लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी जल संकट से जूझ रहे सारंगपुरवासी

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पीएचई की कार्यप्रणाली का नमूना : पैसा हजम खेल खत्म

ग्रामवासियों को नही मिल रहा है जल जीवन मिशन का लाभ

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 15 मार्च 23, बजाग जनपद मुख्यालय के ग्राम पंचायत सारंगपुर के ग्रामीणों ने पानी की मांग को लेकर खोला मोर्चा, ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते ग्रामीणों को जल जीवन मिशन योजना का लाभ नही मिला तो अब उग्र आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी पीएचई के अधिकारियों की होगी।

केंद्र और राज्य सरकार के साथ जिला प्रशासन और पीएचई विभाग सरकार की अभिनव योजना जल जीवन मिशन का ढिंढोरा तो जमकर पीट रही है पर जमीनी स्तर पर इस योजना की कलई खुलती जा रही है। शासकीय आंकड़े और कागजी दस्तावेज पूर्ण करके संबंधित विभाग और जिला प्रशासन भले ही सरकार की आखों में धूल झोंकने में सफल हो गया हो किन्तु जमीनी हकीकत बदतर बनी हुई है। शासन के करोड़ों रुपए पानी की तरह फूकने के बाद भी गांवों के लोग बूंद बूंद पानी के लिए भटक रहे है। विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है कि योजना की राशि व्यय होने के साल भर बाद भी गांव के लोग न सिर्फ पानी के लिए तरस रहे है बल्कि हताश और परेशान अब नकारा पीएचई विभाग से सारी उम्मीद छोड़ चुके है और अब पानी के लिए प्रशासन के खिलाफ आंदोलन तक की चेतावनी दे रहे है। हालाकि आमजन की ऐसी चेतावनियों से जिला प्रशासन, शासकीय विभाग और जनप्रतिनिधियों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। कुछ ही रोज पहले विकास यात्रा के माध्यम से वे अपनी उपलब्धियां गांव को बता चुके है और विरोध करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही कर जनता को चुप रहने का संदेश भी दिया जा चुका है।

ताज़ा मामला बजाग के ग्राम सारंगपुर का है जहां ग्राम ने जल आपूर्ति के लिए लगभग 50 लाख रुपए की योजना का कार्य पीएचई विभाग द्वारा कराया गया। कार्य पूर्ण होने की तिथि पूर्ण होने के लगभग साल भर बाद भी गांव में जल आपूर्ति संभव नहीं ही सकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 20000 लीटर क्षमता वाली पानी टंकी से सारंगपुर आमाटोला, आवास टोला में घर घर पानी पहुचाने हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने अगले जो योजना बनाई थी वह पूरी तरह से असफल हो गई है जबकि शासन की राशि ठेकेदार के माध्यम से खर्च की जा चुकी है। ग्रामीणों के अनुसार विकास यात्रा में ग्रामीणों को जल जीवन मिशन योजना का लाभ, 67.20 लाख की लागत से बनी नल जल योजना को रंग रोगन कर शासकीय अफसर चले गये। किन्तु गांव में जल संकट अब भी जस का तस बना हुआ है। गर्मियों की दस्तक के साथ गांव में जल संकट बढ़ता जा रहा है। परेशान ग्रामीण अब आक्रोशित है। शासन द्वारा राशि दिए जाने के बाद भी योजना बनाने वाले पीएचई के नकारा और गैर जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग शासन से कर रहे है। ग्रामीणों की मांग है कि गर्मियों की देखते हुए जल्दी से जल्दी गांव के हर घर तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जावे और लगातार लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावे।

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