किसलपुरी पंचायत, अधूरा बना समुदायिक भवन होने लगा जर्जर
सरपंच को नहीं किसी का डर
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 3 जुलाई 2020 ग्राम पंचायत किसलपुरी में वर्ष 2018 में स्वीकृत सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य अभी अधूरा है, जिसकी वजह बताई जाती है कि 12.9. 2018 को राज्य शासन द्वारा इस निर्माण कार्य हेतु 20 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई किन्तु अब तक 10 लाख रुपए की राशि ही प्राप्त हुई है, जिसके चलते कार्य अधूरा है। ग्राम पंचायत द्वारा बनवाए गए भवन की गुणवत्ता का खुलासा अभी से होने लगा है और सामुदायिक भवन में लगाई गई ईट बरसात में घुलने लगी हैं। जिसको लेकर ग्रामवासियों में भारी आक्रोश है और लोगों के द्वारा गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किए जाने की जांच करवा कर सरपंच और सचिव के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही किए जाने की बात कही जा रही है। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत द्वारा किए जा रहे सभी निर्माण कार्य में सरपंच द्वारा घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया जाता है।
सरपंच कार्य में कमी को झुठलाने में लगे
एक तरफ उक्त भवन में लगी ईट कार्य पूर्ण होने के पहले ही घुलने लगी है जिसकी चर्चा करने पर बिना कोई जवाब दिए सरपंच आत्माराम बनवासी कहते है कि गड़बड़ है काम तो समाचार बना के लगा दो। सरपंच का कहना है पैसा पूरा नहीं आया है जितना पैसा मिला है उतना काम हो गया है और भवन जर्जर नहीं हो रहा है ईट घुल रही है तो मै क्या करू। कुल मिला कर घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है भवन निर्माण में और जब लोग उसकी बात करते है तो सरपंच को ये रास नहीं आता, सीधे तरीके से बात करने के बजाय वे पत्रकारों से भी बेतुकी बात करते है जिससे साफ जाहिर है कि उन्हें विभाग के अधिकारियों से संरक्षण प्राप्त है और उन्हें किसी का डर नहीं है, न वे जांच से डरते है न किसी कार्यवाही से शायद उन्हें मालूम है कि ऐसे आरोपों से उनका कुछ नहीं बिगड़ने वाला। जनपद में बैठे अधिकारियों और तकनीकी अमले को शासन की राशि से हो रहे घटिया निर्माणों से भी कोई लेना देना नहीं है उनका लक्ष्य सिर्फ आबंटित राशि से कार्य पूर्ण करके कागजी खानापूर्ति कर दी जावे। गुणवत्ता और मूल्यांकन में चल रही अनदेखी का परिणाम है कि शासन की राशि से हो रहे निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है और जिम्मेदार आख बंद किए बैठे है।