पॉलीटेक्निक व्याख्यता संघ के साथ हो रहे शोषण के विरुद्ध पोल खोल अभियान
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 7 जून 2020, को जारी प्रेस विज्ञापित में पॉलीटेनक अतिथिव्याख्याता संघ के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष जसवंतसिंह एबं संभाग संयोजक सचिन वासनिक जी ( पॉलिटेकनिक कॉलेज डिंडोरी) ने बताया कि पॉलीटेक्नीक अतिथि व्याख्याता के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है। शासन को पता होने के बाद भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा है । पूर्व में फिक्स वेतन संबंधी आदेश 27 फरवरी 2020 को जारी किया गया था, जिस पर आज तक कार्यवाही नहीं हुँई।उसके अनुसार 3 दिवस में प्रदेश के प्राचार्य को अतिथि व्यख्याताओ से संबन्धित जानकारी उपलध करानी थी लेकन आज 3माह हो गए है और उस आदेश से सन्बधित कार्यवाही का कोई पता नहीं है। 5 मार्च 2020 को संगठन के प्रतिनिधि मंडल द्वारा फिक्स वेतन संबंधी ज्ञापन दिया था लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई न ही संगठन को अवगत कराया गया है।आलम तो यह है कि कोरोना वायरस की भीषण महामारी में लॉकडाउन मानदेय संबंधी आदेश 23 मई 2020 को जारी किया गया है और आदेश केअनुसार निरंतर मानदेय देने कहा गया है। लेकिन 16 मार्च 2020 से प्रदेश के सभी कॉलेज पूरी तरह बंद है उसके बाद भी मानदेय अलग अलग तरह से दिया जा रहा है जो शोषणकारी कालखंड व्यवस्था के कारण हो रहा है। मानदेय नियुक्ति आदेश 11 माह के अनुसार 16 मार्च 2020 से 15 जनू 2020 तक दिया जावे। तकनीक शिक्षा विभाग मे हो रहे शोषण को शासन द्वारा भेदभाव न कहे तो क्या कहे जब देश के उच्च शिक्षा विभाग के अतिथियों को लॉक डाउन के समय मार्च से जून 2020 तक प्रतिमाह 30 हजार रुपए मानदेय दिया जा रहा है।
जबकि तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिथि को पूरे लॉक डाउन मे अलग अलग कॉलेज मे 15 दिन, 20 दिन, 25 दिन या 38 दिन का कुल 4 माह का मानदेय दिया जा रहा है, जो पूरी तरह शोषण को उजागर कर रहा है। पॉलीटेनक अतिथि व्याख्याता संघ के प्रदेश सचिव देवीदन अहरवार ने बताया की पॉलीटेक्नीक अतिथि व्याख्याता का फिक्स वेतन लागू ना होने से परेशान
और शोषण से त्रस्त होकर पोल खोल अभियान शुरु कर रहे है। जिसमें हो रहे शोषण को उजागर किया जाएगा एवं विरोध भी होगा। चाहे प्राचार्य, विभाग और शासन किसी के द्वारा भी हो रहा हो सभी के खिलाफ अभियान छेड़ा जाएगा।