
देवरगढ़ बांध(दनदना जलाशय)की नहरें क्षतिग्रस्त किसानों को नहीं मिल रहा पानी

किसान कर रहे हैं दनदना जलाशय देवरगढ़ बांध से सिंचाई हेतु पानी देने मांग
संपादक प्रकाश मिश्रा 8963976786
जनपथ टुडे डिण्डौरी 02 दिसंबर 2025- दनदना जलाशय में बने करोड़ों रुपए के बांध से किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है कृषि भूमि की सिंचाई के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर सरकार ने देवरगढ़ बांध बनवाया किंतु विभागीय अधिकारियों की उदासीनता और जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण सरकार की मनसा पूरी होती दिखाई नहीं दे रही है ।
ग्रामीणों की माने तो वर्ष 2010-11 में करोड़ों की लागत से बना बांध और उस पर से निकली नहर अब अनुपयोगी साबित हो रही है।
2 दिसंबर को लगभग एक दर्जन गांव के किसान बड़ी संख्या में सरपंच, जनपद सदस्य ,जनपद अध्यक्ष और अन्य ग्रामीण जन जनसुनवाई में जिला मुख्यालय अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे थे जहां उन्होंने डिंडोरी तहसीलदार आर पी मार्को को शिकायत पत्र सोपते हुए 15 दिनों का समय समस्या के निराकरण करने के लिए दिया। ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्षों से विभिन्न अधिकारियों के पास अपनी मांग को लेकर चक्कर लगा रहे हैं ना तो सिंचाई विभाग उनकी बात सुन रहा है और ना ही जिला प्रशासन किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कोई प्रयास कर रहा है । अंततः ग्रामीणों ने निराकरण न होने की दशा में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है ग्रामीणों ने अपने शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि समस्त क्षेत्रवासीगण दनदना जलाशय सिंचाई क्षेत्र- सुखलीडी, गुझियारी, राखी, खम्हरिया, उमरिया, चाटा, खजरवारा, पारापानी कठौतिया, बगली एवं मुरका हम अपने आवेदन पत्र प्रार्थना करते है- कि दनदना जलाशय देवरगढ़ बांध 2010-11 विगत 11 वर्षों से बना हुआ है। उपरोक्त ग्रामों में जलाशय का नहर बना हुआ है लेकिन आज तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
क्षेत्रीय विधायक को भी बताई समस्याएं नहीं हुआ निराकरण
जिला मुख्यालय में कलेक्टर को शिकायत दर्ज कराने पहुंचे किसानों ने बताया कि 2023 के चुनाव में विधायक ओमप्रकाश धुर्वे के समक्ष अपनी मांग रखी थी परंतु आज तक कोई कार्य नहीं हुआ।
ग्राम सुखलौडी के पास मुख्य नहर से पानी होकर कृषि की भूमि जो नहर के किनारे के खेतो में भर जाने से कारण सुखलौडी के कुछ कास्तकार पानी आगे नहीं बढ़ने देते। उपरोक्त ग्रामों में सिंचाई की पानी न मिलने से किसानों का आर्थिक नुकसान हो रहा है एवं बाहर पलायन करने के लिये मजबूर है। प्रभावित किसानों ने बताया कि कई वर्षों से सिंचाई विभाग को आवेदन किया गया परंतु उनके द्वारा कोई भी उचित प्रयास न करके यह कह दिया जाता है कि शासन का काम है होगा।
किसानों की मांग है कि इस वर्ष दिसम्बर तक पानी सिंचाई हेतु किसानों के खेतों तक पहुंचाने की कृपा करें।
15 दिनों में नहीं हुआ निराकरण तो करेंगे उग्र आंदोलन
ग्रामीण किसानों ने कलेक्टर से मांग करते हुए कहा कि आवेदन पर ध्यान देते हुए किसानों की समस्याओं को हल करें अन्यथा किसानों के द्वारा उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पडेगा जिसकी जबाबदारी शासन प्रशासन की होगी।



