सरकारी गोदामो से ओवरलोड परिवहन कर रहे परिवहनकर्ता, तमाशबीन बने जिम्मेदार
स्वीकृत भार छमता से ज्यादा किया जा रहा परिवहन, राजस्व की चोरी के साथ ग्रामीण क्षेत्र की सडक़ों हो रही है जर्जर
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 4 मई 2020,जिले में आला अफसरों की अनदेखी के चलते परिवहनकर्ता ओवरलोड परिवहन कर रहे। पीडीएस के खाद्यान्न और गोदाम से राइस मिलो तक धान का बेखौफ ओवरलोड परिवहन किया जा रहा है। हैरान करने वाली बात तो यह कि नागरिक आपूर्ति निगम में परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर ओवरलोड परिवहन कर रहे हैं। लेकिन इस पर तमाम खबरों के बाद भी अधिकारी इन परिवहनकर्ताओं को संरक्षण दे रहे है और शासन के ओवरलोडिंग के विरूद्ध सख्त निर्देशों और माननीय न्यायालय के आदेश की भी अवमानना की जा रही है वो भी शासकीय विभाग की जानकारी और संरक्षण के चलते।
निर्धारित क्षमता से डेढ़ गुना कर रहे परिवहन
जिले में नागरिक आपूर्ति निगम के पविहनकर्ता गोदाम से सहकारी समितियों और राशन दुकानों पर हर माह बड़ी मात्रा में पीडीएस खाद्यान्न का परिवहन कर रहे है। प्रति ट्रक क्षमता से डेढ़ गुना ज्यादा खाद्यान्न का परिवहन किए जाने की बात सूत्रों से मिल रही है जिसकी वास्तविकता विभाग के गेट रजिस्टर और काटा पर्चियों से स्पष्ट की जा सकती है। जबकि नागरिक आपूर्ति निगम परिवहनकर्ताओं को प्रति चक्कर की दर से किराया दे रहा है। लेकिन, परिवहनकर्ता नियम-कायदे की अनदेखी कर हर माह पीडीएस खाद्यान्न का ओवरलोड परिवहन कर रहे हैं, इसी तरह रवि और खरीफ फसलों को उपार्जन केंद्र से गोदाम तक लाया जाता है जिसकी मात्रा भी लाखो किवंटल है साथ ही जिले के सभी राइस मिलर गोदाम से मिल तक और फिर मिल से गोदाम तक ओवरलोड परिवहन करते है, जबकि इन सभी परिवहनकर्ताओं को विभाग शासन द्वारा निर्धारित परिवहन भाड़े का भुगतान करती है और शासन के साफ आदेश है वाहनों में ओवरलोड माल का परिवहन न किया जावे।
ग्रामीण क्षेत्र में जर्जर हो रहीं सडक़ें
इससे जहां ग्रामीण क्षेत्र में संपर्क मार्ग जर्जर हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार के खजाने को हर माह लाखों रुपए का झटका लग रहा है साथ ही सड़कों की स्थिति खराब होने से आमजन परेशान है और इन सड़कों की गुणवत्ता को लेकर निर्माण एजेंसियों पर लोग सवाल खड़े करते है दूसरी तरफ ओवरलोड ट्रक से दुर्घटना की संभावनाएं अधिक होती है।
नागरिक आपूर्ति निगम को नहीं आमजन से लेना देना
विभाग के अधिकारी केवल लोगो को उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आवश्यक सामग्री पहुंचाने, उपार्जन की गई रवि और खरीफ की फसलों को गोदाम तक पहुंचाने को सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बता कर इसकी आड़ में प्रशासन को भ्रमित कर पूरे जिले की सड़कों को चाटने वाले परिवहनकर्ताओ को जानबूझ कर संरक्षण दे रहे है जबकि जिले कि सड़के भी शासकीय सम्पत्ति है और वे भी जनहित के लिए और समाज की प्राथमिकता मानते हुए निर्मित की जाती है।
गौरतलब है की नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा निर्धारित परिवहन नीति में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि “परिवहन कार्य में ओवरलोडिंग मान्य नहीं होगी एवं तदनुसार ही वाहन छमता अनुसार भुगतान किया जावेगा।”
यातायात पुलिस और परिवहन विभाग को भी नहीं परिवहन विभाग के निर्देशों की परवाह
शासकीय विभाग का कार्य करने वाले इन वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही करने में न तो यातायात विभाग की रुचि है और न ही इन परिवहनकर्ताओं के नियम विरूद्ध परिवहन पर रोक लगाने परिवहन विभाग को कोई रुचि दिखाई देती है, जिसके चलते नागरिक आपूर्ति निगम के परिवहन कार्य में दर्जनों ऐसे वाहन संलग्न है जिनका न रोड टैक्स सालो से चुकाया गया है न फिटनेस है और न ही बीमा पर परिवहन विभाग और यातायात विभाग की मेहरवानी से ये वाहन खुलेआम सड़को पर दौड़ते फिर रहे है शासन को मोटा चूना लगाकर भी।
कई लाख रुपए राजस्व जुटा सकता है परिवहन विभाग
नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों से आने और जाने वाले अधिकांश वाहनों में परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित भार से अधिक बजन होता है जिसकी प्रमाणित जानकारी विभाग के दस्तावजों से प्राप्त की जा सकती है यदि पिछले एक वर्ष की जानकारी भी विभागों से जुटाकर इस दस्तावेजी प्रमाण के आधार पर परिवहनकर्ताओं पर नियमानुसार जुर्माना लगाया जावे तो परिवहन विभाग को कई लाख रुपयों के राजस्व की प्राप्ति हो सकती है और ये आंकड़ा करोड़ रुपए से अधिक हो जाए तो भी अचरज की बात नहीं है।
जिला प्रशासन से जनहित में अपेक्षा है कि इन परिवहनकर्ताओं को जब शासन द्वारा निर्धारित भाड़ा चुकाया जा रहा है तब उसी शासन के द्वारा निर्धारित परिवहन के नियमो निर्देशों में कोताही क्यों बरती जा रही है, इससे सरकार को चूना भी लग रहा है और जिले भर की सबके भी जर्जर हो रही है अतः इन परिवहनकर्ताओं के विरूद्ध। नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जावे।