कमलनाथ जी हेलीकॉप्टर से उतर कर जमीन पर आ जाइए मप्र में आप पार्टी को अपनी प्राइवेट कंपनी के रूप में मत चलाइए : वीरेंद्र बिहारी शुक्ला

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“आपके पास पैसा है हेलीकॉप्टर है तो आप बड़े नेता हो सकते हैं पर कार्यकर्ताओं का अपमान करने का अधिकार आपको नहीं है”

मुझे जिला सत्कार अधिकारी के रूप में कार्य सौंपा गया

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 27 मई 2023, पिछले दिनों जिला कांग्रेस कमेटी डिंडोरी के अध्यक्ष वीरेंद्र बिहारी शुक्ला का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था किन्तु अचानक से उन्हें प्रदेश कमेटी ने बिना किसी वजह के पद से हटा दिया, जिसके चलते पार्टी कार्यकर्ताओं का आक्रोश बाहर आ गया और कई महत्वपूर्ण निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से स्तीफा देकर पार्टी के इस निर्णय से असहमति जाहिर की। वहीं प्रदेश कमेटी के इस निर्णय के खिलाफ निवर्तमान जिला अध्यक्ष वीरेंद्र बिहारी शुक्ला ने सीधे प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को आड़े हाथों लिया।

पद से हटाए जाने के बाद भावुक हुए कांग्रेस कमेटी डिंडोरी के पूर्व जिला अध्यक्ष वीरेंद्र बिहारी शुक्ला का गुस्सा प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ फूटा और उन्होंने पार्टी संगठन की दुर्दशा और कमलनाथ के निर्णयों को जमकर निशाने पर लेते हुए आगामी चुनाव में पार्टी को इसका खमियाजा भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दे डाली साथ ही पार्टी के हालात का खुलासा किया।

उन्होंने कहा कि हमारी जिला कांग्रेस कमेटी घोषित नहीं हुई, क्योंकि विधायक नहीं चाहते थे। हम ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बनवा सकते, हम प्रदेश प्रतिनिधि नहीं बनवा सकते तब भी हमने सीमित साधनों संसाधनों से संगठन को चलाया। मैं कहना चाहता हूं कि माननीय कमलनाथ जी हेलीकॉप्टर से उतर कर जमीन पर आ जाइए मध्यप्रदेश में आप पार्टी को अपनी प्राइवेट कंपनी के रूप में मत चलाइए, आपके पास पैसा है हेलीकॉप्टर है तो आप बड़े नेता हो सकते हैं पर कार्यकर्ताओं का अपमान करने का अधिकार आपको नहीं है। इसका खामियाजा आपको भुगतना पड़ेगा आगामी विधानसभा चुनाव में। हेलीकॉप्टर से उतर कर देखें आप जो जिला संगठन को विधायकों के दरवाजे पर गिरवी रखने का प्रयास कर रहे है, राहुल गांधी की मंशा पर पानी फेर रहे है। राहुल गांधी चाहते हैं मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने हम चाहते हैं देश में कांग्रेस की सरकार राहुल गांधी प्रधानमंत्री बने।

लेकिन जिन विधायकों ने सरकार गिराई थी वही लोग माननीय कमलनाथ पर दबाव बनाकर मुझे से पद से हटवाया रहे है। मेरे साथ ब्लॉक कमेटी के अध्यक्ष नहीं है जिनकी मैंने नियुक्ति करवाई हो मेरे साथ जनता द्वारा चुने हुए पार्टी के वे जनप्रतिनिधि है जिन्हे पार्टी संगठन के साथ सामंजस्य बनाकर जनता से निर्वाचित करवाया है, जिसने विधायकों की कोई भूमिका नहीं रही, वे लोग संगठन और मेरे साथ खड़े है। ये दुर्भाग्य की बात है कि कमलनाथ जी ने मेरे कार्यों का मूल्यांकन नहीं किया मेरे कार्यों की समीक्षा नहीं की और संगठन प्रभारी कादिर सोनी व विधायक ओमकार मरकाम द्वारा षडयंत्र पूर्वक झूठी शिकायत कर मुझे पद से हटावाया गया। मैंने अपने कार्यकाल में जिले की दोनों विधानसभा सीट जीता कर दी, लोकसभा में दोनों क्षेत्रों से पार्टी को बढ़त दिलाई। आजादी के बाद पहली बार डिंडोरी नगर पंचायत पर कांग्रेस का परचम फहराया, 18 वर्षों के बाद जिला पंचायत भाजपा से छीन कर लाए, इसका इनाम मुझे पद से हटा कर दिया गया। जिला संगठन को विधायक के दरवाजे पर गिरवी रखना चाहते हैं, मै झुका नहीं इसलिए मुझे हटा दिया गया मैं संतुष्ट हूं।

विधायक ओमकार मरकाम कांग्रेस में जिले का कोई दूसरा आदिवासी नेता पैदा नहीं होने देना चाहते, खुद अपने परिवार के लोगों तक को चुनाव जिताने की क्षमता उनमें नहीं है पर विधायक होने के चलते संगठन को कठपुतली बनाकर रखना चाहते है। अभी तक हमें लगता था सिंधिया की गलती थी पर अब लग रहा है कि यह कमलनाथ जी की हिटलरशाही का नतीजा है तीन तीन पद पर रहने वाले कमलनाथ जिला संगठन भी एक ही आदमी की सौंपना चाहते है। विधायकों के दबाव में पार्टी संगठन को रौंदा जा रहा है और दबाव ने मुखिया है तो पार्टी का कभी भला नहीं हो सकता।

कांग्रेस कार्यकर्ता और आक्रोशित पदाधिकारी आगे भी अपने स्तीफे दे सकते है वहीं जिले कि  किसी भी महत्वपूर्ण संस्था में कांग्रेस के निर्वाचित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नहीं है। जिला पंचायत अध्यक्ष और डिंडोरी नगर परिषद अध्यक्ष ने अपना स्तीफा मेल और फेक्स के माध्यम से पार्टी को भेज दिया है।

जो भाजपा नहीं कर पाई, वो खुद कांग्रेस ने कर लिया

गौरतलब है कि नगर परिषद डिंडोरी की अध्यक्ष चुने जाने के बाद श्रीमती सुनीता सारस और जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते को भाजपा अपने खेमे ने लाने के लगातार प्रयास करती रही है। सूत्र बताते है कि कई तरह के दबाव और प्रलोभन के बाद भी ये लोग कांग्रेस का झंडा थामे रहे। चर्चा है की विगत दिवस मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान भी जिला पंचायत अध्यक्ष से बात हुई पर मामला बन नहीं पाया। किन्तु कांग्रेस के एक निर्णय से 24 घंटे ने दोनों अध्यक्षों ने पार्टी से स्तीफा दे दिया। जो काम भाजपा कई महीनों से नहीं कर पाई थी वह कांग्रेस ने कर दिया। पार्टी के इस निर्णय का जहां कई स्तर पर विरोध हो रहा है वहीं भाजपा के लिए आगामी चुनाव का रास्ता सुगम जरूर ही गया है, दो खेमों में बट चुकी कांग्रेस का लाभ भाजपा होना तय है।

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