सरकारी भूमि में खेत बनाने की शिकायत पर अधिकारी पहुंचे चटुआ, नहीं हुई जांच
रोजगार सहायक और सरपंच पति ने मजदूरों को भड़काया ,बिना जांच किये लौटे अधिकारी
नदी सफाई कार्य के आड़ में नदी किनारे अवैध कब्जा कर खेत बनवाये जाने की थी शिकायत
जनपथ टुडे,डिंडोरी, मई 1,2020, जनपद पंचायत डिंडोरी अंतर्गत ग्राम पंचायत चटूवा सरपंच एवं सरपंच पति द्वारा मनरेगा के तहत नदी सफाई कार्य में लगे मजदूरों से निजी स्वार्थ हेतु शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर खेत बनावाने का कार्य कराया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नदी के तट पर सरकारी भूमि हैं, उक्त भूमि को सरपंच पति कब्जा कर खेत बना रहा है और इसके लिए ग्राम पंचायत के द्वारा मनरेगा के अन्तर्गत कार्य करवाए जाने की शिकायत ग्रामवासियों ने जिला प्रशासन से कर कार्रवाई की मांग की थी।
बताया जाता है कि सरपंच द्वारा मनरेगा कार्य से नदी का गहरीकरण कार्य कराया जा रहा है, नदी के किनारे से ही अपने निजी स्वार्थ हेतु खेत बनाने के उद्देश्य से मनरेगा कार्य के मजदूरों से खेत की मेढ़ बनवाने तथा पत्थर लगवाकर सरकारी भूमि को अवैध कब्जा कर रहा है ।
इस अवैध कब्जा करने से ग्राम के मवेशियों को नदी में पानी पिलाने में दिक्कत होगी । इंजीनियर को सरपंच एवं सरपंच पति द्वारा नदी के किनारे से ही शासकीय भूमि को खेत बनाने अवैध कब्जा करने एवं शासकीय राशि का दुरुपयोग करने की शिकायत पर सब इंजीनियर ने मौके पर आकर निरीक्षण करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की और यह अवैध कब्जा अभी भी जारी है, ग्रामीणों ने शासकीय भूमि केअवैध कब्जा को हटाते हुए सरपंच के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों द्वारा मामले की शिकायत जिला प्रशासन से किये जाने से बौखलाए रोजगार सहायक अशोक चंदेल एवं सरपंच पति सुरेश बनवासी के द्वारा मजदूरों को शिकायतकर्ताओ के विरुद्ध भड़काया जा रहा है, कार्य कर रहे मजदूरों को जिम्मेदारो ने शरीरिक दूरी बनाए जाने की जानकारी भी नहीं दी है न ही कोरोना संक्रमण से संबंधित निर्देशो का कार्यस्थल पर पालन किया जा रहा है।
बगैर जांच किये लौटे जांच अधिकारी
शिकायत की जांच करने के लिए जनपद पंचायत सीईओ आज शुक्रवार को निर्माण स्थल पर पहुंचे ,मौके पर अधिकारि एवं शिकायतकर्ताओ के पहुँचते ही सरपंच संबंधियों ने हंगामा शुरू कर दिया, ग्रमीणों ने सीईओ जनपद पंचायत को सारा मामला बताया गया, किंतु सीईओ जांच पूरी करने के बजाय तुरन्त लौट गई और जिम्मेदारो को सुधार हेतु कोई निर्देश नही दिया,जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।