शहपुरा सीईओ की कार्यप्रणाली से सरकार की बदनामी हो रही है :- ज्योति प्रकाश धुर्वे

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 5 जुलाई 2020, विगत दिनों डिंडोरी जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति प्रकाश धुर्वे ने शाहपुरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों का दौरा किया जहां निर्माण कार्यों में गड़बड़ियां, लोगो की शिकायतों की सुनवाई नहीं होने, ग्रामीणों को तंग किए जाने, शासकीय योजना का लाभ देने के नाम पर गरीब ग्रामीणों से रिश्वत वसूले जाने और सरपंच, सचिव, रोजगार सहायकों की तमाम शिकायतों के बाद भी उनके विरूद्ध जनपद सीईओ द्वारा कार्यवाही न किए जाने। कोरोना के बचाव हेतु आई राशि पंचायतों द्वारा डकारे जाने और उपयत्रीयो की मिली भगत से भारी भ्रष्टाचार के आरोप ग्रामीणों ने लगाए। कई मामलों की तत्वों के साथ शिकायत लोगो ने जिला पंचायत अध्यक्ष से की। जिला पंचायत अध्यक्ष का फोन सीईओ द्वारा नहीं उठाए जाने से मामलों की पुष्टि नहीं हो सकी और इस बात पर अध्यक्षा ने अपनी नाराज़गी व्यक्त की है।

बस्तरा, बरौदी, टिकरिया, बरखेड़ा ग्राम पंचायतों में लोगों ने गड़बड़ी किए जाने की शिकायत की। जिला पंचायत अध्यक्ष ने ग्राम पंचायतों में गड़बड़ घोटालों और लोगो की सुनवाई न होने और व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए सीईओ को दोषी बताते हुए, उनकी कार्यप्रणाली से सरकार की बदनामी होने, जनता में सरकार की छवि खराब होने की बात कही है।

 

पुतला दहन और ट्रांसफर के बाद भी डटे हुए है सीईओ

गौरतलब है कि सचिव और रोजगार सहायकों की ढेरो शिकायतों के बाद भी उन पर कार्यवाही न करने के आरोप और उन्हें संरक्षण दिए जाने के आरोप शहपुरा क्षेत्र की जनता लगाती रही है। विगत दिनों केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते से एक सप्लायर ने लिखित शिकायत कर सीईओ द्वारा चालीस हजार रुपए लेकर भी उसका भुगतान न कराए जाने के आरोप लगाए थे। फिर भी अब तक सीईओ के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। इसके बाद सीईओ का तबादला हो गया था किन्तु वे फिर भी शहपुरा जनपद में डटे हुए है। विगत दिनों भ्रष्टचार और शिकायतों की सुनवाई न करने के चलते कुछ संगठनों के द्वारा सीईओ का पुतला दहन तक किया गया था। इसके विरुद्ध जनपद के कर्मियों को संगठित कर विरोध प्रदर्शन करवाने के बाद प्रशासन और पुलिस पर दबाव बना कर उन प्रदर्शन करियो के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था, उक्त संगठन द्वारा पुलिस से अनुमति लेकर पुतला दहन जनपद में सीईओ के खिलाफ व्याप्त असंतोष और आक्रोश के चलते किया गया था।

 

कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाया सीईओ का

अब तक जो समझ आ रहा है उससे जाहिर है कि सीईओ को संरक्षण प्राप्त है जिसके चलते जनपद की पंचायतों में खुलेतौर पर घोटालों के आरोप लोग लगा रहे है। ग्रामीणों की शिकायतों पर कार्यवाही नहीं की जाती, केंद्रीय मंत्री से शिकायत और जिला पंचायत अध्यक्ष की नाराज़गी और तबादले के बाद भी सीईओ ट्स से मस नहीं हो रहे। इन सब आरोपों से सरकार की छवि ही नहीं बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते है जो एक जनपद सीईओ को व्यापक जनविरोध के बाद भी पटरी पर नहीं ला ला रही।

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