अधिकारियों को घूस देकर स्वीकृत करवाई गई पुलिया, चल रहा घटिया निर्माण

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तीस हजार रूपए दिए: तब पुलिया हुई स्वीकृत

सरपंच पति कर रहा गुंडई और दलाली

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 29 दिसंबर 2022, जिले के बजाग जनपद क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत किकरा तालाब में घटिया पुलिया निर्माण कार्य किया जा रहा है। जहां निर्माण कार्य एजेंसी पंचायत को बताया जा रहा है तो वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार घटिया पुलिया का निर्माण गाड़ासरई के कथित ठेकेदार के द्वारा कराया जा रहा है। जब इस मामले पर पंचायत के सचिव से जानकारी ली गई तो बतलाया गया पुलिया निर्माण की स्वीकृति उनकी पदस्थापना से पूर्व की है जिसका कार्य पंचायत सरपंच पति के करीबी के द्वारा कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत सरपंच से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिया निर्माण दस रुपए की लागत से कराया जाना था लेकिन निर्माण कार्य के लिये डीपीआर ₹800000 की राशि स्वीकृत की गई है। पुलिया निर्माण ठीक तरह से कराया जा रहा है ऐसा कहना ग्राम पंचायत के प्रधान पति का, जबकि देखा जा रहा है कि पुलिया निर्माण में अनियमितताओं का अंबार अटा पड़ा हुआ है। पुलिया निर्माण कार्य में साइन बोर्ड नहीं लगाया गया है जिससे स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि पुलिया निर्माण कार्य में कितनी राशि स्वीकृत कराई गई है और कितने मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा। निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किया गया है और कब तक पूर्ण कराया जाएगा। कुल मिलाकर सरपंच पति की मनमानी से शासकीय नियमों को दरकिनार रख कर निर्माण कार्य चल रहा है। जिस पर सवाल उठाने पर कथित सरपंच पति गुंडई पर उतर आता है। जाहिर है कि निर्माण कार्य के नाम पर दलाली कि जा रही है और निर्वाचित सरपंच सिर्फ मोहर है सब कुछ सरपंच पति कर रहे है। वास्तविक सरपंच से कोई फोन पर भी बात नहीं कर सकता क्योंकि उनका फोन उनके पति ही उठाते है और वे ही हर बार का जवाब देते है।

चहेतों को फायदा पहुंचाने शासकीय राशि का दुरुपयोग

जानकारी के अनुसार बरसोद रोड में प्रेम सिंह के घर के समीप लाखों की लागत से पाइप लाइन पुलिया का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जहां नाले का कोई अस्तित्व नहीं है। दोनों ओर खेत ही खेत नजर आते हैं और विभागीय अमले ने कमीशन के चक्कर में मनमानीपूर्वक कार्य को स्वीकृत कर दिया। उच्च अधिकारियों के संरक्षण के चलते ग्राम पंचायत कर्मियों के हौसले बुलंद है तो वही वे दबंगई दिखाते हुए खुलेआम घटिया मटेरियल का उपयोग निर्माणाधीन पुलिया में कर रहे है। कहना गलत नहीं होगा ग्राम पंचायत प्रधान, पंचायत सचिव, उपयंत्री सहित जनपद के अधिकारियों की सांठगांठ के चलते शासन के द्वारा स्वीकृत राशि पुलिया निर्माण के लिए लाई गई है जिसकी होली खेली जा रही है।और चहेते ठेकेदार के द्वारा गुणवत्ताहीन पुलिया निर्माण कार्य पर पंचायत के नुमाइंदों सहित जनपद के अधिकारी आंख बंद किए हुए हैं। सब इंजीनियर, एसडीओ गुणवत्ता खराब होने पर भी चुप क्यों है? दबाव और कमीशनखोरी का नमूना है ऐसे कार्य।

पैसे देकर स्वीकृत कराई पुलिया : सरपंच

ग्राम पंचायत सरपंच की माने तो एक अधिकारी को पुलिया स्वीकृत कराने के एवज में ठेकेदार के द्वारा ₹30000 रिश्वत के तौर पर दिए गए थे। रिश्वत लेने वाले अधिकारी का नाम ग्राम प्रधान के पति से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उस अधिकारी का ट्रांसफर बजाग जनपद से हो चुका है। गौर करने वाली बात यह है कि घूस देकर पंचायत में काम लाने वालों से गुणवत्तायुक्त निर्माण कार्य की अपेक्षा कैसे की जा सकती है।

दलालों और कथित सरपंच पतियो से पंचायती राज मुक्त कराए जिला कलेक्टर

एक ओर डिंडोरी कलेक्टर कार्यों में लापरवाही बरतने वालों के ऊपर एक्शन ले रहे हैं तो वही इसके विपरीत जिले के जनपद क्षेत्रों में बैठे अधिकारियों से साठगांठ के चलते गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं जिसका उदाहरण बजाग जनपद क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत किकरातालाब में देखा जा सकता है। मीडिया के द्वारा किए गए सवाल से ग्राम प्रधान बौखला गए और मीडिया से ही फोन पर जानकारी देने के बदले में अभद्र भाषा का उपयोग करने पर उतारू हो गए। जनप्रतिनिधि ही अपने पंचायत में भ्रष्टाचार को संरक्षण देते हुए नजर आ रहे हैं। जिला कलेक्टर से जनापेक्षा है कि शासन की मंशा के अनुरूप महिला जनप्रतिनिधियों के हक पर डाका डाल रहे उनके परिजनों को शासकीय कामकाज से दूर किया जावे और गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों के विरूद्ध शासकीय अमले पर कार्यवाही की जावे वहीं पंचायतों में हावी कथित दलालों से पंचायती राज को सुरक्षित करने कड़ी कार्यवाही करे।

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