कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष जावेद इकबाल के खिलाफ महिला ने दर्ज करवाया मामला
पूर्व मंत्री और विधायक के करीबी माने जाते है जावेद इकबाल
पिता और पुत्र पर लगाए आरोप
महिला थाने में नही हुई सुनवाई, कोतवाली में दर्ज हुआ मामला
जनपथ टुडे, डिंडौरी, 11 नवम्बर 2023, नारी सम्मान के दावे करने वाली कांग्रेस की महिला पदाधिकारी द्वारा पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम के करीबी माने जाने वाले जावेद इकबाल और उनके पुत्र के ऊपर छेड़छाड़ करने और अश्लीलता के गंभीर आरोप लगाए गए है। पीड़िता का आरोप यह भी है कि महिला थाना प्रभारी ने उसे दुत्कार कर भगा दिया और उसे राजनैतिक प्रभाव रखने वाले आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने डिंडोरी कोतवाली जाना पड़ा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एक महिला कांग्रेस की ब्लॉक अध्यक्ष ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है कि कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष डिण्डोरी, जावेद इकबाल और उसके पुत्र सोहेल खान ने एक कांग्रेस महिला ब्लाक अध्यक्ष के साथ छेड़छाड़ और बदसलूकी की है। पीड़िता ने शिकायत में बताया कि मामला दर्ज कराने मै सबसे पहले डिंडोरी महिला थाने गई थी लेकिन महिला थाना प्रभारी प्रसंशा टांडिया के द्वारा मामला दर्ज न करते हुए दुत्कार कर भगा दिया गया था। इसके बाद कोतवाली थाना में मामला दर्ज किया गया है। आरोप के अनुसार विगत दिनों कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष जावेद इकबाल और उसके पुत्र के द्वारा कांग्रेस नेत्री के साथ अभद्रता करते हुए आपत्तिजनक बात कही गई थी।
महिला नेत्री ने आरोप लगाया है चुनाव प्रचार हेतु जावेद के घर आना जाना होता था, परन्तु दिनाँक 8 नवम्बर को ब्लाज अध्यक्ष अपने घर के बाहर बदतमीजी से बात की और फिर घर के अंदर ले जाकर मुझसे पैसे के बदले क्या दोगी पूछा और आपत्तिजनक शब्द बोलकर चरित्र हनन करने की कोशिश की। जिसका विरोध करने पर हाथ पकड़कर छेड़छाड़ करने की कोशिश की।
इस बीच वहा पहुंचे उनके बेटे ने भी उसे अपमानित किया।
आरोप लगाने वाली महिला भी कांग्रेस की नेत्री है और उनके द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप काफी संगीन है तब भी महिला थाने में कार्यवाही नहीं होना पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर रही है। लोगों में चर्चा यह भी है कि पुलिस राजनैतिक दबाव के चलते महिला उत्पीड़न के मामले में भी कार्यवाही में हीलाहवाली कर रही है। महिला थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई जबकि महिला थाना महिलाओं को त्वरित सुरक्षा प्रदान करने और उनकी सुनवाई करने के लिए गठित किए गए है पर शायद थाना प्रभारी ने राजनैतिक दबाव के चलते कार्यवाही नहीं की अन्यथा कोतवाली में मामला कैसे दर्ज जो गया!