
हाइकोर्ट ने पलटा फैसला
हाइकोर्ट ने किया आजीवन कारावास निरस्त
जनपथ टुडे डिंडोरी 2 जून।
जबलपुर हाईकोर्ट की युगलपीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसले में डिंडोरी निवासी रघु उर्फ राजेंद्र कछवाहा को विचारण न्यायालय द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा को निरस्त कर दिया है। जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस देवनारायण मिश्रा की युगलपीठ ने अपने फैसले में कहा कि सेशन कोर्ट का फैसला अनुचित था और पुलिस ने महज संदेह के आधार पर आरोपी को फंसाया था।
ये था मामला…
डिंडोरी निवासी रघु उर्फ राजेंद्र कछवाहा को सेशन कोर्ट ने 7 फरवरी 2023 को पड़ोसन की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस ने वास्तविक आरोपी की गिरफ्तारी के अभाव में महज संदेह के आधार पर रघु उर्फ राजेंद्र कछवाहा को आरोपी बनाकर प्रकरण अदालत में प्रस्तुत कर दिया था।
हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट की युगलपीठ ने अपने फैसले में कहा कि सेशन कोर्ट का फैसला अनुचित था और पुलिस की जांच में खामियां थीं। हाईकोर्ट ने रघु उर्फ राजेंद्र कछवाहा को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को निरस्त कर दिया है।
अपीलकर्ता की ओर से पक्ष
अपीलकर्ता की ओर से जिला अधिवक्ता संघ डिंडोरी के एडवोकेट गिरीश कुमार राव ने पक्ष रखा और दलील दी कि सेशन कोर्ट का फैसला गलत था। एडवोकेट गिरीश राव ने कहा कि पुलिस ने महज संदेह के आधार पर उनके मुवक्किल को आरोपी बनाया था और वास्तविक आरोपी को बचाया था। मात्र संदेह के आधार पर इतने गंभीर मामले में दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अधिकवक्ता गिरीश राव के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने विचरण न्यायालय के आदेश को उलट कर आपस्त कर दिया
निर्णय के उपरांत मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता गिरीश राव ने प्रसन्नता जताते हुए इसे न्याय की जीत निरूपित किया और कहा
हाईकोर्ट का यह फैसला एक महत्वपूर्ण फैसला है जो यह दर्शाता है कि न्यायालय आरोपी के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में पुलिस की जांच में खामियों को उजागर किया है और आरोपी को न्याय दिलाया है।