हत्या के संदेही की जहर के सेवन से मौत, 2 ASI सस्पेंड
गहमागहमी के बीच हुआ PM
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 24 फरवरी 23, सिटी कोतवाली अंतर्गत घानामार गांव में डबल मर्डर की वारदात में शामिल एक संदेही की जहर के सेवन से मौत का मामला गुरुवार की शाम को प्रकाश में आया है। मृतक का नाम विष्णु सैयाम लगभग 40 साल निवासी घानामार बतलाया गया है।जानकारी के मुताबिक पुलिसकर्मी गुरुवार की शाम पूछताछ के सिलसिले में विष्णु को उसके घर लेकर गये थे।जहाँ विष्णु ने पुलिस को चकमा दिया और मौके से भाग गया। ग्रामीणो की मदद से पुलिस ने विष्णु की खोजबीन शुरू की और मालूम हुआ कि विष्णु की नर्मदा किनारे जहर के सेवन से मौत हो गई है। मृतक का पोस्टमार्टम शुक्रवार को जिला अस्पताल में भारी गहमागहमी के बीच हो सका। PM रिपोर्ट में मौत का कारण कनेर के बीच के सेवन की आशंका को बतलाया गया है।
इस दौरान मृतक की पत्नी सेववती और परिजनों ने पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर विष्णु के द्वारा आत्महत्या करने के आरोप लगाये हैं और कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत पत्र सौंपा है। जिसपर कार्रवाई करते हुये 2 सहायक उपनिरीक्षक राजेश यादव और बालमुकुंद चौरसिया को सस्पेंड कर दिया है।इसके बाद पर मृतक के परिजन विरोध करते रहे, जिन्हें विधायक ओमकार मरकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते, प्रदेश प्रतिनिधि रमेश राजपाल, ADM सिंह, ASP जग्गनाथ मरकाम, तहसीलदार विसन सिंह ठाकुर सहित अन्य प्रशासनिक और पुलिस अमले ने समझाया और शव को गांव के लिये रवाना करवाया।
गौरतलब है कि रविवार 19 तारीख को घानामार गांव में झोपड़ी के अंदर बुजुर्ग दंपति छगना पारधी 60 साल और शांति बाई 55 साल की लाश बरामद हुई थीं। एक साथ दो लोगों की हत्या से गांव में सनसनी फैल गई थी। वारदात की सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और प्राथमिक तफ़्तीश में धारदार हथियार और पत्थर से मारकर हत्या करने की आशंका जताई गई थी। शवों के सिर और चेहरों पर धारदार हथियार से वार कर वारदात को अंजाम दिया गया था।जानकारी के मुताबिक मृतक दंपति वर्ष पिछले तीन साल से घानामार गांव में झोपड़ी बनाकर रहते थे।इस दोहरे हत्याकांड पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के विरुद्ध 302 का मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी थी। जिसके बाद डबल मर्डर की तह तक जाने पुलिस ने टीम गठित की थी और संदेही के तौर पर विष्णु और उसकी पत्नी सेववती के साथ गांव के दो अन्य लोगों से पूछताछ कर रही थी। जिसके बाद गुरुवार को संदेही विष्णु ने गांव पहुंचकर आत्महत्या कर ली।पुलिस ने इस बाबद मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जग्गनाथ मरकाम ने अन्य बिंदुओं पर भी जांच का आश्वासन मृतक के परिजनों को दिया है।
परिवार के सामने खड़ा हो गया रोजी-रोटी का संकट
मृतक अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला पालन पोषण करने वाला व्यक्ति था प्रताड़ना के चलते आत्महत्या करने के कारण मृतक के परिवार पर सामाजिक व आर्थिक दोहरा संकट आ गया है। परिजनों का आरोप है मृतक का हत्याकांड से कोई लेना-देना नहीं था और मृतक की आत्महत्या के लिए एसआईटी की टीम पूर्णतया जिम्मेवार है जिसके चलते पहले विष्णु को संदेही बना कर अपमानित कर समाज में बेइज्जत किया गया थाने में प्रताड़ित किया गया जिस अपमान को यह बर्दाश्त नहीं कर पाया और आत्महत्या कर बैठा। जिला प्रशासन से मांग की गई कि बुजुर्ग हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम को तत्काल भंग किया जाए और एसआईटी टीम के विरुद्ध तत्काल जांच बैठा कर अपने प्रभाव का अधिकारों का दुरुपयोग करने और आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए मुकदमा चलाया जाए और उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाए साथ ही साथ उजड़ गए परिवार को 50 लाख की मुआवजा राशि भी दी जाए तथा परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाए जिससे परिवार के भूखों मरने की संभावना खत्म हो और परिवार पुनः स्थापित हो सामान्य जीवन जी सके।
बहरहाल पुलिस ने मामले के ज्यादा तूल न पकड़ने पर राहत की सांस ली है लेकिन अभी भी कई सवाल अनुत्तरित हैं,आगामी समय में पूरे मामले पर क्या कारवाई होती है यह देखने का विषय है। एक तरफ कोतवाली पुलिस अब तक दोहरे हत्या काण्ड के आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है दूसरी ओर पूछताछ के दौरान एक व्यक्ति द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने से कोतवाली पुलिस के लिए एक और संकट खड़ा हो गया है। जनाक्रोश को देखते हुए पुलिस विभाग ने दो सहायक उप निरीक्षकों को निलबित कर दिया है।