भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए हुई रायशुमारी, फैसला अभी बाकी
प्रदेशसंगठन जल्दी कर सकता है जिला अध्यक्ष की घोषणा
जनपथ टुडे, 27 दिसंबर 2024, डिंडोरी भाजपा जिला कार्यालय में आज सुबह से ही पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की सरगर्मी दिखाई दी। मौका था जिला अध्यक्ष पद पर अंतिम मोहर लगने का। इस हेतु पार्टी कार्यालय में आज रायशुमारी होना थी। जिसके चलते जिले भर के पार्टी कार्यकर्ता,अध्यक्ष पद के दावेदार और उनके समर्थक पार्टी कार्यालय के आसपास सक्रिय रहे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश संगठन द्वारा डिंडोरी जिला अध्यक्ष पद के चुनाव हेतु ब्रजेश गौतम, पूर्व जिला अध्यक्ष अनूपपुर, वर्तमान में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया था, बतौर पर्वेक्षक लता ऐलकर, बालाघाट, प्रदेश महिला मोर्चा पदाधिकारी, को चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज जिला भाजपा कार्यालय में पार्टी की निर्वाचन नीति के अनुसार जिला अध्यक्ष पद का निर्वाचन संपन्न हुआ। जानकारी के अनुसार पार्टी के निर्देशानुसार संसद, विधायक, मंडल अध्यक्ष व पार्टी द्वारा नियुक्त मंडल प्रतिनिधियों से अध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी होनी थी। प्रदेश संगठन से नियुक्त चुनाव अधिकारी द्वारा पार्टी संगठन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी जिसके आधार पर प्रदेश संगठन द्वारा जिला अध्यक्ष की नियुक्त की जाएगी। बताया जाता है कि यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा और आगे की प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो जाती है तो जिला अध्यक्ष की घोषणा एक दो दिन में हो सकती है। रायशुमारी के दौरान जिला भाजपा कार्यालय में जिले भर के कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों की भीड़ लगी रही वही जिले के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि भी भाजपा कार्यालय में चल रही चुनावी प्रक्रिया के बीच उपस्थित रहे।
सुधीर तिवारी और दिलीप ताम्रकार के नाम पर हो सकता है फैसला
जिला अध्यक्ष पद के दावेदारों की लंबी लिस्ट चर्चा में रही है। जिसमें तीन पूर्व जिलाध्यक्षों की भी दावेदारी बताई जा रही थी। किंतु इस बीच कई तरह की चर्चाएं व्याप्त रही जिसके आधार पर दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने, रिपीट किए जाने और 60 वर्ष से अधिक उम्र का अध्यक्ष नहीं बनाए जाने, हर जिले से एक महिला का नाम भेजे जाने की चर्चा कार्यकर्ताओं के बीच है। इस आधार पर डिंडोरी जिला अध्यक्ष पद के कई दावेदारों के नाम हटाकर कर अंतिम मुकाबला अब दो तीन नामों के बीच देखा जा रहा है। जिसमें सुधीर तिवारी, दिलीप ताम्रकार, दीपन खंपरिया के नामों की चर्चा प्रमुख रूप से है वही महिलाओं के नामों को देखा जाए तो श्रीमती कीर्ति गुप्ता का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। आज संपन्न हुई रायशुमारी के आधार पर स्थानीय स्तर पर इसी तरह की चर्चाएं निकल कर आ रही है। पिछले कुछ दिनों से अध्यक्ष पद पर किसी आदिवासी चेहरे को लेकर भी बात की जाती रही, किंतु अब तक कोई मजबूत दावेदार इस वर्ग से आगे नहीं आया। पर्दे के पीछे पार्टी में और क्या चल रहा है यह तो नहीं कहा जा सकता है वही भारतीय जनता पार्टी चौंकाने वाले निर्णय लेने के लिए भी जानी जाती है और सारे अनुमानों को दरकिनार पार्टी कोई नए नाम या साधारण चेहरे को बतौर अध्यक्ष घोषित कर दे तो कोई बड़ी बात नहीं है।पर अब तक जिले में अध्यक्ष पद को लेकर जो भी गतिविधियां, दावेदारों के प्रयास, कार्यकर्ताओं के बीच चर्चाएं रही है और रायशुमारी के बाद ऐसा माना जा रहा है कि सुधीर तिवारी सबसे मजबूर स्थिति में है वही दिलीप ताम्रकार और दीपन खंपरिया भी लिस्ट में बने हुए है। आगे सांसद, विधायक, प्रदेश स्तर के नेताओं का आशीर्वाद किसको मिलता है यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल पार्टी के लोगों के अनुमान के अनुसार बहुत जल्दी इन दो नामों में एक का अध्यक्ष बनना तय है यदि सब कुछ सामान्य चुनाव प्रक्रिया के अनुसार चला तो।
दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाव पर
यू तो जिला अध्यक्ष पद की घोषणा प्रदेश संगठन, मंडलो के अनुमोदन अथवा सहमति के आधार पर करता है और इस सारी प्रक्रिया के लिए पार्टी के नियम कायदे भी घोषित तौर पर है। किंतु इसके अलावा पर्दे के पीछे की राजनीति के कुछ अलग रंग होते है। लाख नकारा जाए पर जिस संगठन में चार लोग होते है वहां गुटों का होना जाहिर है। पार्टी जब लगातार सत्ता में हो तब पार्टी से जुड़े लोगों की महत्वकांक्षाएं भी बढ़ जाती है। इसी के चलते दिग्गज नेताओं में भी जिले के इस महत्वपूर्ण पद पर अपने समर्थक को बैठने की कोशिश होती ही है। वही प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों से जुड़े व्यक्ति भी अपने स्तर पर इस पद की दावेदारी करते है। अंदरखाने की माने तो जिले में विधायक जी और सांसद जी के करीबियों के बीच अध्यक्ष पद की जंग चल रही है।जिसमें दोनों ही पार्टी के दिग्गज नेता अपने अपने प्रभाव का उपयोग करेंगे ऐसा माना जा रहा है। यह चुनाव महज कुछ कार्यकर्ताओं की भर दावेदारी नहीं मानी जा सकती बल्कि पार्टी के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दाव पर है और उनके समर्थकों को अपने नेता के वजन पर पूरा पूरा भरोसा है, पर अभी इसकी डोर प्रदेश संगठन के हाथों में है। जब तक जिला अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो जाती तब तक पार्टी के सभी दिग्गज अपना अंतिम प्रयास जारी रखेंगे, सवाल केवल एक जिला अध्यक्ष की नियुक्ति का भर नहीं है, इसे दिग्गजों की बजनदारी का आंकलन भी माना जाएगा।