प्रदेश के मुख्यमंत्री बदले जाने की चर्चा तेज

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जनपथ टुडे, प्रदेश सरकार बनने के बाद दूसरे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बदले जाने की चर्चाएं विगत दो दिनों से तेज हो गई है। कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया था तब भी मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा नरेंद्र सिंह तोमर की भी काफी मजबूत थी किन्तु अंत में शिवराज सिंह की ही ताजपोशी हो जाने के बाद लगा था कि मामला शांत हो गया है परन्तु पिछले कुछ दिनों से फिर प्रदेश का मुख्यमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बनाए जाने की चर्चाएं तेज हो रही है।

एक ओर 30 जून तक प्रदेश में मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा है और प्रदेश के कई बड़े नेता दिल्ली में है और मंत्रिमंडल को लेकर अंतिम फैसला होने की जानकारी आ रही है। इसी बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर नरेंद्र सिंह तोमर को बैठाए जाने और शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्री की शपथ दिलवाई जा सकती है ये भी चर्चा है।

गौरतलब है कि बहुत जल्दी प्रदेश में विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं और इनमें से अधिकतर सीट चंबल क्षेत्र है और नरेंद्र सिंह भी चंबल से आते है और इनको मुख्यमंत्री बना कर क्षेत्र में जीत की अधिक संभावना को देखते हुए ये निर्णय लिया जा रहा हो। आज की खबर ये भी है कि अचानक दोपहर में चंबल क्षेत्र के ही भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा भी दिल्ली कूच कर गए है।

अभी ये सब चर्चा में है और कहीं न कहीं शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर और ज्योतिरादित्य सिंधिया को साधे बिना नरेंद्र सिंह तोमर की ताजपोशी का निर्णय भाजपा आलाकमान के लिए आसान नहीं है। अभी अभी भाजपा में आए सिंधिया भी नरेंद्र सिंह तोमर को आसानी से हजम कर पाएंगे ये भी संभव नहीं है और फिर विजय वर्गीय, गोपाल भार्गव के साथ प्रदेश के कई आदिवासी नेता भी दिल्ली से आलाकमान का यह फैसला पचा पाएगा कठिन लगता है, सिंधिया के भाजपा में आने और

 

उनके समर्थकों को भाजपा द्वारा उप चुनाव में टिकट दिए जाने का अभी विरोध हो ही रहा है। गौरतलब है कि नरेंद्र सिंह तोमर केंद्र में राजनाथ सिंह के करीबी माने जाते है और चंबल क्षेत्र के अलावा प्रदेश में उनकी लोकप्रियता कम है वहीं शिवराज सिंह लगातार मुख्यमंत्री रहते हुए प्रदेश में खासे लोकप्रिय है। फिर भी राजनीतिक उठापटक के बीच फिलहाल नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश की कमान सौंपे जाने की चर्चाएं तेज है।इस चर्चा को और बल तब मिला जब शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के फौरन बाद नरेन्द्र सिंह तोमर से मिलने उनके घर पर पहुंचे,यद्यपि अपने अच्छे खासे लोकप्रिय मुख्यमंत्री को हटाने का फैसला कितना भी आवश्यक हो लेकिन आसान बिल्कुल नहीं होगा। वहीं प्रदेश के राजनीतिक हालात में भाजपा को प्रयोग करने की बहुत जरूरत भी नहीं है किन्तु फिर भी पार्टी निर्णय ले सकती है और यह फेरबदल संभावित बताया जा रहा है।

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