अब अवैध शराब बिक्री के खिलाफ मुहिम छेडेगी भाजपा
खुलेआम है अवैध शराब बिक्री शहर में
जनपथ टुडे, मार्च 8,2020, डिंडोरी, भाजपा के नव नियुक्त जिलाअध्यक्ष नरेंद्र राजपूत ने जिले में शराब के अवैध कारोबार और जिला मुख्यालय में खुलेआम शराब की बिक्री पर पुलिस की अनदेखी पर शांति समिति की बैठक में जिले के आला अधिकारियों की मौजूदगी में गंभीर आरोप लगाते हुए शराब के अवैध कारोबारियों को पुलिस का संरक्षण प्राप्त होने की बात कही। उन्होंने होली तक पुलिस द्वारा यदि इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं की जाती है तो आंदोलन और प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी भी दी।
शराब माफिया बेअसर
उल्लेखनीय है कि पूर्व की शिवराज सरकार ने डिंडोरी नगर की दो शासकीय शराब दुकान, एक देशी शराब और एक विदेशी शराब की दुकान बन्द करवा दी थी, उनका मानना था कि नर्मदा तट पर बसे गावो, कस्बों और शहरों में शराब दुकान बन्द किए जाने के बाद इन जगहों पर शराबखोरी बंद हो जाएगी और आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण लग जाएगा। किन्तु ईमानदार बात यह ही है कि सरकार के इस निर्णय के बाद भी शराबखोर एक दिन भी तकलीफ में नहीं रहे बल्कि अघोषित तौर पर तमाम शराब बेचने वाले उनके पास ही ठिकाना जमा बैठे और लोगो को फोन करने पर घर तक शराब पहुंचाने लगे तब से शराब का ये अवैध कारोबार दिनों दिन फलता फूलता जा रहा है, इस कारोबार में लगे तमाम लोग खाक से लखपति बन गए और अब वो खुलेआम पुलिस को खरीदने का दावा करते है। सच ये भी है कि लगभग पांच सालों से जिला मुख्यालय में जारी इस अवैध शराब कारोबार और पान के ठेलो तक पर होने वाली शराब की इस खुली बिक्री के खिलाफ पुलिस ने न कोई बड़ी कार्यवाही की, न ही जिला मुख्यालय की चाक चोबंद सुरक्षा व्यवस्था का दावा करने वाली पुलिस व्यवस्था शहर में अवैध शराब को आने से ही रोक पाई। इसीका नतीजा है कि दिनों दिन डिंडोरी में शराब के ठिकाने बढ़ते ही जा रहे है। गली कूचों को छोड़ भी दिया जाए तब भी नगर के मुख्य मार्ग और कई संवेदनशील स्थलों के करीब कम से कम दर्जन भर अवैध शराब के ठीहे है जिन पर जिला प्रशासन की नाक के नीचे प्रतिदिन लाखों रुपए की शराब न केवल बिकती है बल्कि इसको पीकर रात में शराबी शहर की सड़कों पर तफरी करते देखे जा सकते है और उत्पात भी मचा देते है, तब भी यदि पुलिस को इतना बड़ा काला कारोबार और शराबियो का हंगामा, झगड़े और नशे में होते हादसे नजर नहीं आते तो पुलिस व्यवस्था पर बहुत बड़े बड़े सवाल खड़े होते है जिनका जवाब देना पुलिस के बस की बात नहीं है।
कहां से आ रही है शराब ??
जिला मुख्यालय में अधिकतर शराब के अवैध ठिकाने चलाने वाले लोगो के पास प्रतिदिन शराब की खेप आती है। जिले में दर्जनों बार छुटपुट अवैध शराब पकड़ी जरूर जाती रही पर ये किन दुकानों का माल था और जिन दुकानों का ये माल था उनके खिलाफ सिकंजा कसने की किसी बड़ी कार्यवाही का कभी खुलासा नहीं हुआ। जाहिर तौर पर जिला मुख्यालय तक अवैध रूप से शराब पहुंचाने में जिले के ही अन्य शासकीय ठेकेदार जिनकी अन्य स्थानों पर जिले में दुकानें है उनका ही हाथ है क्योंकि जिले के बाहर से नियमित इतनी बड़ी मात्रा में अवैध शराब का परिवहन मुश्किल है।
एक और बड़ा सवाल इस पूरे कारोबार पर ये भी खड़ा होता है कि जब इतना बड़ा काला कारोबार जिला मुख्यालय में शराब माफिया खुलेआम अंजाम देने में सक्षम है तो अन्य नगर, कस्बों और गावो में इस शराब के कारोबार के क्या हाल होगे ??