“रोजगार सहायक” से “सीईओ जिला पंचायत” तक गोलमाल में शामिल

Listen to this article

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 1 जुलाई 2020, गौरतलब है कि समनापुर विकासखंड के ग्राम पंचायत प्रेमपुर के रोजगार सहायक संतोष कुमार पाराशर पर हितग्राहियों द्वारा की गई शिकायत, कि रोजगार सहायक द्वारा उनके प्रधानमंत्री आवास की राशि अपने खाते में डाल कर हड़प ली गई। इस शिकायत पर जनपद पंचायत द्वारा कराई गई जांच में मामला प्रमाणित पाए जाने के बाद उक्त सचिव को जनपद द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्तगी के दौरान विगत 11 जून को अचानक उक्त रोजगार सहायक को जिला पंचायत सीईओ पदमुक्त होते होते बहाली का आदेश थमा गए। इस मामले कि चर्चा करने पर सचिव को बहाली आदेश देकर यहां से जा चुके सीईओ जिला पंचायत एमएल वर्मा द्वारा गोलमोल जवाब दिया जा रहा है। कुल मिलाकर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है जबकि क्षेत्र में उक्त रोजगार सहायक की बहाली को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है और जिले की प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं। जिस रोजगार सहायक पर आरोप था हितग्राहियों की राशि हड़पने का और मामला प्रमाणित पाए जाने पर उसे बर्खास्त किया गया जो उसकी सेवा बहाली कैसे की जा सकती है? बर्खास्तगी की कार्यवाही के विरूद्ध जांच करवाए बिना यदि बहाली हुई है तो इसमें बड़े गोलमाल की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है और रोजगार सहायक से लेकर जिला पंचायत सीईओ स्तर पर गोलमाल के आरोप लगे तो उस जिले की जिला पंचायत की कार्यप्रणाली जनहित में होना कतई संभव नहीं है। क्षेत्र की जनता ने जिला कलेक्टर से मांग की है उक्त प्रकरण की जांच करवाते हुए न सिर्फ दोषी रोजगार सहायक को हटाया जाए, बर्खास्त किया जाए बल्कि उसको बहाल करने वाले जिला पंचायत के विरुद्ध भी प्रशासनिक कार्यवाही की जावे। रोजगार सहायक को पद से बर्खास्त नहीं किया गया तो जिले भर में इस तरह की गतिविधियों में संलग्न पंचायत कर्मियों के हौसले बढ़ेंगे और आमजन को गंभीर परिणाम भोगने पड़ेंगे।

Related Articles

Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809 666000