अमरपुर में हुआ एक दिवसीय अल्पविराम कार्यशाला का सफल आयोजन

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जनपथ टुडे, डिंडोरी 26 सितंबर (प्रकाश मिश्रा)।

राज्य आनंद संस्थान, आनंद विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल एवं जन अभियान परिषद के संयुक्त निर्देशानुसार, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद जिला डिंडोरी द्वारा विकासखंड अमरपुर जनपद पंचायत सभागार में एक दिवसीय अल्पविराम कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती मालती तिवारी, जनपद सदस्य, जिला समन्वयक धर्मेंद्र चौहान, विकासखंड समन्वयक अमरलाल धुर्वे, राज्य आनंद संस्थान से अजीत महतो, मास्टर ट्रेनर मंजुषा शर्मा, सोहन साहू, राकेश गुप्ता एवं रजनी बैरागी उपस्थित रहे।

कार्यशाला में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, जनजातीय कार्य विभाग, पुलिस विभाग तथा मत्स्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। कुल 70

प्रतिभागियों ने इसमें सक्रिय भागीदारी निभाई।

दीप प्रज्वलन और सामूहिक प्रार्थना से हुई शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथिगण और मास्टर ट्रेनर्स द्वारा दीप प्रज्वलन और “इतनी शक्ति हमें देना दाता…” की सामूहिक प्रार्थना से की गई। इसके बाद अतिथियों और प्रतिभागियों का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया।

“अल्पविराम से मिलती है जीवन को सकारात्मक दिशा”

जिला समन्वयक धर्मेंद्र चौहान ने कहा –

“अल्पविराम से जीवन को सकारात्मक दिशा मिलती है। इसका उद्देश्य लोगों के जीवन में आनंद की अनुभूति का प्रसार करना और उन्हें उस मार्ग पर लगातार चलने के लिए प्रेरित करना है। आनंद को हम बाहर नहीं खोज सकते, यह तो हमारे भीतर ही मौजूद है।”

“खुद से खुद की मुलाकात”

राज्य आनंद संस्थान के मास्टर ट्रेनर अजीत महतो ने प्रतिभागियों से संवाद करते हुए कहा –

“खुद से खुद की मुलाकात, खुद से खुद का संपर्क और खुद से खुद की बात ही अल्पविराम है। इसके माध्यम से हम जीवन को संतुलित और तनावमुक्त कर सकते हैं। यह हमें आंतरिक शांति और आत्मा की आवाज सुनने की क्षमता देता है।”

उन्होंने कार्यशाला में राज्य आनंद संस्थान का परिचय वीडियो दिखाया और संस्थान की गतिविधियों से सभी को अवगत कराया।

संतुलित जीवन के लिए कृतज्ञता और माफी ज़रूरी

मास्टर ट्रेनर मंजुषा शर्मा ने कहा –

“हम अपने जीवन रूपी कंपनी के सीईओ हैं। खुशियों की चाबी हमें कभी भी किसी और के हाथ में नहीं देनी चाहिए। संतुलित जीवन के लिए कृतज्ञता और माफी सबसे पवित्र कार्य हैं। यही हमें खुशहाल और शांतिपूर्ण जीवन की ओर ले जाते हैं।”

चिंता का दायरा और प्रभाव का दायरा

मास्टर ट्रेनर सोहन साहू ने ‘चिंता का दायरा’ और ‘प्रभाव का दायरा’ पर चर्चा करते हुए कहा –

“यदि हम अपनी चिंताओं को कम करें और प्रभाव का दायरा बढ़ाएं तो जीवन सहज और सार्थक बन सकता है। यह दृष्टिकोण हमें हर परिस्थिति में संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है।”

गीत और अनुभवों से सजी कार्यशाला

कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों से बीच-बीच में उनके अनुभव साझा करने और फीडबैक लेने का सिलसिला चलता रहा। सभी प्रतिभागियों ने स्वीकार किया कि यह कार्यशाला उनके जीवन में अत्यंत उपयोगी और सार्थक साबित होगी।

मास्टर ट्रेनर राकेश गुप्ता ने एक सुंदर गीत प्रस्तुत कर सभी को आनंदित किया। वहीं, जिला समन्वयक धर्मेंद्र चौहान ने सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत उपस्थित सभी प्रतिभागियों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई।

नवांकुर संस्था और मेंटर्स का योगदान

पूरे कार्यक्रम की संपूर्ण व्यवस्था में सभी मेंटर्स और नवांकुर संस्था का विशेष सहयोग रहा। संचालन और आभार प्रदर्शन का दायित्व विकासखंड समन्वयक अमरलाल धुर्वे ने निभाया।

तनावमुक्त और आनंदमय जीवन की ओर कदम

यह कार्यशाला न केवल अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आत्ममंथन का अवसर बनी, बल्कि इसने उन्हें आंतरिक आनंद से जुड़ने और तनावमुक्त जीवन जीने की राह भी दिखाई।

“खुद से संवाद, कृतज्ञता और माफी जैसे गुण ही संतुलित और आनंदमय जीवन की कुंजी हैं। अल्पविराम कार्यशाला ने यही संदेश देकर सभी प्रतिभागियों के जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार किया।”

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