पानी के लिए भटकते भदराटोला वासी, विक्रमपुर/बजाग
कुर्सी तक सिमटी अफसरशाही, गांव में पीने को पानी नहीं
जनसुविधाओं को लेकर पूरी तरह उदासीन है पंचायत
जनपथ टुडे,डिंडोरी, 29 मई 2020, बजाग विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत विक्रमपुर के भादरा टोला में पानी की समस्या से जूझ रहे है लोग, इनके सामने दिनो दिन पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। इस ग्राम के रहवासी गांव से दूर एक जर्जर हो चुके कुएं से पीने का पानी लाने मजबूर है, इस कुएं का भी पानी गंदा है जिसे छान कर ही पीना संभव है। गांव का इकलौता हैंडपंप भी सूख चुका है और लोग हलकान है।
इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि वर्षों से इस गांव की इस भीषण समस्या से बाकिफ है पर अब तक कुछ नहीं किया, शासन – प्रशासन को जानकारी भी नहीं और जवाबदार लोगो ने ध्यान नहीं दिया आज तक, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कुएं से जान जोखिम में डालकर ग्रामीण पानी भरने जाते है उस पर भी उन्हें न तो साफ पानी मिल पा रहा है और न ही पर्याप्त मात्रा में उन्हें इससे पानी मिलता है, कैसे भी गुजर भर कर रहे है लोग।
विकराल समस्या से जूझ रहे इस ग्राम के लोगों की सुध न तो ग्राम पंचायत ने अब तक ली और न ही ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के मैदानी अमले ने अब तक इस गांव में वर्षों से खड़ी इस समस्या से विभाग को अवगत करवाया। जिसके चलते आज तक इस समस्या का निदान नहीं हो पाया है।
पंचायत के सचिव का कहना है कि कूप निर्माण का एस्टीमेट बन कर गया है, वर्षों से चल रही समस्या के निदान को लेकर अभी तक पंचायत कितना गंभीर है ये समझ आता है, गर्मियां लगभग समाप्त होने को है और कुआ बनना अब आगामी सत्र की बात रही, इतनी सुस्त पंचायत की कार्यवाही और हलाकन लोग जिम्मेदार कोई नहीं? अधिकारियों की जिम्मेदारी केवल अपनी कुर्सी बचाना और शासन स्तर पर रिपोर्ट पहुंचना भर है।
कार्यपालन यंत्री,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, आर. एस. डेहरिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस गांव में हैंडपंप का पानी नीचे जा चुका है और अब उसमें पाईप बढ़ाए जाना संभव नहीं है। उनका कहना है कि उन्होंने जानकारी मिलने पर पंचायत को आदेशित कर दिया है,टैंकर से पानी आपूर्ति चालू की जावेगी, जिसका भुगतान जिला पंचायत के माध्यम से किया जावेगा।
नल जल योजना के तहत अब तक इस गांव में पेयजल की समस्या का निदान नहीं किया जा सका है न ही पी. एच. ई. के मैदानी अमले ने ग्राम में जलसंकट की जानकारी विभाग तक पहुंचाई, पी एच ई के अधिकारी आज गांव में टैंकर से पानी पहुंचाए जाने की जानकारी दे रहे है।
जबकि पूरी गर्मी निकल गई और अब तक गांव की समस्या का कोई हल निकाला जाना तो दूर की बात है विभाग में इसकी जानकारी तक दर्ज नहीं थी, भले गर्मी पूर्व शासन इस तरह की जानकारी जुटाकर उसके निदान के प्रयास हेतु शक्ति से निर्देश जारी करता है पर विभाग को जानकारी तक मीडिया से मिलती है जो विभाग की कार्यप्रणाली को उजागर जरूर करता है। सरकारी जानकारी को माने तो मात्र चार दिन बाद मानसून सक्रिय होने को है अब टैंकर की व्यवस्था की जाएगी। अब तक समस्या की जानकारी विभाग को न होना विभाग की सक्रियता पर बड़े सवाल खड़े करती है।
किसी भी जवाबदार एजेंसी ने यदि गंभीर हो कर कार्यवाही की होती तो आज समस्या इतनी विकराल न होती लोग जोखिम उठा कर गंदला पानी पीने मजबुर नहीं होते पंचायत सार्वजानिक और हितग्राहीमूलक कूप गांव में बनवा सकती थी पी एच ई विभाग झिरिया, नलजल योजना आदि कोई न कोई वैकल्पिक व्यवस्था जरूर कर सकती थी।
( बजाग से धर्मेंद्र मानिकपुरी के रिपोर्ट)