राष्ट्रपति ने किया बैगा महिला कृषक लहरी बाई को सम्मानित
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 17 सितंबर 2023, जिले की ग्राम सिलपिडी पोस्ट चाड़ा विकासखंड बजाग जिला डिंडोरी की सुश्री लहरी बाई को विगत दिनों प्रथम ग्लोबल सिंपोजियम सम्मेलन में उनके उत्कृष्ट एवं अनुकरणीय कार्य के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के द्वारा प्रशस्ति पत्र, पदक सहित डेढ़ लाख रुपए नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ज्ञात रहे कि सुश्री लहरी बाई विलुप्त होती अन्न प्रजातियां माइनर मिलैट (कोदों, कुटकी, सांवा, कंगनी, एवं चीना मडिया) सहित श्री अन्न की लगभग 200 किस्म के संरक्षण और संवर्धन एवं विस्तार के विशेष कार्यों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुई लहरी बाई को राष्ट्रपति महोदय के द्वारा सम्मानित किया गया, पौधा क़िस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (केंद्रीय कृषि मंत्रालय) के द्वारा विगत वर्ष की आयोजित प्रदर्शनी में प्रस्तुत शानदार प्रदर्शन के आधार पर इस वर्ष भी प्रदर्शनी सहित लहरी बाई को पुरस्कृत करने हेतु आमंत्रित किया गया था।
नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के परिसर में आयोजित प्रथम ग्लोबल सिंपोजियम सम्मेलन के भव्य समारोह में उन्हें सम्मानित किया गया, जिसके लिए लहरी बाई ने आभार व्यक्त करते हुए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय एवं क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र डिंडोरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर डी एन श्रीवास एवं डॉक्टर मनीषा श्याम के सतत मिलने वाले मार्गदर्शन और प्रोत्साहन को इसकी मुख्य वजह बताया और अनुसंधान केंद्र के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित कर कहा इनके बिना मुझे जैसी सुदूर आंचलिक क्षेत्र में रहने वाली एक अनपढ़ ग्रामीण महिला को इतना बड़ा सम्मान मिलना कभी संभव नही था। मेरे इस कार्य को विश्व के पटल पर प्रदर्शित करने के लिए डॉक्टर डी एन श्रीवास साहब और डॉक्टर मनीषा श्याम ने जितना अथक प्रयास और श्रम किया है उसके लिए मैं सदैव उनकी आभारी रहूंगी और भविष्य में भी इस विषय से संबंधित अपनी भूमिका को उनके मार्गदर्शन में पूर्ववत निभाती रहूंगी। लहरी बाई की इस सफलता पर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय एवं क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र डिंडोरी ने हर्ष व्यक्त करते हुए इसे विश्व विद्यालय के साथ साथ जिले और प्रदेश के लिए गौरव का क्षण बताया और कहा कि हमारा सदैव ही ऐसा प्रयास रहता है कि कृषि क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे कृषकों को उनके योगदान के लिए सही मंच और सम्मान मिल सकें। लहरी बाई का आवेदन विगत वर्ष ही वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ डी एन श्रीवास एवं उनके विभाग ने भेजा था जिसके चलते लहरी बाई को प्रथम ग्लोबल सिंपोजियम सम्मेलन में आमंत्रित और सम्मानित किया गया है।