बेकाम नगर परिषद : कीचड़ उठाती महिला पार्षद और परेशान आम जनता

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खुलेआम भ्रष्टाचार की शिकायतों पर भी करवा दिया जाता है समझौता!

शासकीय आदेशों- निर्देशों की कोई परवाह नहीं

दिनभर में सैकड़ों झूठ बोलने वाले कर्मचारी को अधिकारियों का संरक्षण!

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 19 सितंबर 2023, डिंडोरी नगर पंचायत और चुनी हुई परिषद पूरी तरह नकारा साबित हो रही है, न तो नगर परिषद में अधिकारियों का कोई नियंत्रण है और न अध्यक्ष और पार्षदों की कोई सुनने वाला है। रोज नए तमाशे खुलकर सामने आने के बाद भी नगर परिषद के अधिकारी और प्रशासन उन पर लीपापोती कर निपटा देते है। जिससे अराजक व्यवस्थाएं और भ्रष्टाचार खुलकर पोषित हो रहे है।

आमजन से कोई सरोकार नहीं है परिषद केवल यहां के अधिकारियों और अध्यक्ष की मर्जी से चल रही है। उनके सारे काम और भुगतान बिना किसी बाधा के हो जाते है पर आम आदमी, हितग्राही, ठेकेदार जिन्हें परेशान करना है उनको सालों चक्कर लगवाए जाते है, बेशर्मी के साथ।प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति के नाम पर गरीब हितग्राहियों से अवैध वसूली, राजस्व निरीक्षक द्वारा मकान दर्ज किए जाने के नाम पर हजारों रुपए की राशि अवैध रूप से वसूले जाने पर भी कोई पुख्ता कार्यवाही नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा नहीं किया जाना और अध्यक्ष उपाध्यक्ष का मौनधारण कर लेना तो यही संकेत है कि नगर पंचायत में भ्रष्टाचार को यहां बैठे जिम्मेदार ही संरक्षण दे रहे है। नगर पंचायत में तमाम जिम्मेदार अमला होने के बाद भी आमजन अपने कामों के लिए माह दो माह नहीं बल्कि सालों चक्कर लगाता है और दिनभर नगर परिषद में कर्मचारियों की कुर्सियां खाली पड़ी रहती है।

आम जनता तो छोड़िए नगर परिषद में पार्षदों तक की समय पर सुनवाई नहीं होती तब भी कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही परिषद के अधिकारी नहीं करते। ताज़ा मामला वार्ड क्रमांक 15 का है जो नरक में तब्दील हो चुके नगर में कीचड़ साफ करती महिला पार्षद और परिषद में कुर्सी तोड़ते नगर पंचायत के अधिकारियों, कर्मचारियों की कार्यकुशलता का मुजाहरा भर है। महिला सशक्तिकरण की ऐसी मिसाल भाजपा सरकार शायद ही पूरे प्रदेश में पेश कर पाई होगी। जब परिषद की अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी महिलाएं हो तब यह उदाहरण और अधिक रोचक दिखाई देता है। इन स्थितियों को देखते हुए यदि प्रशासन आमजन के प्रति सेवाभाव को लेकर जरा भी संवेदी होता तो ऐसे नकारा अधिकारियों को तत्काल हटा दिया जाना चाहिए था पर इस तरह की कोई भी उम्मीद डिंडोरी में पालना गलतफहमी होगी।

सैकड़ों झूठ बोलने वाले को साल भर में नहीं किया रिलीव?

नगर परिषद ने आमजनता को डील करने के लिए एक मानव यंत्र भी पदस्त है। जिसका काम पूरे दिन नगर परिषद में आने वाले लोगों को झूठा आश्वासन देना और रोज परिषद के चक्कर लगवाना है। इस कर्मी की इस विद्या से पूरा शहर सालों से परिचित है। नगर पंचायत के अधिकारी इसकी इस हरकत का मजा लेते है और परिषद की सारी नाकामी का कारण इसे ही बता दिया जाता है। अपने आप को जिम्मेदारी से बचाते हुए अधिकारियों द्वारा हर मोर्चे पर तैनाती इसकी ही की जाती है। साल भर पहले इन महानुभाव का तबादला हो चुका है तब भी इनको रिलीव नहीं किया जा रहा है। इस तरह से अधिकारियों के संरक्षण में शासन के आदेश निर्देश को धत्ता दिखाया जा रहा है। वर्षों से नगर परिषद डिंडोरी ने डटे अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर आम जनता में आक्रोश है पर परिषद के चुने हुए जनप्रतिनिधि न जाने किस लालच ने फंसे है और उनकी निजी अपेक्षाएं पूरी की जा रही है जो इनके विरुद्ध कार्यवाही के लिए मुंह तक नहीं खोलना चाहते, जबकि शहर, शहर के निवासी और पार्षद रोज नकारा व्यवस्थाओं का रोना रोते सुनाई देते है।

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