चरण सिंह धुर्वे के मैदान में आने से बदले डिंडोरी के चुनावी समीकरण

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क्षेत्र में तेजी से सक्रीय हो रहे चरण सिंह

भाजपा और कांग्रेस को करेगे प्रभावित

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 2 नवम्बर 2023, जिले में चुनावी सरगर्मी तेज होती जा रही है। जिले की दोनों विधानसभा में कांग्रेस के विधायक है, डिंडोरी विधानसभा में तीन पंचवर्षीय से कमल खिल नहीं पाया और फिलहाल शहपुरा विधानसभा में भी कमल सत्ता से दूर है। लगभग साल भर पहले हुए पंचायत चुनावों में भी भाजपा की हासिल शून्य ही आई थी और अरसे से जिस जिला पंचायत की सत्ता पर भाजपा काबिज थी वहीं भी भाजपा के हाथ से छिन गई। वहीं डिंडोरी नगर सरकार भी पार्टी और संगठन के गलत निर्णयों के चलते हाथ से जाती रही जहां लंबे समय से भाजपा का कब्जा था। पिछले पांच साल में भाजपा के हाथ यदि कुछ आया तो वह शहपुरा नगर परिषद, इसमें भी पूर्व जिलाध्यक्ष और युवा नेता संजय साहू की रणनीति को महत्वपूर्ण माना जा सकता है। पिछले पांच सालों में भाजपा का जिले में ग्राफ जिस तेजी से गिरा है उसके अचानक से उठने के बहुत आसार तब तक नहीं दिखाई देते जब तक पार्टी संगठन में हर स्तर पर कसावट नहीं की जाती और जिला स्तर पर परिपक्वता के साथ संगठन पुनः सक्रिय भूमिका में नहीं आता।

यही वजह है विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ होते ही 1 नवम्बर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने डिंडोरी के दोनों विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभा की और आमजन को अपने पिछले 18 साल की उपलब्धियां गिनवाते हुए तमाम योजनाएं जनता को याद दिलाना पड़ी।

जिले की दोनों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के वर्तमान विधायक पार्टी प्रत्याशी है वहीं भाजपा ने डिंडोरी से पूर्व डिंडोरी नगर परिषद अध्यक्ष पंकज सिंह टेकाम और शहपुरा क्षेत्र से पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व विधायक ओमप्रकाश धुर्वे को मैदान में उतारा है। वहीं जिले में लगातार सक्रिय तीसरी राजनैतिक ताकत के रूप में जानी जाने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने पहले से अधिक ताकत के साथ चुनावी मैदान में अपनी ताकत दिखाते हुए अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।

डिंडोरी विधानसभा क्षेत्र में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अचानक करंजिया जनपद अध्यक्ष चरण सिंह धुर्वे को मैदान में उतार कर भाजपा और कांग्रेस के समीकरणों को प्रभावित करने का प्रयास किया है। करंजिया क्षेत्र से भाजपा को बढ़त मिलती रही है वहीं कांग्रेस प्रत्याशी का भी इस क्षेत्र में खासा प्रभाव है वे इसी क्षेत्र के रहवासी है। वहीं से जनपद अध्यक्ष चरण धुर्वे के मैदान में आने से करंजिया और बजाग क्षेत्र के राजनैतिक समीकरण बदलते दिखाई देने लगे है। चरण सिंह धुर्वे को जहां करंजिया क्षेत्र से बढ़त मिलने की संभावना है। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी समर्थित जनपद अध्यक्ष करंजिया, बजाग और डिंडोरी का साथ मिलने से गोंडवाना प्रत्याशी जो खुद करंजिया जनपद के अध्यक्ष भी है बढ़त बनाने में सफल हो सकते है और इससे भाजपा और कांग्रेस के समीकरण लड़खड़ाते दिखाई दे रहे है।

भाजपा प्रत्याशी पंकज तेकाम फिलहाल चुनावी रेस में शामिल नज़र नहीं आ रहे है। लगातार चौथी बार डिंडोरी विधानसभा से अपनी दावेदारी कर रहे कांग्रेस विधायक को भाजपा की बजाय निर्दलीय प्रत्याशी अधिक चुनौती देते दिखाई दे रहे है जबकि भाजपा अभी बहुत पीछे है, जिसके चलते भाजपा कार्यकर्ताओं में भी चुनाव को लेकर अधिक उत्साह नहीं दिख रहा है। फिलहाल चुनाव प्रचार के नाम पर बड़े राजनैतिक दलों के शोर मचाते प्रचार वाहनों के अलावा और कुछ नहीं चल रहा है। भाजपा और कांग्रेस के वहीं पुराने चेहरे चुनाव में नए रंग नहीं भर पा रहे है और मतदाता भी दीपावली त्योहार और फसल की कटाई गहाई की चिंता में अधिक है। आने वाले समय में राजनैतिक दलों के आरोप प्रत्यारोप के बीच गहमागहमी जरूर बढ़ेगी पर आम मतदाता भाजपा और कांग्रेस के पिछले लंबे कार्यकाल से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है और जहां भी किसी तीसरे विकल्प की संभावना दिखाई देती है उस तरफ मतदाता के अधिक प्रभावित होने के आसार जरूर है। गणितय आंकड़ा और हार जीत का फैसला आने में पूरा एक माह का समय बाकी है किन्तु मतदाता को अपना निर्णय 17 नवम्बर को करना है, इस बीच चुनावी समर में कई उतार चढ़ाव आयेगे अभी बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को उतना जन समर्थन नहीं मिल रहा है जितना पहले मिलता रहा है। मतदाता अब अन्य विकल्पों की तलाश में है जिसके चलते अन्य छोटे क्षेत्रीय दल और स्थानीय प्रतयाशी भी इस बार क्षेत्र में बाजी मार सकते है।

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