अनोखी शादी: चमेली के पेड़ का किया कन्यादान, वैदिक रीति से कराई आम के वृक्ष से शादी
नीरज श्रीवास्तव
बारात में शामिल हुये ग्रामीण
जनपथ टुडे,डिंडोरी, 8 जून 2023, जनपद डिंडोरी अंतर्गत विक्रमपुर गांव में एक अनोखी शादी चर्चा में बनी हुई है। यह अनोखी शादी किसी इंसान की नहीं बल्कि दो पेड़ों की हुई है। वैदिक रीति रिवाज से आम और चमेली के पेड़ की अनोखी शादी कराई गई। इसके लिए बाकायदा लोगों को कार्ड छपवाकर निमंत्रण भेजा गया। आम और चमेली के विवाह में दूर-दराज के लोग शामिल हुए। इस शादी में शामिल लोगों ने बाराती की भूमिका निभाकर जमकर लुत्फ लिया। यह आयोजन धार्मिक मान्यताओं की मिशाल के साथ प्रकृति संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पर्यावरण के साथ संस्करों की अलख जगाने वाली इस अनोखी शादी पर प्रकाश डालते हैं, जहां विक्रमपुर कस्बे के निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक रमेश कनोजिया के परिवार ने चमेली और आम के पेड़ की शादी का आयोजन पर्यावरण दिवस पर किया।
इस समारोह में शामिल होने के लिए विक्रमपुर सहित अन्य कई स्थानों से रिश्तेदार और पहचान वाले पहुंचे। जानकारी के मुताबिक कनोजिया परिवार ने आम और चमेली के पेड़ वर्षों पूर्व रोप थे, जो अब बड़े हो गये थे।दौनो पेड़ों का पालन पोषण कनोजिया दंपती ने अपने बच्चों की तरह किया है। लिहाज उन्होंने आम एवं सुगंधित पौधा चमेली का विवाह धार्मिक रीति रिवाज अनुसार मंडपाच्छादन, तेल, हल्दी, सजावट, एक बाजा गाजा सहित वैदिक मंत्रोपचारण के द्वारा करने का संकल्प लिया था। इसी को पूरा करने कनोजिया परिवार ने पर्यावरण दिवस के दिन दोनो पेड़ों की शादी का निर्णय लिया और विवाह की सभी रस्मों के साथ चमेली के पेड़ के कन्यादान की परंपरा का भी पालन किया। इस अनोखे विवाह के साक्षी ग्रामीण बने, जिन्होंने वर और वधु पक्ष की सभी औपचारिकता निभाईं।
दो पेड़ों की शादी के उद्देश्य के प्रश्न पर सेवानिवृत्त शिक्षक रमेश कनोजिया का कहना है कि वर्तमान में वृक्षों की सुरक्षा और पर्यावरण संतुलन बहुत ही जरूरी हो गया। उन्होंने इसको अपनी धार्मिक भावना का हिस्सा भी बतलाया है। कनोजिया परिवार ने आम और चमेली के पेड़ों के विवाह के दौरान शामिल मेहमानों से
पौधे लगाने तथा उनका संरक्षण का वचन बतौर उपहार लिया।इस दौरान उन्होंने आम, नीम, पीपल, आँवला, बेल आदि के वृक्षों को दैवीय पौधा बताकर इनके संरक्षण की अपील भी की है।