लॉक डॉउन में ढील मिलते ही, सड़कों पर उमड़ी जनता की भारी भीड़
*आटो भी चले सवारी और उपनगरीय क्षेत्रों में भी सब सामान ढुलने लगा*
*नगर पंचायत का अमला दुकानदारों को समझाइश देने निकला दुकान बंद करो*
*मोटर सायकिल पर बिके समोसे – आलूबंडे*
जनपथ टुडे, डिंडोरी अप्रैल 6, 2020, कोरोना संक्रमण के बचाव के चलते 22 मार्च को देश भर में प्रधानमंत्री की अपील पर जनता कर्फ्यू के बाद लॉक डॉउन की घोषणा और फिर पहले चरण के बाद दूसरा और फिर 4 मई से लॉक डॉउन के तीसरे चरण की शुरुआत हो गई और इस चौथे चरण में ग्रीन और ऑरेंज जोन में दी गई कुछ ढील के चलते कल और आज जिला मुख्यालय में लोग ऐसे टूट पड़े कि प्रशासन को संभालने में छूटे पसीने कलेक्टर साहब ने खुद संभाली कमान।
पिछले 41 दिनों में देश में व्याप्त कोरोना के असर प्रभावितों की बढ़ती संख्या, कोरोना से मौत, टेस्ट की प्रक्रिया, संक्रमण के फैलने के कारणों और सोशल डिस्टेंटिंग का पाठ हर जगह बताया और समझाया जाता रहा पर कल मिली थोड़ी सी छूट के बाद बाजार में लोगों
का हुजूम और सड़कों पर दो पहिया, चार पहिया वाहनों की संख्या देखकर साफ़ महसूस हुआ जैसे किसी ने कुछ नहीं सीखा, कुछ नहीं समझा कोरोना से कैसे लड़ना है बल्कि कोरोना से लड़ना है तो सरकार लड़े और प्रशासन लड़े। हम 135 करोड़ की भीड़ में पैदा हुए लोग अब अकेले नहीं रह सकते, जाहिर तौर पर कोरोना संक्रमण के भय से मुक्त जन सैलाब जरूरी एतियायत और कोबिड – 19 के निर्देशों की पूरी हवा निकालता दिखा। हालाकि जिले में लागू धारा 144 के चलते पुलिस ने अनियंत्रित सी होती स्थितियों को तत्काल भांपते हुए पुलिस बल को चौकस कर दिया और जगह जगह लगे बेरीकेट्स और पुलिस बल ने सख्त प्रयास करते हुए स्थिति को अनियंत्रित होने से रोकना प्रारंभ कर दिया और सख्ती की गई तब भीड़ पर कुछ लगाम कसी जा सकी। वहीं किराना, सब्जी, दवाई दुकान, पेट्रोल पम्प, के साथ इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और भवन निर्माण सामग्री की दुकानें खोलने की छूट जिला प्रशासन द्वारा दिए जाने के आदेश के बावजूद बहुत से अन्य कारोबारियों ने भी अपनी अपनी दुकानों के सटर ऊपर कर ही दिए थे जिसकी जानकारी लगते ही नगर पंचायत का अमला बाजार में निकल पड़ा और तमाम दुकानदारों को समझाइश दी गई कि आप दुकान बंद कर ले आपको छूट नहीं दी गई है उसपर बहुत से दुकानदार बहस करते और अपना तर्क परोसते रहे, फिलहाल नगर पंचायत द्वारा किसी भी दुकानदार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई।
वित्तीय संस्थाओं और फाइनेंस कम्पनियों ने भी जोर आजमाइश की
जिला मुख्यालय में बैंकिंग संस्थाओं के अलावा कुछ अन्य वित्तीय संस्थाओं और फाइनेंस कम्पनियों ने भी अपने ऑफिस विगत दिनों खोलने की कोशिश की जिसकी जानकारी मिलने पर प्रशासन ने पुलिस को भेजकर इनको बंद करवाया गया।
सड़को पर आटो रिक्शा के पहिए भी चले
कुछ एक आटो रिक्शा में नगर की सड़कों पर चलते दिखे कुछ उपनगरीय क्षेत्रों में दुकानों से सामान ढोते दिखे तो कुछ सवारियों को सैर कराते नजर आए, कुछ अपनी कारोबारी मजबूरी के चलते तो कुछ जरूरतमंदो को सहारा देने सड़कों पर उतरे थे वहीं कुछ आटो चालक अपना हौसला आजमाने और छूट का जायजा लेने शहर की सड़कों पर उतर आए थे।
बाइक पर चलता फिरता कारोबार
लॉक डॉउन में सिर्फ कोरोना वायरस की वैक्सीन इजाद करने ही प्रयोग नहीं किए गए बल्कि अपने अपने तरह के कई प्रयोग बाजार में दिखाई दिए जिसमें कहीं घर से पान गुटके से लेकर मोमोज तक की बिक्री हुई तो वहीं नशीले पदार्थो की होम डिलेवरी के कॉन्सेप्ट की सफलता की भी चर्चा है, ये सवाल भले ही खड़ा होता है कि शराब घर पर परोसने वालों को किस तरह की आवश्यक सेवा का पास प्राप्त है, जो वे लॉक डॉउन के चलते भी नगर भर में मुस्तैद पुलिस बल के बाद भी होम डिलेवरी दे पाने में सफल हो रहे है। कुछ एक पान और गुटका विक्रेता अपनी बाइक से आर्डर पर होम डिलेवरी देते रहे वहीं अब सड़क पर गरम समोसे और आलूबंडे की चलती फिरती दुकान भी दिखाई देने लगी है।
अन्य कारोबारियों ने भी की छूट की मांग
जिला प्रशासन ने जिले में आवश्यक सामग्री की आपूर्ति के लिए अब समय में भी कुछ और समय बढ़ा दिया है और कुछ और सीमित कारोबार भी इस सूची में शामिल कर दिए गए है पर अन्य कारोबारी जिला प्रशासन के द्वारा लिए गए निर्णय और आदेश से खुश नहीं है, उनका तर्क है कि अन्य पड़ोसी जिले जो कि आरेंज जोन में है उनमें अधिक कारोबार को छूट दी गई है समय भी आठ से चार बजे तक का रखा गया है तब डिंडोरी में प्रशासन अधिक सख्त क्यों है? इसी के साथ कपड़ा कारोबारियों ने प्रशासन से उन्हें दुकानें खोलने की छूट दिए जाने की मांग करते हुए ज्ञापन भी सौंपा है किन्तु प्रशासन ने अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है और फिलहाल ऐसी कोई संभावना भी नज़र नहीं आ रही है।
लगातार लंबी बंदिश के बाद लोग बेचैन है कुछ परेशान भी होगे इससे नकारा नहीं जा सकता पर कोरोना के संक्रमण और फैलाव पर अभी शासन के निर्देशों और प्रशासन के आदेशों को मानना जनहित में बेहद जरूरी है, जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश में इसकी आवश्यकता को भी साफ तौर पर बताया गया है, प्रवासी मजदूरों के जिले में वापस आने के बाद की स्थितियों पर नज़र बनाए रखना और सोशल डिस्टेंसइंग को बनाए रखना बेहद अहम है। जिले में संक्रमण की स्थिति ठीक है पर ऐसी सुरक्षित भी नहीं है कि सारे बचाव के उपाय त्याग दिए जावे।
पुरानी डिंडोरी में आज खुली दुकानें