ग्राम पंचायत मिंडली, स्टॉप डेम निर्माण कार्य में नहीं हो रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, बाल श्रमिक कर रहे कार्य

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स्टॉप डैम के घटिया निर्माण का आरोप ग्रामीण कर रहे हैं जांच की मांग

सोशल डिस्टेंसइंग का नहीं हो रहा पालन, स्थल पर न साबुन न श्रमिको को दिए गए मास्क

जनपद टुडे, डिंडोरी, बजाग, अप्रैल, 30, 2020, जनपद पंचायत बजाग अंतर्गत ग्राम पंचायत मिंडली में मनरेगा अंतर्गत चल रहे स्टाप डेम निर्माण कार्य में गुणवत्ता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बिना उपयंत्री, सरपंच, सचिव की देखरेख के यहां चल रहा है मनमाना कार्य।
कार्य स्थल पर न तो श्रमिको को हाथ धुलाए जाने की कोई व्यवस्था है,न ही श्रमिकों द्वारा मास्क का इस्तेमाल किया जा रहा है और ना ही कार्यस्थल पर सोशल डिस्टेंसइंग की कोई परवाह है करता नजर आ रहा है।

बताया जा रहा है कि ग्रामीणों द्वारा कार्य में उपयोग की जा रही घटिया रेत, कम मात्रा में सीमेंट डाले जाने आदि की शिकायत की जा रही है लोगो का कहना है कि मिट्टी युक्त रेत का इस्तेमाल किया जा रहा है, साथ ही नाम मात्र के लोहे का उपयोग निर्माण कार्य में किया जा रहा है।

गौरतलब है कि ग्राम पंचायत मिंडली के पोषक ग्राम ताला में एक बरसाती नाले में निर्माणाधीन स्टॉप डैम जिसकी लागत पंद्रह लाख रुपए बताई जाती है इस संरचना में उपयोग किए जाने वाली सामग्री पर ग्रामीणों ने सवाल खड़े किए हैं ग्रामीणों ने जनपद पंचायत जिला पंचायत से मांग की है कि उक्त कार्य में लोहा सरिया के उपयोग तथा रेत की गुणवत्ता की जांच कराई जाए।

जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिलेभर में पंचायत के माध्यम से चल रहे मनरेगा के कार्यों में प्रतिदिन 50 हजार से भी अधिक मजदूर कार्य कर रहे हैं। जिला पंचायत के अधिकारियों का कहना है कि हर कार्य स्थल पर सैनिटाइजर, साबुन, मास्क आदि की व्यवस्था की गई है। ग्राम पंचायत द्वारा एक व्यक्ति नियुक्त किया गया है जो मजदूरों के हर 2 घंटे में हाथ धुलाता है और कार्यों पर सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जा रहा है ताकि लॉक डाउन में इन कार्यों को दी गई छूट का कोबिड 19 के जारी निर्देशों पर कोई असर न पड़े। किंतु वास्तव में देखा जा रहा है कि कार्यों पर किसी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है न कहीं मजदूरों के हाथ धुलाए जा रहे हैं और न ही श्रमिक मास्क लगाए नजर आते हैं ।कोरोना संबंधी निर्देशों के पालन की जवाबदारी पंचायत के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक की है पर वास्तविकता अलग ही है और निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है जो कार्यस्थल की तस्वीरों में भी देखा जा सकता है।

बाल श्रमिक कर रहे है कार्य

हमारे प्रतिनिधि के अनुसार कार्यस्थल पर बड़ी संख्या में कम उम्र की बच्चियों के द्वारा काम किया जा रहा है जो कि नियमनुसर गलत है, किंतु पंचायतों द्वारा अपनी मनमानी कर नियम निर्देशों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।साथ ही कार्यों में गुणवत्ता की अनदेखी कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

 

सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक के मोबाइल नं बंद पाए गए कार्यस्थल पर कोई उपस्थित नहीं मिला अतः कार्य में बरती जा रही अनिमित्ता पर उनसे बात नहीं हो सकी, शासन द्वारा जारी कार्यों पर जवाबदार पदाधिकारियों की उपस्थति भी आवश्यक है ताकि कार्यों की निगरानी हो सके पर पंचायतों को इनकी चिंता ही नहीं है।

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