निर्माणाधीन जबलपुर अमरकंटक मार्ग में डिवाइडर बनाए जाने की मांग

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 7 मार्च 2024, जबलपुर से अमरकंटक को जोड़ने वाले एनएच-45 के सभी हिस्सों में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा 50 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। यह कार्य अमझर रिंग रोड की सीमा से कबीर चबूतरा अमरकंटक तक चौड़ा किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जबलपुर अमरकंटक सड़क पर मोड़ खत्म करने के साथ सभी बड़ी बस्तियों में बायपास भी बनाए जायेगे।

केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने जबलपुर अमरकंटक सड़क के सभी चार हिस्सों का निर्माण की अनुमति दे दी गई है। जिसमें शहपुरा से डिंडोरी का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है शेष तीन हिस्सों में कार्य चल रहा है, जबलपुर से शहपुरा के बीच के काफी हिस्से में डामर रोड का निर्माण भी हो चुका है। हाईवे नंबर-45 में विशेष बात यह है कि इसके चौड़ीकरण में सभी मोड़ खत्म किए जायेगे, अमझर घाटी से अमरकंटक कबीर चबूतरा तक 225 किलोमीटर के दायरे में सभी बड़ी बस्तियों में बायपास बनाया जाएगा। मार्ग अब सीधा होने के साथ घनी आबादी में यातायात के हिसाब से बाधारहित होगा। मुख्य रूप से कुंडम, शहपुरा, शाहपुरा, डिंडोरी, गाड़ासरई, बरनई, रूसा, करंजिया, सागरटोल आदि सभी प्रमुख आबादी वाले हिस्सों से अलग बाहरी एरिया में से हाईवे निकाला जाएगा। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने सड़क जंगली हिस्से में ज्यादा चौड़ी करने की अनुमति नहीं दी, केवल हाईवे के नाॅर्म्स के अनुसार इस सड़क को चौड़ा किया जा रहा है।

मार्ग पर डिवाइडर की आवश्यकता

ईई लोक निर्माण एनएच, अनिल गौड़ के अनुसार ट्रैफिक वॉल्यूम के आधार पर सड़क को चौड़ा कर सभी मोड़ों को खत्म कर दिया जाएगा, इससे वाहनों को रफ्तार भी मिलेगी। इस मार्ग के मोड़ो को कम करने के साथ साथ अप डाउन भी कम किए जा रहे है, जिससे वाहनों की रफ्तार बढ़ेगी। जानकारो की माने तो कार्य पूर्ण होने के बाद इस मार्ग पर वाहन 100 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार पर आसानी से भाग सकेगे। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मार्ग पर रफ्तार बढ़ने से सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ेगी, जिनको रोकने और वाहनों की रफ्तार बनाए रखने की दृष्टि से इस पूरे मार्ग पर डिवाइडर लगाए जाने चाहिए। डिवाइडर बन जाने से वाहनों की आमने सामने होने वाली टक्कर की आशंका नहीं होगी और वाहन चालक सुरक्षित होकर अधिक रफ्तार से वाहन चला सकेगे। वही रात में सामने से आ रहे वाहन की लाइट का भी प्रभाव नहीं होगा और रफ्तार प्रभावित नहीं होगी, यात्रा कही अधिक सुरक्षित होगी। अब तक इस सड़क का जो भी हिस्सा बनकर तैयार हुआ है उसको देखकर अनुमान लगया जा रहा है कि इस सड़क पर डिवाइडर बनाए जाने का प्रावधान नहीं है जबकि डिवाइडर कई दृष्टिकोण से जरूरी है। 1 से 1.5 फीट चौड़े प्री कास्टेड कंक्रीट डिवाइडर अथवा अन्य कई कम चौड़ाई वाले डिवाइडर आते है जिन्हे सड़क निर्माण के उपरांत भी लगाया जा सकता है, ऐसी ही व्यवस्था इस मार्ग पर करवाई जाना फिलहाल संभव है।

जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से जनापेक्षा

इस विषय पर जिले के लोगों की स्थानीय प्रशासन और विधायक, सांसद सहित सभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा है की वे सभी सामूहिक प्रयास कर इस मार्ग पर डिवाइडर बनवाए जाने की मांग केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय से करे ताकि जिलेवासियों को सुरक्षित यात्रा का अवसर मिल सके। प्रशासन भी अपने स्तर पर इस मांग को संबंधित विभाग और मंत्रालय को भेजे।

ऐसी होगी सड़क

प्राप्त जानकारी के अनुसार एनएच 45 पर निर्माणधीन सड़क इस प्रकार से बन रही है

डामरीकृत होगी – 12 मीटर
सोल्डर होंगे – 2.50 मीटर
कुल निर्माण एरिया – 190 किलोमीटर
रांझी से छग सीमा कबीर चबूतरा तक निर्माण।
आगे का हिस्सा बिलासपुर तक छग बनाएगा।

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