और इस आदिवासी जिले में बडी संख्या में संचालित ऐसे मेडिकल स्टोर जो अवैध रूप से चल रहे हैं। उन पर कड़ी कार्यवाही करें ताकि जिले की आम जनता के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके।

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