ठाड़पथरा के बैगाजन को प्रशासन की संवेदनशीलता से मिली बड़ी राहत, गांव में शुरू हुए मेढ़ बंधान के कार्य

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“जनपथ टुडे” ने वनग्राम की समस्या को किया था उजागर

बैगाआदिवासियों की स्थिति संज्ञान में आते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव पहुंचकर पंचायत को दी थी हिदायत।

 

जनपथ टुडे, 30 मई 2020, डिंडोरी – चाड़ा बजाग के करीबी वनगग्राम ठाड़पथरा जो कि करंजिया जनपद की ग्राम पंचायत है, लॉक डॉउन के चलते यहां के निवासी बैगा परिवारों को अपने भरण पोषण में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, ग्राम पंचायत द्वारा लोगो को रोजगार नहीं दिए जाने और जनजाति महिलाओं को पोषण आहार की राशि न मिलने की शिकायतों को जनपथ टुडे ने प्रमुखता से उठाया था।

जिसको संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन ने एसडीएम, तहसीलदार, सीईओ सहित पंचायत प्रतिनिधियों को ग्राम का जायजा लेने भेजा और अधिकारियों ने गांव की स्थिति पर जनपद पंचायत के सीईओ और पंचायत को शीघ्र से शीघ्र गांव में रोजगार मूलक कार्य शुरु कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही गांव के लोगो को खाद्य सामग्री का भी वितरण करवाया गया था।

गांव की महिलाओं को पोषण आहार की राशि न मिलने की भी शिकायत पर अधिकारियों ने ग्राम पंचायत को सख्त निर्देश दिए थे जिस पर कार्यवाही तेज कर महिलाओं की इस कठिनाई का भी अब निदान कर लिया गया है।

 

मनरेगा से शुरू हुए मेड़ बंधान के कार्यों में महिला पुरुष के रहे है काम, खुश है प्रशासन के प्रयास से

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत के सचिव बहादुर सिंह बट्टी ने कल हमें ग्राम के लगभग 100 ग्रामीणों को काम पर लगाए जाने की जानकारी दी। आज सुबह ही हमारी टीम वनग्राम ठाड़पथरा पहुंची जहां उप सरपंच की देखरेख में गांव के तीन किसानों के खेत में कार्य चल रहा था जिसमें सभी लोग पूरे मनोयोग से काम में लगे दिखाई दिए, पुसुप पिता छोटू, सम्मत बाई पति रैतू और झुनिया बाई पति सेमलाल के खेत पर मनरेगा से किए जा रहे कार्य को ले कर जहां खेत के मालिक अत्याधिक खुश नज़र आ रहे थे वहीं सभी मजदूरी कर रहे ग्रामवासी इस बात से खुश नज़र आए कि शासन की योजना से हम लोगो को रोजगार भी मिल रहा है और हमारे खेत भी ठीक हो जाएंगे।

 

बताया जाता है कि ग्राम पंचायत द्वारा अभी चार किसानों के खेतो पर मेड़ बंधान का कार्य स्वीकृत किया है और काम चल रहा है।

कार्य स्थल पर श्रमिकों को मास्क के स्थान पर गमछा भी वितरित किया गया, ताकि कोरोना के निर्देशों का पालन हो सके। ग्राम के बुजुर्गो ने बताया कि विगत पांच वर्षों में हमारे गांव में सिर्फ एक सड़क का निर्माण पंचायत द्वारा किया गया था और अब ये कार्य लोगो को कठिनाई के समय में रोजगार उपलब्ध करा रहा है, ग्रामवासियों की वर्षों से जो शिकायते कोई नहीं सुन रहा था “जनपथ टुडे” के प्रयासों से उनका हल तत्काल निकल आया

।गौरतलब है कि इस ग्राम पर प्रशासन पूरी तरह से निगरानी बनाए हुए है यहां के लोगों ने बताया कि आजीविका मिशन के माध्यम से उन्हें दो दिन पहले फिर से खाद्य सामग्री, दाल, तेल, मिर्च, मसाला वितरित किया गया है।

 

मैदानी अमले की अनदेखी से पैदा होता है संकट

जिले के ग्रामीण अंचल खास तौर पर वन ग्रामों में ऐसी ही छोटी दिखाई देने वालीं कठिनाइयां है जो कि गांव के गरीब और अशिक्षित पिछड़े लोगों के लिए बड़ा संकट होती है। शासन की योजना और प्रशासन के प्रयासों में कहीं कमिया नहीं है किन्तु क्षेत्र में जिम्मेदारी निभाने वाले अमले के गंभीर न होने से इनका हल नहीं निकल पाता।

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