
मकर संक्रांति पर श्रद्धापूर्ण स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु
जनपथ टुडे 15 जनवरी प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जिले में श्रध्दापूर्वक मकर संक्राति का पावन पर्व मनाने को लेकर श्रध्दालुगण उत्साहित है। जिले में अविरल रूप से बह रही पुण्य सलिला माॅ नर्मदा तटों पर जगह-जगह पर शुभ मुहूर्त में श्रध्दालुगण डूबकी लगाकर सूर्यदेव को तिल और जल के साथ अध्र्य देंगे। इस दौरान जिले में वह रही धार्मिक मान्यताओ से जुड़ी हुई बुढनेर नदी, खरमेर नदी, बीहरधाम, नेवसाफाल, हल्छी करेली, शिवनार, खैरदा वाटरफाल,रामघाट समेत पवित्र तटो पर सुबह से ही श्रध्दालुओ का ताता लगा रहेगा। मकर संक्रांति पर्व पर मंगलवार की अल सुबह से श्रद्धालू नर्मदा तट पहुंचने लगे और आस्था की डुबकी लगाकर सूर्य को अर्घ्य देकर विधि विधान से पूजन अर्चना की। इस दौरान नर्मदा घाटो में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने मिली। इसके अलावा मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर जिले के मालपुर, कुटरई, रामघाट, जोगीटिकरिया, और करंजिया के सिवनी संगम में मेले का आयोजन भी हुआ जहां लोगों ने जमकर खरीदारी की। मूल रूप से मकर संक्रांति भारत के प्रमुख पर्वो में से एक है। पौष मास में जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है उस दिन इस पर्व को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस त्यौहार से देवताओं का दिन शुरू हो जाता है और इस दिन से ही बसंत ऋतु की शुरूआत होती है। मकर संक्रांति सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध की यात्रा का उत्सव है। इस दिन सूर्य देव की पूजा होती है। यह वह दिन है जब सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान पुण्य और खिचडी खाने की परपरा है। खिचड़ी को सूर्य और शनि गृह से जोड़ा गया है। खिचड़ी का सेवन और दान करने से गृह दोष शांत होते है और घर में सुख शांति आती है। मकर संक्रांति फसल के मौसम और सांस्कृतिक उत्सवों से जुड़ा हुआ है। जिले में मकर संक्रांति पर्व में पवित्र नदी नर्मदा और बुढ़नेर के घाटों में लोगों का दिन भर हुजूम लगा रहा। लोगो ने स्नान पूजन के बाद दान पुण्य भी किया। नर्मदा घाटों में भक्तों ने भंडारे का आयोजन किया। इस दौरान पुलिस भी व्यवस्था के मद्दे नजर घाटो और मेला परिसर में तैनात रही।